मध्यप्रदेश : LOCKDOWN समाप्त होते ही मई से शुरू होंगी परीक्षाएं

मध्यप्रदेश : LOCKDOWN समाप्त होते ही मई से शुरू होंगी परीक्षाएंभोपाल. राज्यपाल लालजी टंडन ने प्रदेश के शासकीय

Update: 2021-02-16 06:19 GMT

मध्यप्रदेश : LOCKDOWN समाप्त होते ही मई से शुरू होंगी परीक्षाएं

भोपाल. राज्यपाल लालजी टंडन ने प्रदेश के शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नियमित पढाई व्यवस्था की जानकारी प्राप्त की। कांफ्रेस में उनको बताया गया कि प्रदेश में विश्वविद्यालयों द्वारा छात्र-छात्राओं को विभिन्न विषयों की इटंरएक्टिव ऑन लाइन क्लासेज, ऑडियो-वीडियो लेक्चर और स्टडी मेटेरियल की सप्लाई की जा रही है। LOCKDOWN समाप्त होने पर विश्वविद्यालयों ने मई के प्रथम सप्ताह से जून के मध्य परीक्षाएं संचालित करने की तैयारी कर ली है। परीक्षा परिणाम जुलाई माह के द्वितीय सप्ताह में घोषित किये जा सकेंगे।

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नहीं होगी छुट्टी

LOCKDOWN बढ़ने का असर विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं में भी पड़ा है। प्रदेश के सभी विश्ववद्यालय मई और जून के मध्य परीक्षा कराएंगे। जबकि जुलाई के पहले सप्ताह में रिजल्ट घोषित कर दिए जाएंगे। वहीं, राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालयों में इस बार ग्रीष्मकालीन अवकाश नहीं होंगे।

राज्यपाल टंडन ने विपरीत परिस्थितियों में शैक्षणिक उत्तरदायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन करने के लिए विश्वविद्यालयों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस संकट के दौर में प्रदेश के बुद्धिजीवियों और छात्र-छात्राओं ने महत्वपूर्ण योगदान दे कर दुनिया के सामने मिसाल पेश की है। उन्होंने कहा कि जिस समर्पण और सक्रियता से विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्वास्थ्य विभाग की सूचनाओं को जनमानस में प्रसारित किया गया है, वह सराहनीय और अनुकरणीय है।

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लाल जी टंडन ने कुलपतियों से कहा कि लाखों छात्र-छात्राओं के भविष्य निर्माता हैं। उन्होने कहा कि इनके हितों का संरक्षण हम सबकी मूल जिम्मेदारी है। इस तथ्य को सदैव ध्यान में रखें। उन्होने कहा कि छात्र-छात्राओं के चरित्र निर्माण के लिए प्रयास करें। बौद्धिक विकास के कार्यों पर फोकस करें। शोध अनुसंधान के कार्यों में गति लायें। राज्यपाल ने विद्यार्थियों की रोजगारपरक शिक्षा के लिए नवाचार और आवश्यक तैयारियाँ करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि नियमित शिक्षण कार्य के साथ ही शोध और अनुसंधान के लिए आवश्यक तथ्यों की ऑनलाइन उपलब्धता के प्रबंध भी किए जाएं।

राज्यपाल ने कहा कि कोरोना संकट बड़ा है लेकिन भयभीत नहीं होना है बल्कि इसके स्वरूप को नियंत्रित रखने के लिए प्रयास करना है। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ते हुए प्रथम चरण को पार कर हम दूसरे दौर में पहुंच गए हैं। घर पर रहते हुए प्रत्येक व्यक्ति इस जंग का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि सारा विश्व आज भारत की ओर आशा से देख रहा है। भारतीय परम्परा से ही इस संकट का निदान निकलेगा। युवाओं और किसानों में आत्म-विश्वास और आत्म-गौरव का संचार करें।

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राज्यपाल ने कहा कि जो लोग चुनौती को स्वीकार करते हैं, वे ही बड़े परिवर्तन के साक्षी बनते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट की चुनौती के बाद बड़े सामाजिक और आर्थिक बदलाव होंगे तथा देश और प्रदेश तेजी से प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेगा। इस परिप्रेक्ष्य में तैयारियां शुरू की जाएं।

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