शहीद निरीक्षक आशीष शर्मा के परिजन को 1 करोड़ सहायता, भाई को SI पद | MP Cabinet Meeting में लिया गया निर्णय

MP Cabinet ने शहीद निरीक्षक आशीष शर्मा के परिजन को ₹1 करोड़ सहायता और छोटे भाई को SI पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी। कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय।;

Update: 2025-11-25 13:54 GMT

मुख्य बिंदु (Top Highlights)

  • नक्सल विरोधी अभियान के दौरान शहीद हुए निरीक्षक आशीष शर्मा के परिवार को ₹1 करोड़ की सहायता।
  • छोटे भाई अंकित शर्मा को जिला पुलिस बल में SI पद पर अनुकंपा नियुक्ति।
  • आशीष शर्मा को राष्ट्रपति वीरता पदक दो बार मिल चुका था।
  • कैबिनेट बैठक वंदे मातरम गान के साथ मंत्रालय में आयोजित हुई।

मोहन कैबिनेट का बड़ा फैसला: शहीद निरीक्षक आशीष शर्मा के परिवार को 1 करोड़ सहायता, भाई को SI पद

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें सबसे महत्वपूर्ण निर्णय हॉक फोर्स बालाघाट के वीरगति को प्राप्त हुए निरीक्षक आशीष शर्मा के परिवार को आर्थिक सहायता और उनके छोटे भाई की अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित रहा। बैठक में यह घोषणा की गई कि राज्य सरकार शहीद निरीक्षक के परिजनों को 1 करोड़ रुपये की विशेष आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।

इसके अलावा, उनके छोटे भाई अंकित शर्मा को जिला पुलिस बल में उप निरीक्षक (Sub Inspector) के पद पर नियुक्ति देने का निर्णय भी मंत्रि-परिषद द्वारा मंजूर किया गया। यह फैसला शहीद परिवारों के सम्मान और उनके योगदान को मान्यता देने की दिशा में सरकार के संवेदनशील रुख को दर्शाता है।

नक्सल विरोधी अभियान में शहीद हुए थे आशीष शर्मा | Martyrdom During Anti-Naxal Operation

19 नवंबर 2025 को नक्सल विरोधी अभियान के दौरान पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई तीव्र मुठभेड़ में विशेष सशस्त्र बल के निरीक्षक आशीष शर्मा वीरगति को प्राप्त हुए। वे हॉक फोर्स बालाघाट में तैनात थे और लंबे समय से प्रदेश में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अभियान चला रहे थे। सरकार ने उनकी शहादत को सर्वोच्च सम्मान देते हुए परिजनों के लिए व्यापक सहायता पैकेज स्वीकृत किया है।

दो बार राष्ट्रपति वीरता पदक से सम्मानित | Honours & Medals

दिवंगत निरीक्षक आशीष शर्मा अपनी सेवा, साहस और दक्षता के लिए पुलिस विभाग में विशेष पहचान रखते थे। उन्हें दो बार राष्ट्रपति द्वारा वीरता पदक से सम्मानित किया गया था। यह उपलब्धि उन्हें राज्य के अत्यंत होनहार अधिकारियों में शामिल करती है।

इसके अतिरिक्त, वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री आंतरिक सेवा पदक और वर्ष 2023 में दुर्गम सेवा पदक भी उन्हें प्रदान किया गया था। उनकी उत्कृष्ट सेवा और त्याग को देखते हुए राज्य शासन ने वर्ष 2023 में उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी दिया था।

अनुकंपा नियुक्ति पर कैबिनेट का निर्णय | Compassionate Appointment

शहीद आशीष शर्मा के छोटे भाई अंकित शर्मा को जिला पुलिस बल में उप निरीक्षक (SI) के पद पर नियुक्ति देने का निर्णय लिया गया है। यह नियुक्ति पुलिस विभाग की उस नीति के अनुरूप है, जिसके तहत शहीद जवानों के परिजन को अनुकंपा आधार पर पद दिया जाता है। सरकार का मत है कि यह कदम परिवार को भावनात्मक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है।

वंदे मातरम के साथ शुरू हुई कैबिनेट बैठक | Cabinet Meeting Highlights

मंत्रि-परिषद की बैठक राष्ट्रगीत वंदे मातरम के साथ शुरू की गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहीद आशीष शर्मा के साहस, कर्तव्यनिष्ठा और असाधारण योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। बैठक में कई अन्य प्रशासनिक और नीति संबंधी प्रस्तावों पर भी विचार-विमर्श किया गया।

सरकार क्यों कर रही है शहीद परिवारों को सशक्त? | Why Govt Supports Martyr Families

राज्य सरकार का मानना है कि नक्सल विरोधी अभियान में जो जवान और अधिकारी जीवन दांव पर लगा देते हैं, उनकी शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इसलिए सरकार लगातार ऐसे परिवारों को आर्थिक सुरक्षा, सम्मानजनक नियुक्ति और भविष्य के लिए मजबूत आधार उपलब्ध कराने के प्रयास कर रही है।

प्रदेश में नक्सल गतिविधियों पर नियंत्रण रखने में हॉक फोर्स की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, और आशीष शर्मा जैसे अधिकारी अपने साहस और समर्पण की वजह से पहचान बनाए हुए थे।

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FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. आशीष शर्मा कौन थे?

वे हॉक फोर्स बालाघाट में तैनात विशेष सशस्त्र बल के निरीक्षक थे और नक्सल विरोधी अभियानों में अहम भूमिका निभाते थे।

2. शहीद के परिवार को क्या सहायता मिली?

राज्य सरकार ने परिजनों को ₹1 करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान की है।

3. अनुकंपा नियुक्ति किसे दी गई?

शहीद निरीक्षक के छोटे भाई अंकित शर्मा को उप निरीक्षक (SI) के पद पर नियुक्ति दी गई है।

4. आशीष शर्मा को कौन-कौन से सम्मान मिले थे?

उन्हें दो बार राष्ट्रपति वीरता पदक, 2021 में मुख्यमंत्री आंतरिक सेवा पदक और 2023 में दुर्गम सेवा पदक मिला था।

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