Delhi, Gujarat, Lucknow, Chhattisgarh, Jharkhand, Maharashtra सहित कई राज्यों में कोरोना मृतकों के लिए श्मशान पर चल रही वेटिंग

Delhi, Gujarat, Lucknow, Chhattisgarh, Jharkhand, Maharashtra सहित कई राज्यों में कोरोना मृतकों के लिए श्मशान पर चल रही वेटिंग ..Corona Effect In India : देश में कोरोना की दूसरी लहर तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रही है। महाराष्ट्र (Maharashtra), दिल्ली (Delhi), पंजाब (Panjab) और मध्यप्रदेश (Madhypradesh) समेत 10 राज्यों में स्थिति बेहद भयावह है। तमाम पाबंदियों के बावजूद यहां Corona Infection (कोरोना संक्रमण) ने सभी पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए। देश में पहली बार एक दिन में डेढ़ लाख से ज्यादा नए संक्रमित मिले। कोरोना की वजह से मौतों में भी काफी इजाफा देखा जा रहा। कब्रिस्तान से लेकर श्मशान घाटों तक अंतिम संस्कार के लिए लंबीलंबी लाइनें लगी हैं।

Update: 2021-04-13 11:20 GMT

Delhi, Gujarat, Lucknow, Chhattisgarh, Jharkhand, Maharashtra सहित कई राज्यों में कोरोना मृतकों के लिए श्मशान पर चल रही वेटिंग 

Corona Effect In India : देश में कोरोना की दूसरी लहर तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रही है। महाराष्ट्र (Maharashtra), दिल्ली (Delhi), पंजाब (Panjab) और मध्यप्रदेश (Madhypradesh) समेत 10 राज्यों में स्थिति बेहद भयावह है। तमाम पाबंदियों के बावजूद यहां Corona Infection (कोरोना संक्रमण) ने सभी पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए। देश में पहली बार एक दिन में डेढ़ लाख से ज्यादा नए संक्रमित मिले। कोरोना की वजह से मौतों में भी काफी इजाफा देखा जा रहा। कब्रिस्तान से लेकर श्मशान घाटों तक अंतिम संस्कार के लिए लंबीलंबी लाइनें लगी हैं।

दिल्ली 

राजधानी दिल्ली (Delhi) के सबसे बड़े श्मशान घाट निगमबोध में करीब 20 चिताएं रिजर्व की गई हैं। वहीं साउथ एमसीडी के बड़े श्मशान घाट पंजाबी बाग और हस्तसाल को मिला दें तो 15 रिजर्व चिताएं रिजर्व की गई हैं। ईस्ट एमसीडी के अंतर्गत आने वाले गाजीपुर श्मशान घाट में 15 कड़कडड़ूमा में 10 और सीमापुरी श्मशान घाट में करीब 10 चिताएं रिजर्व की गई हैं। निगमबोध घाट में कुल 120 प्लेटफॉर्म हैं और जलाने की कैपेसिटी 100 से 150 है।

दिल्ली में 17 बड़े प्राइवेट अस्पतालों में एक भी बेड खाली नहीं

कोरोना वायरस का संकट एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है। दिल्ली में करीब 17 बड़े अस्पताल ऐसे हैं, जहां पर एक भी कोरोना स्पेशल बेड नहीं है। राजधानी में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच सबसे बड़ा संकट खड़ा हो गया है। देश की राजधानी दिल्ली में एक दिन में कोरोना मामलों की संख्या 10 हजार पार जाने का असर दिखने लगा है। राजधानी के बड़े प्राइवेट अस्पतालों में बेड्स की किल्लत हो रही है तो एक दर्जन से ज्यादा प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना बेड्स की उपलब्धता शून्य हो गई है।

गुजरात 

गुजरात (Gujarat) के राजकोट में कोविड मरीज को अस्पताल में बेड मिलना मुश्किल हो गया है। वहीं श्मशान मे अंतिम संस्कार के लिए भी घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है। कई जगह तो अंतिम संस्कार हो जाने के बाद परिवार वाले अस्थियां ही नहीं ले जा रहे। 2020 में श्मशान संचालक श्याम पानखानिया श्मशान घाट के लोगों ने चार हजार से ज्यादा अस्थियां हरिद्वार में विधि विधान से खुद विसर्जित कीं। वहीं 2021 मे पिछले तीन महीनों में एक हजार से ज्यादा अस्थियां अभी तक कोई लेने नहीं आया।

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सूरत में चौबीस घंटे जल रही हैं लाशें, पिघल गईं श्मशान की भट्टियां

गुजरात में कोरोना के कहर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां अंतिम संस्कार के लिए बनाए गए चिता की भट्टी भी पिघल गई हैं। शहर में तीन प्रमुख श्मशान गृह हैं- रामनाथ घेला, अश्वनीकुमार और जहांगीरपुरा श्मशान। इन तीनों स्थानों पर 24 घंटे शवों की अंतिम क्रिया की जा रही है। इस वजह से अब श्मशान भूमि में बनी चिता की भट्टी पिघल गई हैं। पिछले 8-10 दिनों से लगातार लाशें आ रही हैं। शव वाहिनी भी खाली नहीं होती है। पूरे जिले के श्मशान घाटों पर लाशों के अंबार लग गए हैं।

लखनऊ 

लखनऊ (Lucknow) में भी कोरोना से मरने वालों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है, जिसकी वजह से श्मशान घाटों पर लाइनें लगनी शुरू हो गई हैं। लखनऊ नगर निगम ने श्मशान घाटों पर चौकियां बनाने का काम शुरू कर दिया है। हाल ही में अंतिम संस्कार के लिए 20 प्लेटफॉर्म का निर्माण कराया गया है। वहीं लखनऊ नगर निगम के नगर आयुत अजय द्विवेदी का कहना है कि कोरोना की वजह से जो शव आ रहे हैं। उनकी संख्या में बढ़ोतरी हुई है। सीमित संसाधन होने की वजह से दाह संस्कार में काफी दिततों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन अब इस समस्या को सुलझा लिया गया है।

महाराष्ट्र

कोरोना का कहर महाराष्ट्र (Maharashtra) में सबसे ज्यादा देखने को मिला है। कोरोना से मरने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। बीड के एक अस्पताल में कोरोना से कई मौतें हुईं। यहां आठ लाशों का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर किया गया था। यहां एक दिन में रविवार को 63,294 नए मरीज मिले। 34,008 मरीज ठीक हुए और 349 की मौत हो गई। राञ्जय में अब तक 34.07 लाख पॉजिटिव पाए गए।

छत्तीसगढ़ 

छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल भीमराव अंबेडकर का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। वीडियो अस्पताल के उस हिस्से का है, जहां कोविड-19 के संक्रमित मृतकों के शव रखे जा रहे हैं।। वीडियो के मुताबिक, शव को रखने के लिए फ्रीजर में जगह नहीं है, ऐसे में कुछ तो आसमान के नीचे धूप में स्ट्रचर पर तो कई शव अंदर जमीन पर हैं। एक हिस्से में तो ऐसा भी नजर आ रहा है मानो किसी तरह का सामान किसी ने स्टाक किया हो।

कहा जा रहा है कि शव को परिजनों को सौंपने या फिर अंतिम संस्कार के लिए भेजने की प्रक्रिया में देर हो रही है, जिसकी वजह से शवगृह भर गया है। अस्पताल के अधिकारियों ने स्थिति को लेकर अपनी बेबसी का इजहार करते हुए कहा कि कोविड-19 के कारण जिन मरीजों की मौत हो रही है, उन्हें शवगृह में जमा कराया जा रहा है। अंतिम संस्कार के पहले ही इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। अस्पताल में स्थिति यह है कि इंटेसिव केयर यूनिट और ऑसीजन की सुविधा वाले बेड पिछले सप्ताह से भर चुके हैं और कोई बेड यहां खाली नहीं है।

झारखंड 

रांची में कोरोना के दौर में होने वाली मौतों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले 10 दिनों में रांची के श्मशान और कब्रिस्तान में शवों के आने की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। बीते दिन रिकॉर्ड 60 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। इनमें 12 शव कोरोना संक्रमितों के थे, जिनका दाह संस्कार घाघरा में सामूहिक चिता सजाकर किया गया। इसके अलावा 35 शव पांच श्मशान घाटों पर जलाए गए और 13 शवों को रातू रोड और कांटाटोली कब्रिस्तान में दफन किया गया।

मृतकों की संख्या इतनी अधिक हो गई कि मुक्तिधाम में चिता जलाने की जगह कम पड़ गई। लोगों ने घंटों इंतजार किया, फिर भी जगह नहीं मिली तो लोग खुले में ही चिता सजाकर शव जलाने लगे। वहीं झारखंड (Jharkhand) में कोरोना बेकाबू हो रहा है। यहां कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के शवों का गैस क्रिमेटोरियम में दाह संस्कार किया जा रहा है, लेकिन मशीन में आई खराबी की वजह से शवों का अंतिम संस्कार नहीं हो सका।

 

 

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