सर्वपितृ अमावस्या 2025: पितरों की कृपा पाने का विशेष दिन | Sarva Pitru Amavasya 2025

सर्वपितृ अमावस्या 2025 पर जानें शुभ मुहूर्त, तर्पण, पिंडदान और पीपल के पेड़ से जुड़े उपाय | Sarva Pitru Amavasya Muhurat & Rituals 2025;

Update: 2025-09-19 13:09 GMT

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पितृ पक्ष 15 दिनों तक चलते हैं, जिसमें अपने पूर्वजों को भोजन और अर्पण कर श्रधांजलि दी जाती है। इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर से हुई थी और इसका समापन 21 सितंबर को होने जा रहा है। सर्वपितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya 2025) को पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए एक खास दिन माना गया है। इस दिन पर यदि आप ये कार्य करते हैं, तो आपको पितरों का आशीर्वाद मिलेगा।

Sarva Pitru Amavasya 2025 ka mahattva

सर्वपितृ अमावस्या पितृ पक्ष का अंतिम दिन होता है, जिसे पितरों की विशेष कृपा पाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन विशेष तर्पण, पिंडदान और दान करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। यह दिन परिवार की सुख-समृद्धि और पितृ दोष निवारण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

पितृ पक्ष 2025 ki tithi aur samapt

पितृ पक्ष 2025 की शुरुआत 7 सितंबर से हुई थी और यह 21 सितंबर को समाप्त हो रही है। इस अवधि में पूर्वजों को याद कर उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान किए जाते हैं।

सर्वपितृ अमावस्या par kya kare

सर्वपितृ अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। यदि नदी में स्नान संभव न हो तो घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करें।

Sarva Pitru Amavasya 2025 ka shubh muhurat

आश्विन माह की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 21 सितंबर को रात 12:16 बजे हो रहा है और समाप्त 22 सितंबर को रात 1:23 बजे होगा। यह शुभ मुहूर्त पितृ कृपा पाने के लिए उपयुक्त है।

पिंडदान kaise kare

पिंडदान के लिए पहले पितरों की याद में जल, धूप, अक्षत और तिल का प्रयोग करें। ब्राह्मणों को भोजन करवाना और उनकी सेवा करना भी पिंडदान का हिस्सा है।

तर्पण kaise kare

तर्पण के लिए जल, तिल और पुष्प का प्रयोग करें। जल को हाथ में लेकर पूर्वजों को अर्पित करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

पितरों ki kripa kaise prapt kare

सर्वपितृ अमावस्या के दिन दान-दक्षिणा, पिंडदान और तर्पण करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है। गाय, कुत्ता, कौवा, देव और चींटी के लिए भोजन निकालें।

पीपल pooja kaise kare

पीपल के पेड़ की पूजा करें क्योंकि इसे पितरों का वास माना जाता है। पेड़ की सात परिक्रमा करें और सरसों के तेल के दीपक में काले तिल डालकर जलाएं।

Ancestors ke liye daan

इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना और अपनी क्षमता अनुसार दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। दान से पितृ कृपा बढ़ती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

Pitra Paksha 2025 rituals

पितृ पक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए किए जाने वाले प्रमुख कर्म हैं – तर्पण, पिंडदान, दान और पीपल पूजा। इन सभी क्रियाओं से पूर्वज प्रसन्न होते हैं।

Pitra Tarpan kaise kare

तर्पण में जल और तिल का प्रयोग कर पूर्वजों को याद करें। यह कार्य न केवल उन्हें संतुष्ट करता है, बल्कि परिवार में सौभाग्य और सुख-समृद्धि लाता है।

FAQ

Q1: सर्वपितृ अमावस्या 2025 कब है?

A: यह रविवार, 21 सितंबर 2025 को है।

Q2: पिंडदान और तर्पण कैसे करें?

A: पिंडदान और तर्पण में जल, तिल और अक्षत का प्रयोग करें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं।

Q3: पीपल की पूजा क्यों करनी चाहिए?

A: पितरों का वास पीपल में माना जाता है, पूजा करने से पितृ कृपा मिलती है।

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