MP Board परीक्षार्थियों के लिए खुशखबरी! प्रश्न पत्र में गलतियों पर 10वीं व 12वीं के 19 लाख विद्यार्थियों को मिलेंगे बोनस अंक

MP Board Exam 2023 Bonus Marks News: मध्यप्रदेश के छात्रों के लिए खुशखबरी है। जो छात्र माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड की कक्षा 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा में शामिल हुए थे उन्हें बोनस अंक मिलेंगे।

Update: 2023-04-08 10:20 GMT

मध्यप्रदेश के छात्रों के लिए खुशखबरी है। जो छात्र माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड की कक्षा 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा में शामिल हुए थे उन्हें बोनस अंक मिलेंगे। जिसके लिए निर्देश भी मंडल द्वारा जारी कर दिए गए हैं। ऐसे में प्रदेश के लगभग 19 लाख विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल सकेगा। प्रश्न पत्र में हुई गलतियों के कारण कई विषयों में छात्रों को बोनस अंक दिए जाएंगे।

मूल्यांकन का दूसरा चरण प्रारंभ

कक्षा दसवीं के सामाजिक विज्ञान के अलावा बारहवीं के संस्कृत, फिजिक्स, इतिहास, गणित समेत कई विषयों में बोनस अंक दिए जाएंगे। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं। दोनों परीक्षाओं में करीब 19 लाख विद्यार्थी शामिल हुए हैं। बोर्ड की 15 मार्च तक हुई परीक्षाओं का मूल्यांकन कार्य 17 मार्च से प्रारंभ किया गया था। मूल्यांकन कार्य अभी तक धीमी गति से चल रहा था। 15 मार्च के बाद हुई परीक्षाओं का मूल्यांकन शनिवार से प्रारंभ कर दिया गया है।

बोर्ड कॉपियों का मूल्यांकन 8 मई तक होगा पूरा

आज से मंडल की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन का दूसरा चरण भी प्रारंभ कर दिया गया है। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा कक्षा 10वीं और 12वीं का परिणाम 25 मार्च तक घोषित किए जाने की संभावना है। माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 12वीं की परीक्षा 5 अप्रैल को समाप्त हुई। जिसका मूल्यांकन अभी धीमी गति से चल रहा था। शनिवार से मूल्यांकन का दूसरा चरण प्रारंभ होने के बाद कार्य में गति आएगी। बोर्ड कॉपियों का मूल्यांकन कार्य 8 मई तक पूरा कर लिए जाने की संभावना जताई गई है। जिसके बाद कक्षा दसवीं एवं बारहवीं का रिजल्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

बोर्ड परीक्षा बोनस अंक सब्जेक्ट

प्रश्न पत्र में गलतियां पर कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए छात्रों को बोनस अंक दिए जाएंगे। दसवीं के सामाजिक विज्ञान में सेट ए के प्रश्न 23 में मानचित्र में बोनस के चार-चार अंक प्रदान किए जाएंगे। इसी प्रश्न पर सेट बी, सी एवं डी में अंक मिलेंगे। जबकि कक्षा 12वीं की हिंदी में सेट एक के प्रश्न 3 के चार चौपाई में एक अंक मिलेगा। इसी प्रश्न पर सेट बी, सी व डी के छात्रों को भी दिए जाएंगे। 12वीं गणित में सेट ए के 22वें प्रश्न में 4 अंक दिए जाएंगे। इसी प्रश्न के सेट बी, सी और डी में भी 4 अंक दिए जाएंगे। 12वीं भूगोल में सेट ए के 19 व 20 में छात्रों को बोनस अंक दिए जाएंगे। 12वीं इतिहास के सेट ए के 23 प्रश्न में निर्धारित अंक हल करने के प्रयास में दिए जाएंगे। 12वीं संस्कृत के सेट ए के प्रश्न 21 पाठ्यक्रम के बाहर का पूछा गया था। जिसमें विद्यार्थियों को चार-चार अंक बोनस के रूप में मिलेंगे। इसी प्रश्न पर बी, सी व डी सेट के छात्रों को भी बोनस अंक दिए जाएंगे। जिसके लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।

कक्षा 10वीं और 12वीं में कम होगा थ्योरी का बोझ

भारतीय एजुकेशन सिस्टम में न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत कई बड़े बदलाव किए जाने हैं जिसके लिए कवायद प्रारंभ कर दी गई है। नेशनल करिकुल फ्रेमवर्क (एनसीएफ) की सिफारिशों का प्री-ड्राफ्ट केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जारी किया है। इस मसौदे में 2024 में होने वाली सीबीएसई बोर्ड परीक्षा का वेटेज सिस्टम भी शामिल है। जिसके मुताबिक मल्टीपल च्वॉइस बेस्ड क्वेश्चन (एमसीक्यू) का वेटेज बढ़ाया जा सकता है। जिसके चलते थ्योरी का बोझ छात्रों पर कम पड़ेगा। इसके साथ ही सीबीएसई दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा 2024 में शॉर्ट और लॉन्ग प्रश्नों को कम करेगा। छात्रों से मल्टीपल च्वाइस प्रश्न ज्यादा पूछने का प्लान है।

मल्टीपल च्वॉइस बेस्ड प्रश्नों की संख्या होगी ज्यादा

बोर्ड की नई एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत छात्रों की रटने वाली पढ़ाई को खत्म किया जाएगा। वर्ष 2023-24 की हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा में मल्टीपल च्वॉइस बेस्ड क्वेश्चन (एमसीक्यू) का पेपर वेटेज 50 प्रतिशत एवं कक्षा हायर सेकेण्ड्री के पेपर में एमसीक्यू का वेटेज 40 प्रतिशत किया जा सकता है। यह परीक्षाएं सेमेस्टर वाइज होंगी। छात्रों को अपने पसंद के चुने गए सब्जेक्ट को उसी सेमेस्टर में पूरा करना होगा। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा नेशनल करिकुल फ्रेमवर्क के ड्राफ्ट के अनुसार सेकेण्डरी स्टेज को चार ग्रेड में बांटा गया है। जिसमें कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं एवं 12वीं कक्षा शामिल हैं। इस स्टेज में छात्रों को कुल 16 विकल्प आधारित पाठ्यक्रमों को पूरा करना होगा। यहां पर यह बता दें कि सभी बदलाव जो प्रस्तावित किए गए हैं इस लेबल पर इसरो के पूर्व वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय समिति के सुझाव मात्र हैं।

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