एमपी के नगरीय निकायों में शासकीय भूमि पर अवैध रूप से बसे लोगों को दिए जाएंगे आवासीय पट्टे

MP News: मध्यप्रदेश के नगरीय निकायों में शासकीय भूमि पर अवैध रूप से आवास बनाकर रह रहे लोगों का सर्वे कर आवासीय पट्टे दिए जाएंगे। इस कार्य के लिए नगरीय निकायों को 30 मई तक सर्वे कार्य पूरा करना होगा।

Update: 2023-05-15 06:49 GMT

मध्यप्रदेश के नगरीय निकायों में शासकीय भूमि पर अवैध रूप से आवास बनाकर रह रहे लोगों का सर्वे कर आवासीय पट्टे दिए जाएंगे। इस कार्य के लिए नगरीय निकायों को 30 मई तक सर्वे कार्य पूरा करना होगा। एक जून को सर्वे सूची का प्रकाशन कर दावा-आपत्ति मंगाए जाएंगे। जिसके बाद 20 जून तक निराकरण कर सूची नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय को भेज दी जाएगी।

20 जून से होगा वितरण

शासकीय भूमि पर शहरी क्षेत्रों के बाहर से आए लोग आवास बनाकर रहने लगे। जिनको हटाने में होने वाली परेशानी को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि 31 दिसम्बर 2020 तक आवास बनाकर रहने वालों को पट्टा दिया जाएगा। जिसके लिए अधिनियम में संशोधन के बाद नगरीय विकास विभाग ने पट्टे देने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। इसके लिए 30 मई तक हर हाल में सर्वे का कार्य पूर्ण करने के लिए नगरीय निकायों को कहा गया है। इसके साथ ही 20 जून तक चिन्हित व्यक्तियों की सूची बनाकर नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय को भेजें। इसके साथ ही पट्टा वितरण भी प्रारंभ किया जाए।

31 जुलाई तक प्रक्रिया पूर्ण करने का लक्ष्य

एमपी में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के पहले प्रदेश के नगरीय निकायों में शासकीय भूमि पर अवैध रूप से आवास बनाकर रह रहे लोगों को सर्वे कर आवासीय पट्टे दिए जाएंगे। 31 जुलाई तक इसके लिए प्रक्रिया पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही पट्टे का वितरण भी प्रारंभ दिया जाएगा। प्रदेश में 31 दिसम्बर 2014 तक नगरीय निकाय में शासकीय भूमि पर बिना वैध अनुमति के आवास बनाकर रह रहे व्यक्तियों को स्थायी पट्टा देने का प्रावधान मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्र के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकार प्रदान किया जाना) अधिनियम 1994 में प्रावधान था। विभागीय अधिकारियों की मानें तो यह प्रयास किया जाएगा कि जो जहां रह रहा है उसे वहीं पट्टा दे दिया जाए। स्थायी पट्टे जहां दिए जाएंगे वहां सड़क, स्वच्छ पेयजल, नाली, बिजली सहित अन्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएंगी। यदि संबंधित भूमि पर शासन की कोई योजना प्रस्ताव है तो फिर विस्थापन का प्रस्ताव जिला प्रशासन को देना होगा।

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