मासिक शिवरात्रि 2025: 19 या 20 सितंबर, भगवान शिव पूजा विधि
जानें आश्विन मास की मासिक शिवरात्रि 2025 तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की भक्ति से व्रत करें।;
नई दिल्ली। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से विवाहित जातकों के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है, और अविवाहित जातकों को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। इस आर्टिकल में हम आश्विन माह की मासिक शिवरात्रि 2025 की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि विस्तार से जानेंगे।
Masik Shivratri 2025 Puja Vidhi
मासिक शिवरात्रि 2025 पर पूजा विधि सरल और भक्ति भाव से होती है। सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और सफेद वस्त्र पहनें। पंचोपचार के साथ भगवान शिव और मां पार्वती को फल, फूल और जल अर्पित करें। इस समय शिव चालीसा का पाठ और शिव मंत्रों का जप करें। पूजा का समापन भगवान शिव की आरती से करें और सुख, समृद्धि और विवाहित जीवन में खुशहाली की कामना करें।
Masik Shivratri Date 19 Sep 2025
वैदिक पंचांग के अनुसार, मासिक शिवरात्रि 19 सितंबर 2025 की देर रात 11:36 बजे शुरू होगी और 21 सितंबर की रात 12:16 बजे समाप्त होगी। इस दिन निशा काल में पूजा का समय 11:51 PM से 12:38 AM तक है। मासिक शिवरात्रि का व्रत करना शुभ माना जाता है और यह जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य लाता है।
Masik Shivratri Shubh Muhurat 2025
मासिक शिवरात्रि 2025 का शुभ मुहूर्त देर रात 11:51 बजे से 12:38 बजे तक है। इस समय भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से व्रत का फल अधिक प्राप्त होता है। शुभ मुहूर्त के दौरान पूजा करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली, विवाहित जातकों के लिए सुख और अविवाहित जातकों के लिए जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।
How to observe Masik Shivratri Vrat
मासिक शिवरात्रि व्रत सूर्योदय से पूर्व उठकर किया जाता है। स्नान के बाद श्वेत वस्त्र पहनें और घर की साफ-सफाई करें। भगवान शिव और मां पार्वती को पंचोपचार अर्पित करें। फल, फूल और जल के साथ पूजा करें। शिव चालीसा और मंत्रों का जप करते हुए व्रत का पालन करें। व्रत का समापन शिव जी की आरती से करें।
Fruits & Flowers for Masik Shivratri
मासिक शिवरात्रि पूजा में भगवान शिव को आम, बेल पत्र, दूध, दही, घी, फूल और मौसमी फल अर्पित करें। पूजा के समय शिव जी को मीठा भी अर्पित करना शुभ माना जाता है। फल और फूल से पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और व्रत का फल जल्दी मिलता है।
Masik Shivratri Mantra & Japa
मासिक शिवरात्रि पर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। शिव चालीसा का पाठ करने से व्रत का फल और अधिक मिलता है। मंत्र और जप के दौरान भक्ति भाव बनाए रखना आवश्यक है। इससे मानसिक शांति, सौभाग्य और स्वास्थ्य लाभ होता है।
Masik Shivratri Puja Samagri
मासिक शिवरात्रि पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में बेल पत्र, फूल, फल, जल, दूध, दही, घी, दीपक, धूप, अगरबत्ती और शिवलिंग शामिल हैं। पूजा करते समय सभी सामग्री शुद्ध और साफ होनी चाहिए। पूजा सामग्री की पूरी तैयारी से व्रत का फल अधिक मिलता है और भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
Masik Shivratri Aarti Samay
मासिक शिवरात्रि की आरती रात 11:51 बजे से 12:38 बजे तक होती है। इस समय भगवान शिव और मां पार्वती की आरती करने से व्रत का फल बढ़ जाता है। आरती के समय भजन और मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
Masik Shivratri Snan Puja Vidhi
मासिक शिवरात्रि पर स्नान विशेष महत्व रखता है। गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान करें। स्नान के बाद सफेद वस्त्र पहनें और पूजा स्थल की सफाई करें। स्नान और स्वच्छ वस्त्र पहनने से पूजा का प्रभाव बढ़ता है और भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
Masik Shivratri Marriage Benefits
मासिक शिवरात्रि व्रत करने से विवाहित जातकों के दांपत्य जीवन में सुख और सौभाग्य बढ़ता है। व्रत से पति-पत्नी में मेल-जोल, प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है। यह व्रत विवाह जीवन में खुशहाली और आनंद लाता है।
Masik Shivratri Single People Benefits
अविवाहित जातक मासिक शिवरात्रि व्रत करके शीघ्र विवाह की प्राप्ति कर सकते हैं। व्रत से मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। इस दिन पूजा करने से विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं और विवाह की संभावना बढ़ती है।
Masik Shivratri Life Partner Blessing
मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा से जीवनसाथी प्राप्त करने में मदद मिलती है। भक्ति और श्रद्धा से पूजा करने वाले को मनचाहा साथी मिल सकता है। यह व्रत विशेष रूप से अविवाहित जातकों के लिए लाभकारी है।
Importance of Masik Shivratri Vrat
मासिक शिवरात्रि व्रत का महत्व अत्यंत अधिक है। यह व्रत मन, शरीर और आत्मा की शुद्धि करता है। इसके पुण्य से जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। व्रत से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
Shiva Puja on Masik Shivratri
मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा अत्यंत शुभ होती है। शिवलिंग पर जल, दूध, दही और घी अर्पित करें। फूल, बेल पत्र और दीपक से पूजा करें। मंत्र और भक्ति भाव से शिव पूजा करने से व्रत का फल अधिक प्राप्त होता है।
Maa Parvati Puja on Shivratri
मासिक शिवरात्रि पर मां पार्वती की पूजा भी आवश्यक है। मां पार्वती को पुष्प, जल और मिठाई अर्पित करें। भक्ति भाव से मां पार्वती की पूजा करने से दांपत्य जीवन सुखी रहता है और जीवनसाथी के साथ प्रेम बढ़ता है।
Krishna Paksha Chaturdashi Masik Shivratri
मासिक शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है। यह दिन विशेष रूप से शिव पूजा के लिए शुभ माना जाता है। चतुर्दशी तिथि पर व्रत करने से भगवान शिव की कृपा जल्दी प्राप्त होती है और जीवन में सुख-संपत्ति बढ़ती है।
Masik Shivratri Vrat Timing
मासिक शिवरात्रि व्रत का समय देर रात 11:51 बजे से 12:38 बजे तक है। इस समय पूजा करने से व्रत का अधिक फल मिलता है। समय का पालन करना बहुत आवश्यक है।
Auspicious Time for Masik Shivratri
मासिक शिवरात्रि का शुभ समय व्रत करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। शुभ मुहूर्त में पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और व्रत का फल अधिक मिलता है।
Shiv Chalisa on Masik Shivratri
मासिक शिवरात्रि पर शिव चालीसा का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। भक्ति भाव से चालीसा का पाठ करने से मानसिक शांति और सुख-संपत्ति प्राप्त होती है।
Simple Masik Shivratri Puja Method
मासिक शिवरात्रि की सरल पूजा विधि में सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें, सफेद वस्त्र पहनें और पंचोपचार से शिवलिंग और मां पार्वती की पूजा करें। फल, फूल और जल अर्पित करें।
Shiva Aarti on Masik Shivratri
मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की आरती का महत्व अधिक है। आरती के समय भजन और मंत्रों का जाप करें। आरती करने से व्रत का अधिक फल मिलता है और भगवान प्रसन्न होते हैं।
Home Cleaning on Masik Shivratri
मासिक शिवरात्रि पर घर की सफाई करना अनिवार्य है। पूजा स्थल और घर की साफ-सफाई से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और व्रत का फल अधिक मिलता है।
Sunrise Timing on Masik Shivratri
मासिक शिवरात्रि पर सूर्योदय का समय पूजा प्रारंभ करने के लिए महत्वपूर्ण है। सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान और पूजा करने से व्रत का प्रभाव बढ़ जाता है।
Fruits for Masik Shivratri Vrat
मासिक शिवरात्रि व्रत में शिवलिंग पर आम, केले और मौसमी फल अर्पित करें। फल अर्पित करने से व्रत का फल जल्दी प्राप्त होता है और भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
Shubh Muhurat Puja for Masik Shivratri
मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त देर रात 11:51 से 12:38 बजे तक है। इस समय पूजा करने से व्रत का अधिक फल मिलता है।
Benefits for Married on Masik Shivratri
विवाहित जातक मासिक शिवरात्रि व्रत करने से दांपत्य जीवन में प्रेम और सुख बढ़ता है। घर में शांति और समृद्धि आती है।
Effects of Masik Shivratri Vrat
मासिक शिवरात्रि व्रत करने से मानसिक शांति, सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य लाभ होता है। भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में खुशहाली आती है।
Masik Shivratri Vrat Story
मासिक शिवरात्रि व्रत कथा के अनुसार, जो भक्त मासिक शिवरात्रि व्रत करता है, भगवान शिव उसे मनचाही इच्छाएं पूरी करते हैं। यह व्रत विशेष रूप से जीवनसाथी प्राप्ति और दांपत्य सुख के लिए लाभकारी है।
Devotion during Masik Shivratri
मासिक शिवरात्रि पर भक्ति भाव से पूजा करने वाले को भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। श्रद्धा और भक्ति से की गई पूजा जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाती है।
How to perform Masik Shivratri Puja
मासिक शिवरात्रि पूजा सरल है। स्नान, श्वेत वस्त्र, पंचोपचार, फल, फूल और जल अर्पित करें। शिव चालीसा और मंत्रों का जप करें। पूजा का समापन शिव जी की आरती से करें।
FAQ
Q1: मासिक शिवरात्रि 2025 किस तारीख को है?
- मासिक शिवरात्रि 2025 आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 19 सितंबर से शुरू होगी और 21 सितंबर को समाप्त होगी।
Q2: मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त क्या है?
- पूजा का शुभ मुहूर्त 19 सितंबर को देर रात 11:51 बजे से 12:38 बजे तक है।
Q3: मासिक शिवरात्रि व्रत कैसे करें?
- सूर्योदय से पूर्व उठें, स्नान करें, सफेद वस्त्र पहनें, पंचोपचार के साथ भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करें, शिव चालीसा का पाठ और मंत्रों का जप करें।
Q4: मासिक शिवरात्रि व्रत के लाभ क्या हैं?
- विवाहित जातकों के सुख और सौभाग्य में वृद्धि, अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी और मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है।
Q5: मासिक शिवरात्रि पूजा में क्या अर्पित करें?
- फल, फूल, मिठाई और जल का अर्पण करें।