सबसे पहले किस देश को मिलेगी चीन में बनी कोरोना वैक्सीन

कोविड-19 के चीन में विकसित वैक्सीन को पहले पाने वाले देशों में ब्राजील, इंडोनेशिया और तुर्की शामिल हैं, जहां इस वैक्सीन के तीसरे चरण के

Update: 2021-02-16 06:33 GMT

सबसे पहले किस देश को मिलेगी चीन में बनी कोरोना वैक्सीन

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कोविड-19 के चीन में विकसित वैक्सीन को पहले पाने वाले देशों में ब्राजील, इंडोनेशिया और तुर्की शामिल हैं, जहां इस वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण चल रहे हैं।

दवा कंपनी सिनोवैक के सीईओ यीन वेइदोंग ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी।

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वेइदोंग ने कहा, हमने ब्राजील में 21 जुलाई , इंडोनेशिया में एक अगस्त को और तुर्की में 16 सितंबर को क्लिनिकल परीक्षण के तीसरे चरण की शुरुआत की है।

हमें बंगलादेश में भी इसके लिए स्वीकृति प्राप्त हो गई है। प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन के पहले स्लॉट चीन के साथ ही ब्राजील, इंडोनेशिया और तुर्की में वितरित किए जाएंगे।

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उन्होंने बताया कि कंपनी पहले से ही वैक्सीन की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए एक विनिर्माण संयंत्र का निर्माण कर रही है।

उन्होंने वैक्सीन के अनुमानित कलागत की जानकारी देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि इसका मूल्य कई तरह के कारकों पर निर्भर करेगा।

यिन वेइदोंग ने सिनोवैक वैक्सीन के इस साल के अंत तक बाजार में आने की उम्मीद जताई।

चीन ने जून में ही कोविड-19 की वैक्सीन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन से आपात मंजूरी हासिल कर ली थी, हालांकि तब चीन ने उस वैक्सीन के लिए मानव परीक्षण भी शुरू नहीं किए थे। डब्ल्यूएचओ के इस फैसले को लेकर चीन सरकार के प्रति उसके झुकाव को लेकर नए सिरे से विवाद खड़ा हो सकता है।

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डब्ल्यूएचओ चीन में कोरोना को महामारी घोषित करने में देरी करने को लेकर पहले ही अमेरिका समेत कई देशों की नाराजगी झेल चुका है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 23 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने अधिवेशन में भी डब्ल्यूएचओ को चीन द्वारा डिजिटल तौर पर नियंत्रित बताया था।

चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन के मेडिकल साइंस प्रमुख जेंग जोंगवेई ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने जून के अंत में वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को हरी झंडी दे थी।

जेंग ने कहा कि इस वैक्सीन का उद्देश्य चिकित्सा कार्य और अन्य जोखिम भरे काम में लगे लोगों को सुरक्षा प्रदान करना था।

उस वैक्सीन ने अभी तक तीसरे चरण का मानव परीक्षण पूरा नहीं किया है। जेंग ने दावा किया कि वैक्सीन चीन के औषधि कानूनों के मुताबिक और

डब्ल्यूएचओ के मानकों के अनुरूप ही जोखिम वाले समूहों को दी गई।

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चीन के नेशनल बायोटेक ग्रुप के प्रमुख यांग जियाओमिंग ने कहा है कि करीब साढ़े तीन लाख लोगों को यह वैक्सीन परीक्षणों के पहले दी गई।

इसके तीसरे चरण के परीक्षण चल रहे हैं। गौरतलब है कि रूस ने भी टीके को आपात मंजूरी के तहत जनता के बीच टीकाकरण शुरू कर दिया है।

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