Cyber Fraud: रीवा मेडिकल कॉलेज के रिटायर्ड डीन के खाते 10 लाख पार, जांच में जुटी साइबर टीम

Banking Fraud in Rewa: SSMC के रिटायर्ड डीन डॉ. पीसी द्विवेदी साइबर फ्रॉड के शिकार हो गए। उनके खाते से 10 लाख रूपये निकल गए हैं।

Update: 2022-04-23 05:38 GMT

Cyber Fraud

Cyber Fraud in Rewa: रीवा के श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय (SSMC) के रिटायर्ड डीन डॉ. पीसी द्विवेदी साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) के शिकार हो गए। उनके खाते से 10 लाख रूपये निकल गए हैं। इसकी जानकारी मोबाइल पर आए मैसेस से मिलते ही उन्होंने बैंक प्रबंधन और पुलिस को अवगत कराया। अमहिया थाना में उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस साइबर टीम की मदद से आरोपी तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।

बताया जा रहा है कि डॉक्टर कॉलोनी में रहने वाले डॉ. पीसी द्विवेदी (Dr PC Dwivedi) के साथ यह साइबर फ्रॉड गुरुवार को हुआ है। अपने चिकित्सकीय कार्यों में व्यस्त होने की वजह से वे पहले तो ध्यान नहीं दे पाए, लेकिन जैसे ही मोबाइल पर आए मैसेस को देखा तो उनके पैरों तले से जमींन निकल गई। उनके खाते से 9 लाख 34 हजार 364 रुपये निकल गए, वे फ्रॉड का शिकार हो चुके थें। उन्होंने इसकी जानकारी तत्काल ही अपने बेटे डॉ. दीपक द्विवेदी को दी।

बताया गया है कि वे पंजाब नेशनल बैंक के खाताधारक है। इतनी बड़ी रकम निकलते ही वे सीधे बैंक पहुंचे। जहां पता चला कि वे साइबर क्राइम के शिकार हुए है। जिस पर तुरंत ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी। पुलिस भी तत्काल ही जांच में जुट गई।

इस तरह हुए शिकार

डॉ. पीसी द्विवेदी ने बताया कि डाक से क्रेडिट कार्ड (Credit Card) आया था। जिसका पिन जनरेट करने के लिए लॉगिंग किया। इसी बीच एक लिंक आया। लिंक आने पर वे आवश्यक जानकारियां भर रहे थे। वे नहीं समझ पाए कि साइबर क्राइम (Cyber Crime) से जुड़ा व्यक्ति अपना काम कर रहा है। इनके द्वारा सारी जानकारियां देते ही खाते से रकम निकल गई।

फोन हैक कर करते है रकम पार

जानकार बताते हैं कि साइबर क्राइम करने वाले तरह-तरह की तकनीक अपनाते हैं। इनके द्वारा फोन हैक (Smartphone Hacking) कर भी रकम पार की जाती है। डॉ. द्विवेदी के खाते से रकम पार करने के दौरान भी ऐसा ही कुछ हुआ है। बताते हैं कि इनके खाते से 24 बार में यह बड़ी रकम निकाली गई है।

OTP का कोई चक्कर नहीं

आमतौर पर कहा जाता है कि साइबर क्राइम करने वाले अपना शिकार OTP भेजकर करते हैं। डॉ. द्विवेदी बताते हैं कि कोई ओटीपी नहीं आई। उन्होंने यह भी बताया कि वे इंटरनेट बैंकिंग (Internet Banking) का भी उपयोग नहीं करते थे। लेकिन जिस समय उनके साथ यह घटना हुई, उस दौरान इंटरनेट बैंकिंग सेवा भी शुरू की गई।

केरल के खाते में गई रकम

साइबर फ्रॉड के पीड़ित डॉ. द्विवेदी के खाते से जो रकम ट्रांसफर हुई है, वह ऐसे बैंक खाते में गई है, जिसकी ब्रांच सिर्फ केरल में हैं। पंजाब नेशनल बैंक प्रबंधन भी अपने स्तर पर आवश्यक जांच में जुटा है। उधर पुलिस ने भी पूरी ताकत झोंक रखी है।

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