RBI Hikes Repo Rate: RBI ने लोन लेना और चुकाना दोनों महंगा कर दिया है, रेपो रेट 4.40 हुआ, रेपो रेट क्या होता है

What Is Repo Rate Explained In Hindi: भारतीय रिज़र्व बैंक ने Repo Rate 4% से बढ़ा कर 4.40% कर दिया है. रेपो रेट बढ़ने से आपकी जिंदगी में क्या असर पड़ेगा

Update: 2022-05-04 13:03 GMT

What Is Repo Rate In Hindi: देश में लगातार बढ़ रही महंगाई को लेकर RBI काफी टेंशन में था इसी लिए रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने महंगाई और बढ़ा दी. RBI ने Repo Rate 4% से बढाकर 4.40% कर दिया है. इसका मतलब है कि अब बैंक से लोन लेना और लोन चुकाना दोनों पहले से महंगा हो गया है. 2 और 3 मई को हुई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग के बाद RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 4 मई को रेपो रेट बढ़ाने की बात बताई है. 

इससे पहले आखिरी बाद साल 2020 में 22 मई को रेपो रेट में बदलाव किए गए थे. तब इसे बढ़ाकर 4% किया गया था जो अपने आप में ऐतिहासिक स्तर पर सबसे लो लेवल में था. 

रेपो रेट क्या होता है 

Repo Rate Kya Hota hai: Repo Rate वह दर या रेट होता है जिसके रेट पर RBI बैंकों को कर्ज देता है. इसका मतलब जब कोई बैंक RBI से लोन लेता है तो उसे रेपो रेट के आधार पर पैसे लौटने होते हैं. 

रेपो रेट 4.40% होने से आम आदमी की जिंदगी में क्या फर्क पड़ेगा

जब RBI रेपो रेट कम करता है तो सभी बैंक लोन की ब्याज दरों को कम कर देता है. और EMI भी कम हो जाती है।  और जब RBI रेपो रेट बढ़ाता है तो बैंक इंटरेस्ट रेट बढ़ा देते हैं और EMI का रेट बढ़ जाता है. इसी लिए बैंक से मिलने वाला लोन भी महंगा हो जाता है. 

रेपो रेट .40% बढ़ने से क्या असर पड़ेगा 

What will be the effect of increasing the repo rate .40%: इसे उदाहरण से समझते हैं. मान लीजिये सुमित ने 6% की दर से 20 साल के लिए 10 लाख रुपए होम लोन लिया है. वह हर महीने 7164 रुपए EMI देता है. 20 साल में इसी रेट से उसे 7,19,435 रुपए ब्याज देना पड़ेगा मतलब 10 लाख रुपए लोन के बदले उसे 17,19,435 रुपए चुकाने होंगे।। 

अब रेपो रेट 4% से बढ़कर 4.40% हो गया है. इस हिसाब से उसकी EMI भी ०.40% बढ़ जाएगी अब उसे हर महीने EMI के 7397 रुपए देने होंगे और 20 साल में उसे 17,75,274 रुपए देने पड़ेगे। हर महीने के हिसाब से उसे 233 रुपए EMI ज़्यादा देनी होगी और 20 सालों के लोन में 55 हज़ार रुपए ज़्यादा देने होंगे। 

RBI को रेपो रेट बढ़ाने की जरूरत क्यों हुई 

RBI को देश की जनता से ज़्यादा महंगाई का सामना करना पड़ रहा था. रूस यूक्रेन की जंग के कारण वैसे भी कच्चे तेल की कीमत बहुत बढ़ गई है. अप्रैल के सरकारी आंकड़ों के अनुसार कंज्यूमर प्राइज़ इंडेक्स (CPI) आधारित रिटेल महंगाई दर मार्च में 6.95% हो गई थी. वहीं खाद्य पदार्थों के महंगाई 7.68% तक पहुंच गई थी. लगातार महंगाई दर 6% के ऊपर जा रही थी. इसी लिए RBI को मजबूरन रेपो रेट में इजाफा करना पड़ा है. 

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