रेलवे की सौगात: एमपी के रेलखण्डों की गति में हुआ सुधार, अब 110 KM प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ेंगी रेलगाड़ियां

MP Railway News: पश्चिम मध्य रेल में विभिन्न रेलखण्डों में स्पीड को बढ़ाने के लिए नई तकनीक का उपयोग करके उत्तरोत्तर वृद्धि की जा रही है।

Update: 2023-07-21 15:28 GMT

एमपी के रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। पश्चिम मध्य रेल में विभिन्न रेलखण्डों में स्पीड को बढ़ाने के लिए नई तकनीक का उपयोग करके उत्तरोत्तर वृद्धि की जा रही है। रेलखण्डों में गति को बढ़ाने के लिए महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन में विभिन्न अधोसरंचना के कार्यों को समय पर निष्पादित किया जा रहा है । पमरे के तीनों मण्डलों द्वारा गति प्रतिबंध हटाना, अधोसरंचना के कार्य को योजनाबद्ध तरीके से करना, इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नल (आईबीएस) स्थापित करना आदि काम किये जा रहे है।

इसके अलावा यार्ड रिमॉडलिंग के कार्य पूरे किये जा रहे हैं और साथ ही क्रॉस ओवर डालकर यार्ड की शंटिंग एवं रनिंग फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाई जा रही है। अनेक टर्न ओउटों पर थिक वेब स्विच के डाले जाने से सेक्शनल गति में वृद्धि दर्ज की जा रही है जिसके कारण गाड़ियों के डिस्पेच और रिसीव में डिटेंशन कम से कम हो रहा है। पुराने ब्रिजों के गर्डर को बदला गया एवं उच्च गुणवत्ता के साथ रखरखाव किया जा रहा है।

इसी कड़ी में इस वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही में पमरे के छः रेलखण्डों में कुल 51 रूट किलोमीटर पर गति में वृद्धि की गई जिसमे कुछ रूटो पर 90 किलोमीटर प्रतिघंटा से 110 किलोमीटर प्रतिघंटा एवं कुछ रूटो पर 100 किलोमीटर प्रतिघंटा से 110 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति में वृद्धि की गयी है ।

निम्नलिखित छः रेल खण्डों में 110 किमी की रफ़्तार से दौड़ेंगी रेलगाड़ियाँ :-

1) नरियावली-ईसरवारा रेलखण्ड तीसरी लाइन - कुल लम्बाई 7.45 रूट किलोमीटर

2) सुमरेरी-खुरई रेलखण्ड तीसरी लाइन - कुल लम्बाई लगभग 8.64 रूट किलोमीटर

3) खन्ना बंजारी - महरोई (न्यू) डाउन लाइन रेलखण्ड - कुल लम्बाई 11.85 रूट किलोमीटर

4) मालखेड़ी - महादेवखेड़ी (न्यू) द्वि-दिशात्मक लाइन - कुल लम्बाई 5.18 रूट किलोमीटर

5) सालपुरा - छाबरागुगोर डाउन लाइन कुल लम्बाई 16.18 रूट किलोमीटर 

6) कोटा - सोगरिया डाउन लाइन - कुल लम्बाई 01.32 रूट किलोमीटर

रेलखण्डों पर स्पीड में वृद्धि होने से अधोसरंचना कार्यों को मजबूती मिलेगी, साथ ही रेलवे ट्रैक की क्षमता बढ़ेगी एवं रेलगाड़ियों के परिचालन समय में बचत होगी।

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