RD Interest Increase: 5 साल की आरडी पर ब्याज दर में की गई वृद्धि, लोगों को मिलेगा लाभ, कल से होगा लागू

केन्द्र सरकार ने स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों में बदलाव किया है। अब यदि आप पांच साल के लिए रेकरिंग डिपॉजिट करना चाहते हैं तो उस पर पहले के मुकाबले ज्यादा ब्याज मिलेगा।

Update: 2023-09-30 08:46 GMT

केन्द्र सरकार ने स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों में बदलाव किया है। अब यदि आप पांच साल के लिए रेकरिंग डिपॉजिट करना चाहते हैं तो उस पर पहले के मुकाबले ज्यादा ब्याज मिलेगा। ब्याज दर में वृद्धि कर दी गई है जिससे लोगों को काफी लाभ मिल सकेगा। यह नई दरें 1 अक्टूबर से लागू होंगी।

6.7 प्रतिशत मिलेगा ब्याज

अब 5 साल के लिए आरडी पर ब्याज दर में केन्द्र सरकार ने वृद्धि कर दी है। ब्याज दर को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया गया है। केन्द्र सरकार ने स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों में बदलाव किया है। नई दरें अक्टूबर-दिसम्बर 2023 तिमाही में सभी छोटी बचत योजनाओं पर लागू रहेंगी। वित्त मंत्रालय ने स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर ब्याज दरों की घोषणा कर दी है। 5 साल की आरडी पर ब्याज दरें बढ़ाई गई हैं। जबकि सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट, पीपीएफ, किसान विकास पत्र और सुकन्या समृद्धि योजना में पुरानी ब्याज दरें ही लागू रहेंगी। यानी कि इन स्कीम्स की ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।

1 अक्टूबर से यह दरें लागू

1 अक्टूबर से यह दरें लागू हो जाएंगी। जिसमें एक साल के लिए टाइम डिपॉजिट पर 6.9 फीसदी, 2 साल के लिए टाइम डिपॉजिट पर 7 फीसदी, 3 साल की टाइम डिपॉजिट पर 7 फीसदी और 5 साल के टीडी पर 7.5 फीसदी ब्याज दर मिलता रहेगा। जबकि पांच साल के लिए आरडी पर अब ब्याज दर में वृद्धि की गई है। यह ब्याज दर अब 6.7 फीसदी मिलेगा। इसी तरह मंथली इनकम अकाउंट स्कीम में 7.4 फीसदी ब्याज का प्रावधान है। बचत खातों पर 4 फीसदी ब्याज दर मिलता रहेगा।

6.43 लाख करोड़ रहा राजकोषीय घाटा

केन्द्र का राजकोषीय घाटा वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले पांच महीनों में पूरे साल के लक्ष्य के 36 प्रतिशत पर पहुंच गया। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त के अंत तक राजकोषीय घाटा 6.43 लाख करोड़ रुपए था। वित्त वर्ष 2022-23 की इसी अवधि में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 32.6 प्रतिशत रहा। केन्द्रीय बजट में सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) के 5.9 प्रतिशत पर लाने का अनुमान लगाया है। वित्त वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाट जीडीपी का 6.4 प्रतिशत रहा जबकि पहले इसके 6.71 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।

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