राष्ट्रपति ने सिंगौरगढ़ किले के संरक्षण एवं पर्यटन से जुड़ी सुविधाओं के विकास कार्यों की रखी आधारशिला

दमोह। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 7 मार्च रविवार को वायुसेना के हेलीकाप्टर से दमोह जिले के सिंग्रामपुर पहुंचे। राष्ट्रपति ने सिंगौरगढ़ किले के संरक्षण एवं पर्यटन से जुड़ी विभिन्न सुविधाओं के विकास कार्यो की आधारशिला रखी। राष्ट्रपति ने भूमिपूजन एवं शिलपट्टिकाओं का अनावरण किया। जनजातीय समूह के सर्वांगीण विकास के लिये मध्यप्रदेश जनजातीय विभाग द्वारा तैयार किये गये आदिरंग पोर्टल का शुभारंभ किया। राष्ट्रपति ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य स्तरीय जनजातीय सम्मेलन में कहा कि जनजातीय समुदाय में स्त्री-पुरुष का अनुपात सबसे बेहतर है। उनकी जीवन शैली में प्रकृति को सर्वोच्च स्थान दिया जाता है। उनके जीवन मूल्य अनुकरणीय हैं। जनजातीय सम्मेलन में राष्ट्रपति ने कहा कि जब तक समाज के सबसे कमजोर वर्ग का विकास नहीं होगा तब तक विकास को अधूरा ही कहूंगा। 

Update: 2021-03-07 17:06 GMT

दमोह। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 7 मार्च रविवार को वायुसेना के हेलीकाप्टर से दमोह जिले के सिंग्रामपुर पहुंचे। राष्ट्रपति ने सिंगौरगढ़ किले के संरक्षण एवं पर्यटन से जुड़ी विभिन्न सुविधाओं के विकास कार्यो की आधारशिला रखी। राष्ट्रपति ने भूमिपूजन एवं शिलपट्टिकाओं का अनावरण किया। जनजातीय समूह के सर्वांगीण विकास के लिये मध्यप्रदेश जनजातीय विभाग द्वारा तैयार किये गये आदिरंग पोर्टल का शुभारंभ किया। राष्ट्रपति ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य स्तरीय जनजातीय सम्मेलन में कहा कि जनजातीय समुदाय में स्त्री-पुरुष का अनुपात सबसे बेहतर है। उनकी जीवन शैली में प्रकृति को सर्वोच्च स्थान दिया जाता है। उनके जीवन मूल्य अनुकरणीय हैं। जनजातीय सम्मेलन में राष्ट्रपति ने कहा कि जब तक समाज के सबसे कमजोर वर्ग का विकास नहीं होगा तब तक विकास को अधूरा ही कहूंगा। 

राष्ट्रपति ने कहा कि मैं रानी दुर्गावती को देवी कहता हूं। रानी दुर्गावती के अंतिम युद्ध का विवरण सभी के दिल को आंदोलित करता है। राष्ट्रपति ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का मुझे विशेष रूप से स्मरण हो रहा है, क्योंकि प्रधानमंत्री के उनके कार्यकाल के दौरान केंद्र सरकार में एक अलग जनजातीय कार्य मंत्रालय का गठन किया गया था। राष्ट्रपति ने कहा कि आदिवासी समुदाय का कल्याण तथा विकास पूरे देश के कल्याण और विकास से जुड़ा है। 

26 करोड़ से किले के संरक्षण का शिलान्यास

राष्ट्रपति ने 26 करोड़ की लागत से सिंगौरगढ़ के संरक्षण कार्य का शिलान्यास किया। वहीं पर्यटन मंत्रालय द्वारा 23 करोड़ 16 लाख की लागत से बेलाताल झील के विकास कार्यो का लोकार्पण किया। इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेल पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, केंद्रीय पर्यटन एवं सांस्कृतिक राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल, इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते आदि मौजूद रहे। 

किले का गौरवशाली इतिहास

रानी दुर्गावती की वीरता का गौरवशाली इतिहास सिंग्रामपुर में स्थित सिंगौरगढ़ किला आज भी समेटे हुए है। किले की सुरक्षा को भेदना दुश्मनों के बस में नहीं था। प्रकृति प्रदत्त भौगोलिक पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बने किले की सुरक्षा में पहाड़ सुरक्षा की दीवार बनकर खड़े थे। तो वहीं किले के तहखानों से निकली सुरंग का किसी पता नहीं था, सिर्फ रानी की सैनिक टुकड़ियों को ही पता था। यहां के जलाशय की प्राकृतिक सौंदर्यता देखते ही बनती है। सैकड़ों वर्ष पुराने जलाशय का पानी कभी खत्म नहीं हुआ। सिंगौरगढ़ तालाब अथाह जल के अंदर कई रहस्य छुपे हुए हैं। 

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