आज रात से 24 घंटे तक ठप्प रहेगा बिजली विभाग का कामकाज, अधिकारी-कर्मचारी बंद रखेंगे मोबाइल...फाल्ट हुआ तो नहीं होगा सुधार

मध्यप्रदेश विद्युत मंडल के कर्मचारी और अधिकारी चरणबद्ध तरीके से केंद्रीय इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2021 का विरोध कर रहें हैं.

Update: 2021-08-09 15:31 GMT

केंद्र सरकार द्वारा बिजली वितरण कंपनियों का निजीकरण किए जाने के फैसले पर अब बिजली कर्मचारी भड़क गए है। जिस इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2021 के जरिए बिजली कंपनियों को निजी हाथों में दिए जाने का फैसला लिया गया अब उसका विरोध बढ़ता जा कर्मचारी और समिति नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई ) के आह्वान पर कर्मचारियों ने कल 10 अगस्त को कामकाज का बहिष्कार करने की घोषणा की है।

अपने इस विरोध प्रदर्शन के तहत बिजली कर्मचारी और इंजीनियर्स आज 9 अगस्त की रात 12 बजे से 24 घंटे यानि 10 अगस्त की रात 12 बजे तक अपने-अपने मोबाइल बंद कर देंगे और सम्पूर्ण कार्य का बहिष्कार करेंगे। 

क्या है मामला 

केंद्र सरकार द्वारा इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के जरिए बिजली वितरण का लाइसेंस लेने की शर्त समाप्त की जा रही है। केंद्र सरकार के इस फैसले से बिजली वितरण की पूरी व्यवस्था निजी कंपनियों के हाथों में चली जाएगी। दरअसल इस बिल में प्रावधान है कि किसी भी क्षेत्र में एक से अधिक बिजली कंपनियां बिना लाइसेंस लिए कार्य कर सकेंगी और बिजली वितरण के लिए यह निजी कम्पनियां सरकारी वितरण कंम्पनी का इंफ्रास्ट्रक्चर और नेटवर्क इस्तेमाल करेंगी।

इसका विरोध कर रहें बिजली कर्मचारियों का कहना है कि निजी कंपनियां केवल मुनाफे वाले औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को ही बिजली देंगी। इससे सरकारी बिजली कंपनी की वित्तीय हालत और खराब हो जाएगी।

ये है मांगे

  • मप्र शासन द्वारा ट्रांसमिशन कंपनी के निजीकरण के लिए लाई जा रही टी. बी. सी. बी. को रद्द किया जाए।
  • मप्र में काम कर रहें संविदा अधिकारी-कर्मचारियों को अन्य राज्यों की तरह नियमित किया जाए।
  • आऊटसोर्स का संविलियन करने के साथ ही सभी अधिकारी कर्मचारियों को मुख्यमंत्री कोविड- 19 कल्याण योजना में शामिल किया जाए।
  • बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति, पेंशन की केंद्र सरकार द्वारा इलेक्ट्रिसिटी व्यवस्था, सभी वर्गों की पदोन्नतियां और सभी प्रकार की वेतन विसंगतियां बिजली वितरण का लाइसेंस लेने की दूर किया जाए ।
  • सेवा निवृत होने पर सभी प्रकार की के इस फैसले से बिजली वितरण की राशि का समय से भुगतान हो और 28% डीए दिया जाए।
  • पदोन्नति में लगी रोक हटाकर पदोन्नति करते हुये रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जाए। ग्रह जिलें मे पदस्थापना हो और सभी वर्गों को 50% बिजली बिल में छूट दी जाए।

तो नहीं हो सकेगा बिजली सुधार

राज्य भर में बारिश का दौर जारी है, जिसके चलते विद्युत सेवाएं बाधित होती रहती है. लेकिन यूनियन द्वारा लिए गए निर्णय के तहत आगामी 24 घंटे के दौरान जिन क्षेत्रों में विद्युत् बाधित होगी उसका सुधार कार्य नहीं हो सकेगा. इस सम्बन्ध में यूनियन ने सभी जिलों के प्रशासन को पत्र लिखकर सूचित कर दिया है.

चरणबद्ध तरीके से आंदोलन 

मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स द्वारा केंद्र सरकार के विद्युत विधेयक 2021 का विरोध चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है. प्रथम चरण में 1-5 अगस्त तक सभी अधिकारी कर्मचारियों द्वारा काली पट्टी बांधकर वितरण केंद्र स्तर तक जनजागरण कार्यक्रम किया गया था.

विरोध के दूसरे चरण में आंदोलन में शामिल अधिकारी कर्मचारियों द्वारा 9 अगस्त की रात्रि 12 बजे से 10 अगस्त की रात्रि 12 बजे तक (24 घंटे) तक एक दिवसीय सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार एवं मोबाइल बंद रखने की योजना है.

तीसरे चरण में तीन दिवसीय सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार की योजना है, जो 24 अगस्त से 26 अगस्त तक रहेगा. चौथे और आखिरी चरण में 6 सितम्बर से यूनियन ने अनिश्चित कालीन सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार की योजना बनाई है.

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