Premanand Maharaj News: Kidney Donation Rules in India Explained
Premanand Maharaj News: Shilpa Shetty के पति Raj Kundra ने kidney donate करने की इच्छा जताई, जानें भारत में Kidney Donation के नियम और प्रक्रिया।;
Premanand Maharaj News: किडनी डोनेशन के नियम और प्रक्रिया जानें
वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज हमेशा चर्चा में रहते हैं। उनसे मिलने के लिए आम जनता के साथ-साथ फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े सितारे भी आते हैं। हाल ही में बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा उनसे मिलने पहुंचे। मुलाकात के दौरान राज कुंद्रा ने प्रेमानंद महाराज को अपनी एक किडनी डोनेट करने की इच्छा जताई, लेकिन महाराज ने यह प्रस्ताव विनम्रता से ठुकरा दिया।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, और इससे किडनी डोनेशन के नियम-कानून को लेकर लोगों में जिज्ञासा बढ़ी है। आइए जानते हैं भारत में किडनी डोनेशन और ट्रांसप्लांट के नियम, प्रक्रिया और कानून।
भारत में किडनी डोनेशन के कानून
भारत में किडनी डोनेशन और ट्रांसप्लांट Transplantation of Human Organs and Tissues Act (THOTA) 1994 के तहत किया जाता है। इस कानून का उद्देश्य है कि अंग प्रत्यारोपण केवल कानूनी, नैतिक और सुरक्षित तरीके से हो, ताकि किसी भी प्रकार के अवैध व्यापार और वित्तीय लेन-देन को रोका जा सके।
NOTTO की भूमिका
किडनी डोनेशन की प्रक्रिया National Organ and Tissue Transplant Organization (NOTTO) के दिशा-निर्देशों के अनुसार होती है। यह संस्था अंग दान और प्रत्यारोपण को व्यवस्थित करने, रजिस्ट्रेशन करने और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है।
कौन कर सकता है किडनी डोनेट?
- डोनर पूरी तरह स्वस्थ होना चाहिए।
- आयु सीमा आमतौर पर 18 से 65 वर्ष के बीच होती है।
- करीबी रिश्तेदार जैसे माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नी, बच्चे किडनी डोनेट कर सकते हैं।
- गैर-रिश्तेदार भी विशेष अनुमति लेकर किडनी दान कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए अस्पताल अथॉराइजेशन कमेटी की मंजूरी आवश्यक है।
किडनी डोनेशन की प्रक्रिया
- मेडिकल जांच – डोनर और रिसीवर दोनों का ब्लड ग्रुप, टिशू मैचिंग और अन्य जरूरी टेस्ट।
- कानूनी दस्तावेज़ – पहचान पत्र, रिश्ते का प्रमाण, मनोवैज्ञानिक परीक्षण।
- अथॉराइजेशन कमेटी की मंजूरी – अस्पताल और राज्य स्तर पर।
- सर्जरी – मंजूरी मिलने के बाद ऑपरेशन किया जाता है।
- रिकवरी – सर्जरी के बाद डोनर और रिसीवर दोनों का स्वास्थ्य निगरानी में रखा जाता है।
भारत में स्वैप ट्रांसप्लांट
अगर डोनर और रिसीवर का ब्लड ग्रुप या टिशू मैच नहीं होता, तो स्वैप ट्रांसप्लांट का विकल्प अपनाया जा सकता है, जिसमें दो जोड़े आपस में किडनी एक्सचेंज करते हैं।
मृत्यु के बाद किडनी डोनेशन
- मृत व्यक्ति की किडनी दान करने के लिए परिजनों की सहमति आवश्यक है।
- इसके लिए भी NOTTO रजिस्ट्रेशन और कानूनी प्रक्रिया जरूरी है।
सावधानियां और नियम
- वित्तीय लेन-देन पूर्णतः प्रतिबंधित है।
- सभी टेस्ट और प्रक्रिया अधिकृत अस्पताल में ही की जानी चाहिए।
- डोनर और रिसीवर की सुरक्षा सर्वोपरि है।