एमपी में महाराष्ट्र से होने लगी टमाटर की आवक, 50 से 60 रुपए प्रति किलो तक पहुंचे दाम

MP News: मध्यप्रदेश में टमाटर की लाली अब घटने लगी है। पूर्व में जहां इसके रेट आसमान छू रहे थे तो वहीं अब प्रति किलो के दाम 50 से 60 रुपए तक पहुंच गए हैं।

Update: 2023-08-22 09:05 GMT

मध्यप्रदेश में टमाटर की लाली अब घटने लगी है। पूर्व में जहां इसके रेट आसमान छू रहे थे तो वहीं अब प्रति किलो के दाम 50 से 60 रुपए तक पहुंच गए हैं। इसके पीछे वजह यह है कि अब एमपी में महाराष्ट्र से टमाटर की नई खेप आनी प्रारंभ हो गई है। जिससे आम लोगों की पहुंच से दूर हो चुके टमाटर का स्वाद एक बार फिर से लोग लेने लगे हैं। 

मंडी में 8सौ से 1 हजार रुपए कैरेट हैं दाम

एमपी के इंदौर की बात की जाए तो यहां प्रतिदिन 10 से अधिक टमाटर की गाड़ियां आ रही हैं। महाराष्ट्र से टमाटर की नई आवक आने के कारण मंडी में एक कैरेट के भाव अभी 800 से एक हजार रुपए तक पहुंच गए हैं। यही वजह है कि टमाटर की डिमांड कम हो गई है और इसके दाम में भी गिरावट आ गई हैं अब तक 100 से 120 रुपए प्रति किलो तक बिक रहे टमाटर के दाम आधे तक पहुंच गए हैं। मंगलवार को मंडी में टमाटर 50 से 60 रुपए प्रति किलो तक बिका। ढाई माह पहले महंगा बिकने के कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक के किसानों ने टमाटर का ज्यादा उत्पादन किया।

सितंबर तक 15 से 20 रुपए किलो बिकने के आसार

महाराष्ट्र टमाटर की सर्वाधिक पैदावार करने वाला राज्य है। पड़ोसी राज्य होने के कारण महाराष्ट्र से ही एमपी के शहरों में टमाटर बिकने के लिए आता है। थोक सब्जी कारोबारियों का कहना है कि अभी टमाटर को लेकर उनकी निर्भरता महाराष्ट्र पर है। 15 सितम्बर के बाद मध्यप्रदेश के उज्जैन, रतलाम, इंदौर, खरगोन, झाबुआ, आलीराजपुर क्षेत्रों से भी टमाटर आने लगेंगे। जिससे इसके दाम में और भी गिरावट हो सकती है। सितंबर माह के अंत तक टमाटर 15 से 20 रुपए किलो तक बिकने के आसार हैं।

इंदौर मंडी में प्रतिदिन पहुंच रहीं 10 गाड़ियां

एमपी के इंदौर मंडी में प्रतिदिन टमाटर की 10 गाड़ियां पहुंच रही हैं। मंडी में एक कैरेट के भाव अभी 800 से एक हजार रुपए तक है। एक कैरेट में 20 से 23 किलो टमाटर रहते हैं। थोक में भाव 40 रुपए तक हैं जबकि खेरची में इसके दाम 50 से 60 रुपए तक पहुंच गए हैं। यहां पर यह बता दें कि सर्वाधिक टमाटर का उत्पादन महाराष्ट्र और कर्नाटक में होता है। फरवरी-मार्च माह के दौरान हुई बारिश और उसके बाद तेज गर्मी के कारण टमाटर का उत्पादन देश में आधा हो गया था। वहीं इसकी डिमांड काफी अधिक थी। यही वजह रही कि टमाटर के दाम में लाली आ गई और उसके दाम आसमान छूने लगे। किंन्तु अब इसके दाम में काफी हद तक गिरावट आ गई है।

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