बार-बार नुकसान और बुरे सपने? कालसर्प दोष के लक्षण और उपाय

Kalsarp Dosha के असर से बचने के आसान और प्रभावी उपाय जानें। लक्षण, कारण और पूजा विधि सहित पूरी जानकारी पढ़ें।;

Update: 2025-08-15 17:12 GMT

कालसर्प दोष के लक्षण और निवारण उपाय

 कालसर्प दोष क्या होता है?

भारतीय ज्योतिष के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तब कालसर्प दोष बनता है। यह दोष किसी विशेष ग्रह के कारण नहीं, बल्कि ग्रहों की एक विशेष स्थिति के कारण होता है। ज्योतिष शास्त्र में इसके 12 प्रकार बताए गए हैं — अनंत, कुलिक, वासुकी, शंखपाल, पद्म, महापदम, तक्षक, कर्कोटक, शंखनाद, पातक, विषधर, और शेषनाग।

कालसर्प दोष के मुख्य लक्षण

  1. काम में बार-बार रुकावटें आना
  2. आर्थिक नुकसान होना
  3. बुरे और डरावने सपने आना, खासकर सांप देखना
  4. शादी में देरी या रिश्तों में तनाव
  5. कोर्ट-कचहरी के मामलों में उलझना
  6. थकान, चिंता और नींद की कमी
  7. अचानक शत्रुओं की संख्या बढ़ना

 कब बढ़ता है कालसर्प दोष का असर?

यह दोष राहु की महादशा या उपदशा में अधिक प्रभावी होता है। इसके अलावा, जब राहु या केतु अशुभ भावों में गोचर करते हैं, तब इसका असर और बढ़ जाता है।

कालसर्प दोष से बचने के आसान उपाय

  1. शनिवार को बहते पानी में कोयला प्रवाहित करें
  2. भगवान शिव और भगवान विष्णु की नियमित पूजा करें
  3. नाग पंचमी या सावन में विशेष पूजा कराएं
  4. दाहिने हाथ में चांदी की नाग आकृति वाली अंगूठी पहनें
  5. योग्य पंडित से कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाएं

कालसर्प दोष निवारण के लाभ

  1. जीवन में स्थिरता आना
  2. विवाह और रिश्तों में सुधार
  3. आर्थिक स्थिति में सुधार
  4. मानसिक शांति और अच्छी नींद

बार-बार नुकसान, बुरे सपने और देरी से शादी? यह हो सकता है कालसर्प दोष का असर, जानिए बचाव के उपाय

Kalsarp Dosha: भारतीय ज्योतिष में कई तरह के योग और दोष का वर्णन मिलता है, जिनका जीवन पर गहरा असर पड़ता है। इन्हीं में से एक है कालसर्प दोष, जिसे बेहद गंभीर माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, इस दोष के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में बार-बार रुकावटें आती हैं, मेहनत का फल देर से मिलता है और जीवन में अस्थिरता बनी रहती है।

भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बताते हैं कि यदि आपको कुछ विशेष लक्षण महसूस होते हैं, तो किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से कुंडली की जांच करवाकर समय रहते उपाय करना जरूरी है।

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