एमपी में है एक ऐसा मंदिर जहां नवरात्रि पर मातारानी को चप्पल चढ़ाते हैं श्रद्धालु, जानिए अनोखे मंदिर से जुडी हर जानकारियां

Bhopal Maa Pahada Wali News: अक्सर भक्त मंदिर व अन्य धार्मिक स्थलों पर जूते व चप्पल उतारकर प्रवेश करते हैं किंतु एमपी में एक ऐसा मंदिर भी है जहां नवरात्रि पर मातारानी को भक्त चप्पल, सैंडल चढ़ाते हैं।

Update: 2023-03-25 10:01 GMT

Chaitra Navratri 2023: अक्सर भक्त मंदिर व अन्य धार्मिक स्थलों पर जूते व चप्पल उतारकर प्रवेश करते हैं किंतु एमपी में एक ऐसा मंदिर भी है जहां नवरात्रि पर मातारानी को भक्त चप्पल, सैंडल चढ़ाते हैं। ऐसी मान्यता है कि चप्पल, सैंडल चढ़ाने से मातारानी प्रसन्न होती हैं और यहां पहुंचने वाले भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

कई वर्षों से चली आ रही परम्परा

एमपी के भोपाल स्थित कोलार के नयापुरा में मां पहाड़ा वाली का मंदिर है। जहां पर मातारानी को चप्पल व सैंडल चढ़ाने की परंपरा है। बताया गया है कि यह परंपरा विगत 32 वर्षों से चली आ रही है। यहां मंदिर में पहुंचने वाले भक्त मातारानी को चप्पल अर्पित करते हैं जिससे मातारानी प्रसन्न होकर उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं। यहां मां दुर्गाजी को फ्राक, कंघी, दर्पण, बिंदी, कंगन आदि भी भक्तों द्वारा चढ़ाए जाते हैं।

300 सीढ़ी चढ़ने के बाद पहुंचते हैं भक्त

इस मंदिर की स्थापना ओमप्रकाश महाराज द्वारा तकरीबन 32 वर्ष पूर्व कराई गई थी। नयापुरा पहाड़ी पर मां सिद्धिदात्री का मंदिर स्थापित है। यह मंदिर जीजाबाई माता मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है। पहले यहां तक पहुंचने में लोगों को काफी दिक्कतें होती थीं किंतु अब पहाड़ी के पीछे से एक कच्चा रास्ता बन गया है जिसके माध्यम से लोग दोपहिया वाहन से भी मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं। वहीं पैदल मां के दर्शन करने वाले भक्तों को 300 सीढ़िया पहाड़ी पर चढ़नी पड़ती हैं तब वह मंजिल तक पहुंचते हैं।

इसलिए चढ़ाते हैं चप्पल और सैंडल

मंदिर के पुजारी ओमप्रकाश गुप्ता के मुताबिक गर्मियों में चैत्र नवरात्रि पर मां सिद्धिदात्री बाल रूप में रहती हैं। बचपन में बच्चे जिस तरह से चप्पलों, चश्मा व अन्य सामग्री से खेल का आनंद लेते हुए प्रसन्न होते हैं। इसी तरह मातारानी भी प्रसन्न होती हैं। इस मंदिर में दूर-दूर से लोग चप्पल सहित अन्य सामग्रियां चढ़ाने के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में मातारानी की कृपा उन पर हमेशा बनी रहती है। चैत्र नवरात्रि के अवसर पर यहां पर मां को फ्राक पहनाने सहित चप्पल, सैंडल चढ़ाने की परंपरा है। बताया गया है कि जो सामग्रियां यहां पर चढ़ाई जाती हैं उन्हें जरूरतमंद बच्चियों को उनकी जरूरत के हिसाब से दान कर दिया जाता है।

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