इस देश ने COVID-19 की एक नहीं, तीन Vaccine बना ली, दिसंबर में आने का दावा

COVID-19 की Vaccine बनाने के लिए कई देश जुटे हुए हैं. अब रूस ने दावा किया है कि उसने कोरोना वायरस की तीन अलग अलग तरह की Vaccine बना ली है.

Update: 2021-02-16 06:35 GMT

पूरा विश्व कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण से जूझ रहा है. 2019 में चीन से फैले COVID-19 की इस महामारी ने दुनियाभर के कई लोगों को मौत की नींद सुला दी है. अभी भी इसका प्रभाव तेजी से फैलता दिख रहा है. इधर, COVID-19 की Vaccine बनाने के लिए कई देश जुटे हुए हैं. अब रूस (Russia) ने दावा किया है कि उसने Coronavirus की तीन अलग अलग तरह की Vaccine बना ली है.

बता दें इसके पहले भी रूस ने दावा किया था कि उसने COVID-19 की वैक्सीन (Vaccine) बना ली है. अब उसने फिर से यह कहा है कि कोरोना वायरस के तीन अलग अलग वैक्सीन बनाए जा चुके हैं. जिसे दिसंबर तक आने की बात भी कही है.

वैक्सीन की दौड में रूस (Russia) आगे निकलता दिख रहा है. अगस्त माह में रूस ने अपनी पहली वैक्सीन स्पूतनिक-वी (Sputnik V) लॉन्च की थी. इसके बाद 14 अक्टूबर को दूसरी वैक्सीन एपिवैककोरोना (EpiVacCorona) आई और अब रूस की तीसरी वैक्सीन भी बनकर तैयार है.

तीसरी वैक्सीन भी बनकर तैयार

रूस की तीसरी वैक्सीन चुमाकोव सेंटर ऑफ रशियन एकेडमी ऑफ साइंसेज में बनाई जा रही है. रिपोर्ट्स की मानें तो इस इनएक्टिवेटेड वैक्सीन को दिसंबर 2020 तक मंजूरी मिलने की संभावना है. इस वैक्सीन को नोवोसिबिर्स्क, सेंट पीटर्सबर्ग और किरोव के मेडिकल फैसिलिटी में पहले और दूसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी मिली है.

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19 अक्टूबर को शुरू होगा दुसरे चरण का ट्रायल

पहले चरण के दौरान 6 अक्टूबर को 15 वॉलंटियर्स को ये वैक्सीन दी जा चुकी है और इनमें से किसी में भी गंभीर दुष्प्रभाव नहीं देखे गए हैं. इस वैक्सीन के दूसरे चरण का ट्रायल 285 वॉलंटियर्स पर 19 अक्टूबर को शुरू किया जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि इस वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा.

रूस ने अपनी किसी भी वैक्सीन का बड़े पैमाने पर ट्रायल नहीं किया है. रूस की पहली वैक्सीन Sputnik V एडिनोवायरस वेक्टर पर आधारित है. ट्रायल में राष्ट्रपति पुतिन की बेटी भी ये वैक्सीन लगवा चुकी हैं. फिलहाल ये वैक्सीन 13,000 वॉलंटियर्स को दी जा रही है.

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वहीं, रूस की दूसरी वैक्सीन एपिवैककोरोना एक सिंथेटिक वैक्सीन है और इसे स्पुतनिक वी की तुलना में ज्यादा सुरक्षित माना जा रहा है. इस वैक्सीन में वायरस प्रोटीन के छोटे सिंथेटिक पेप्टाइड टुकड़े हैं, जिनका उपयोग इम्यून सिस्टम वायरस की पहचान करने और उन्हें बेअसर करने के लिए करता है. इसका ट्रायल 100 वॉलंटियर्स पर किया गया है.

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