कोरोना मरीजों को बेवजह CT स्कैन कराना पड़ सकता है मंहगा! डॉ. गुलेरिया ने बताया- हो सकता है कैंसर

कोरोना संक्रमण के दौरान कई ऐसे भी लोग हैं जो इलाज को लेकर जाने अनजाने में बहुत से गलत कदम उठा रहें हैं. जो उनके लिए और घातक सिद्ध हो सकता है. हाल ही में यह देखा गया है कि कोरोना संक्रमित बेवजह और तीन-तीन दिन में सीटी स्कैन (CT Scan) करवा रहें हैं.

Update: 2021-05-03 17:30 GMT

कोरोना संक्रमण के दौरान कई ऐसे भी लोग हैं जो इलाज को लेकर जाने अनजाने में बहुत से गलत कदम उठा रहें हैं. जो उनके लिए और घातक सिद्ध हो सकता है. हाल ही में यह देखा गया है कि कोरोना संक्रमित बेवजह और तीन-तीन दिन में सीटी स्कैन (CT Scan) करवा रहें हैं.

एम्स निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया कि जो भी मरीज बार-बार सीटी स्कैन करा रहे हैं वो जान लें कि वो एक बड़ा खतरा मोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीटी स्कैन से कैंसर होने का खतरा हो रहा है.

डॉ गुलेरिया ने बताया कि रेडिएशन के एक डेटा का विश्लेषण करने पर पता चला है कि घबराहट में लोग तीन तीन दिन में सीटी स्कैन करवा रहें हैं. डॉ गुलेरिया के अनुसार अगर आप पॉजिटिव हैं और आप पर कोरोना के हलके लक्षण हैं तो आपको सीटी स्कैन करवाने की कोई आवश्यकता नहीं है. क्योंकि रिपोर्ट में थोड़ा-बहुत चकत्ते दिखाई देते हैं, जिसे लेकर मरीज परेशान हो जाते हैं और बार बार ऐसा कराने वाले मरीजों पर कैंसर का ख़तरा बढ़ जाता है. 

कोई दवा की जरूरत नहीं- डॉ गुलेरिया

डॉ. गुलेरिया के मुताबिक अगर आप कोरोना पॉजिटिव हैं मगर आपको सांस लेने में कोई परेशानी नहीं हो रही है, आपका ऑक्सिजन लेवल ठीक है और तेज बुखार नहीं आ रहा है तो बिल्कुल घबराने की जरूरत नहीं है.

उन्होंने कहा कि न ही पॉजिटिव मरीज को ज्यादा दवाएं लेनी चाहिए. ये दवाएं उल्टा असर करती हैं और मरीज की सेहत खराब होने लगती है. एम्स डायरेक्टर ने कहा कि लोग बार-बार खून की जांच करवाते हैं जबकि जब तक डॉक्टर न कहें तो खुद से ही ये सब न करें. इससे आपको और टेंशन पैदा होती है.

कैंसर का खतरा!

एम्स निदेशक ने कहा होम आइसोलेशन में रह रहे लोग अपने डॉक्टर से संपर्क करते रहें. सेचुरेशन 93 या उससे कम हो रही है, बेहोशी जैसे हालात हैं, छाती में दर्द हो रहा है तो एकदम डॉक्टर से संपर्क करें.

उन्होंने आगे कहा कि आजकल बहुत ज़्यादा लोग सीटी स्कैन करा रहे हैं. जब सीटी स्कैन की जरूरत नहीं है तो उसे कराकर आप खुद को नुकसान ज़्यादा पहुंचा रहे हैं क्योंकि आप खुद को रेडिएशन के संपर्क में ला रहे हैं. इससे बाद में कैंसर होने की संभावना बढ़ सकती है.

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