18 December Minority Rights Day History and Significance: 'अल्पसंख्यक अधिकार दिवस' जानिए इस दिन का इतिहास

'अल्पसंख्यक अधिकार दिवस' (Minority Rights Day) 18 दिसंबर को हर साल मनाया जाता है।

Update: 2021-12-17 18:12 GMT

18 December Minority Rights Day History and Significance In Hindi: हमारे देश में हर साल अल्पसंख्यक अधिकार दिवस यानी कि माइनॉरिटी राइट्स डे 18 दिसंबर को मनाने का प्रावधान है। भारत की संविधान में भी सभी लोगों के लिए समान अधिकारों को प्रदान करने का वर्णन किया गया है, भले ही वह किसी भी जाति, भाषा या धर्म के हो। भारतीय संविधान के तहत अल्पसंख्यकों की रक्षा करने के लिए बहुत से उपायों को भी अपनाया गया है। इसके अलावा हमारे देश का संविधान उन व्यक्तियों की भी देखभाल करता है, जो अपनी जाति, संस्कृति और समुदाय होने पर भी आर्थिक या सामाजिक रूप से वंचित हैं.

क्या है इस दिन का इतिहास (Minority Rights Day History) ?

भारत में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (National Commission for Minorities) द्वारा हर साल 18 दिसंबर को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस (minority rights day) मनाया जाता है. आपको बता दें यह दिन केन्द्रित है धार्मिक सद्भाव सहित सभी अल्पसंख्यकों के समुदायों की बेहतर समझ पर. संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेम्बली ने 18 दिसंबर वर्ष 1992 को धार्मिक, भाषाई राष्ट्रीय या जातीय अल्पसंख्यकों से सबंध रखने वाले व्यक्ति के अधिकारों पर दिए गए वक्तव्य को अपनाया और इसे प्रसारित भी किया.

संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई घोषणा कुछ चीजों को उजागर करती है, जैसे कि अल्पसंख्यक लोगो की सांस्कृतिक, धार्मिक भाषाई और राष्ट्रीय पहचान। ये पहचान भारत के सभी राज्यों द्वारा और व्यक्तिगत क्षेत्रों में संरक्षित की जाएगी और इन्हे सम्मान भी दिया जाएगा। और संरक्षित की जाएगी. यह निर्देश दिए गए कि राज्य सरकार की यह जिम्मेदारी है, कि वो सभी अल्पसंख्यक व्यक्तियों स्थितियों में सुधार करेगी और उनकी राष्ट्रीयता, धार्मिक, भाषाई और सांस्कृतिक पहचान के संबंध में जागरूकता फैलाएगी.

राज्य आयोग का प्रमुख कार्य है राज्य विधानसभाओं और संविधान और संसद के द्वारा लागू किए गए कानून के तहत अल्पसंख्यकों के सभी प्रकार के हितों की रक्षा और संरक्षण करना. यही कारण है कि भारत में हर साल 18 दिसम्बर को ही अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का प्रमुख उद्देश्य है लोगों को शिक्षित करना और भारत में सभी अल्पसंख्यकों के हर अधिकार पर ध्यान केंद्रित करना.

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