निजी क्षेत्र के छोटे उद्योगों के कर्मचारियों को हर माह 5-5 हजार इंसेंटिव देगी सरकार, ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश में 27 औद्योगिक क्लस्टर बनाने की तैयारी है, जिनमें 4 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा. साथ ही 5-5 हजार रूपए का इंसेंटिव भी सरकार देगी.

Update: 2022-04-25 03:31 GMT

निजी क्षेत्रों के छोटे उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. जल्द ही मध्य प्रदेश में निवेश करने वाले छोटे उद्यमियों को प्रति कर्मचारी 5 हजार रु. का एचआर इंसेंटिव (HR incentive) हर महीने मिलने लगेगा. उद्यमी निवेश (Entrepreneurial Investment) के लिए बैंकों से जो भी कर्ज लेंगे, उसका 2% ब्याज बतौर अनुदान दिया जाएगा. इसकी शुरुआत बुरहानपुर के सुखपुरी में बन रहे पहले औद्योगिक क्लस्टर से होगी. इस प्रस्तावों पर हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में हुई बैठक में सहमति बन गई. अब इसे कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा. एचआर इंसेंटिव देने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य होगा.

कहा जा रहा है कि जो मप्र का मूल निवासी होगा, कंपनी में ऑन रोल होगा, उसे ही यह इंसेंटिव मिलेगा. सरकार चाहती है कि प्रदेश में ऑन रोल कर्मचारी बढ़ें. इसलिए ये एचआर इंसेंटिव पॉलिसी ला रही है.

सूत्रों के मुताबिक इस इंसेंटिव के लिए उद्योगों की सरकार के पास क्लेम करना होगा. उन्हें बताना होगा कि इस स्कीम की सभी शर्तें पूरी करने वाले हमारे पास कितने कर्मचारी हैं. इसी आधार पर सरकार उद्यमियों को कर्मचारियों का 5-5 हजार रु. ट्रांसफर करेगी. कुल मिलाकर एचआर इंसेंटिव वाला पैसा कर्मचारियों की सैलरी में जुटा रहेगा.

27 औद्योगिक क्लस्टर बनेंगे, 4 लाख को रोजगार

मप्र में फॉर्मा, रेडीमेड गारमेंट, नमकीन, चाकलेट-बिस्किट जैसे 27 क्लस्टर बनाए जा रहे हैं. इंदौर में 5 बनेंगे. भोपाल के चांदपुरा में एक बनेगा. सरकार का अनुमान है कि इन क्लस्टरों से 8,000 से ज्यादा उद्योग लगेंगे. इनसे 4 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. 2019-20 तक मप्र में 2.88 लाख MSME पंजीकृत हैं. इनमें 1.92 लाख करोड़ रु. का निवेश हुआ है.

रोजगार बढ़ाने के लिए यह कदम

हमारा लक्ष्य है कि हम लघु उद्योगों में रोजगारों की संख्या को दोगुना करें. इस दिशा में एचआर इंसेंटिव पर विचार किया जा रहा है. इस आशय का प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में मंजूरी के लिए लाया जाएगा. - ओमप्रकाश सकलेचा, एमएसएमई मंत्री, मप्र सरकार

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