Janmashtami 2025 Date: जन्माष्टमी 15 या 16 अगस्त? शुभ मुहूर्त जानें

Janmashtami 2025: जानें 15 या 16 अगस्त को कब मनाएं जन्माष्टमी, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और भगवान कृष्ण के पसंदीदा भोग की पूरी जानकारी।;

Update: 2025-08-12 15:34 GMT

जन्माष्टमी 2025 कब है? (Janmashtami 2025 Date)

कृष्ण जन्माष्टमी हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।

वर्ष 2025 में कृष्ण जन्माष्टमी की तिथि 15 अगस्त को दोपहर 11:49 बजे से शुरू होकर 16 अगस्त को रात 9:34 बजे समाप्त होगी। इसलिए इस बार जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त 2025 (शनिवार) को मनाया जाएगा।

कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद मास की कृष्ण अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र और आधी रात का समय भगवान श्रीकृष्ण का जन्म समय माना जाता है।

भगवान श्रीकृष्ण को धर्म, सत्य और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। जन्माष्टमी के दिन भक्त व्रत रखते हैं, मंदिर सजाते हैं और रात 12 बजे कृष्ण जन्म का उत्सव मनाते हैं।

15 और 16 अगस्त में क्यों है कन्फ्यूजन?

इस साल जन्माष्टमी की तिथि 15 अगस्त को शुरू हो रही है, लेकिन निशीथ काल (रात्रि 12 बजे) की पूजा 16 अगस्त को पड़ रही है।

इस कारण स्मार्त और वैष्णव परंपरा के अनुसार तिथि में अंतर है:

स्मार्त जन्माष्टमी: 15 अगस्त 2025

  1. वैष्णव जन्माष्टमी: 16 अगस्त 2025
  2. कृष्ण जन्माष्टमी 2025 शुभ मुहूर्त
  3. तिथि प्रारंभ: 15 अगस्त 2025, 11:49 AM
  4. तिथि समाप्त: 16 अगस्त 2025, 09:34 PM
  5. निशीथ पूजा मुहूर्त: 00:05 AM – 00:47 AM (17 अगस्त की रात)
  6. व्रत पारण समय: 16 अगस्त 2025 को रात 9:24 बजे के बाद

जन्माष्टमी पूजा विधि और व्रत नियम

  1. सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
  2. भगवान कृष्ण की प्रतिमा को दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से पंचामृत स्नान कराएं।
  3. उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं और फूलों से सजाएं।
  4. माखन-मिश्री, फल और मिठाई का भोग लगाएं।
  5. रात 12 बजे श्रीकृष्ण जन्म का उत्सव मनाएं और जन्मारती करें।
  6. व्रत का पारण अगले दिन निर्धारित समय पर करें।

जन्माष्टमी पर कान्हा को लगाएं ये खास भोग

1. माखन मिश्री

कृष्णजी को माखन और मिश्री बेहद प्रिय है। जन्माष्टमी के दिन शुद्ध माखन में मिश्री मिलाकर भोग लगाना शुभ माना जाता है।

2. मोहन भोग

गेहूं के आटे को घी में भूनकर, पंचमेवा और मिश्री चूर्ण से बनाया जाता है। यह भगवान को प्रसन्न करने वाला भोग है।

3. श्रीखंड

दही से बनी श्रीखंड मिठाई भगवान कृष्ण को अर्पित करें, यह विशेष रूप से उन्हें प्रिय है।

4. पंजीरी

धनिया और मेवे से बनी पंजीरी से श्रीकृष्ण को भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है।

5. मालपुआ

गाय के दूध और आटे से बने मालपुए, श्रीकृष्ण को राधा रानी के हाथ से खास प्रिय थे।

घर में जन्माष्टमी सजावट के आइडियाज

  1. झूला सजाएं और उसमें कान्हा की प्रतिमा रखें।
  2. रंगोली और फूलों की माला से मंदिर सजाएं।
  3. दीयों और लाइटिंग से रात्रि पूजा का माहौल बनाएं।
  4. बच्चों को कृष्ण और राधा के वेश में तैयार करें।

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