खतरे में महाराष्ट्र सरकार! शिवसेना के विधायकों ने शुरू की बगावत, जानें पूरा मामला

शिवसेना में बगावत: महाराष्ट्र की शिवसेना के विधायक और मंत्री अपनी ही पार्टी के खिलाफ आवाज ऊंची करने लगे हैं

Update: 2022-06-21 09:29 GMT

क्या महाराष्ट्र में शिवसेना का तख्तापलट होगा: महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार खतरे में हैं, पार्टी के विधायक और मंत्री अपनी सरकार के खिलाफ आवाज ऊंची करने लगे हैं. ऐसे में शिव सेना को डर है कि कहीं उनका हाल भी एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जैसा न हो जाए. शिवसेना के 30 विधायक और मंत्री एक जुट हुए है और ऐसी सम्भावना है कि जल्द उद्धव ठाकरे को राजयसभा में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ सकता है। 

एकनाथ शिंदे शिवसेना से नाराज 

महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार से नाराज चल रहे मंत्री एकनाथ शिंदे 30 विधायकों के साथ सूरत में हैं. यह सभी MLA और शिंदे अपने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का फोन तक नहीं उठा रहे हैं. ऐसे में अगर यह विधायकों का दल बगावत में उतर आता है तो शिवसेना सरकार का गिरना तय है 

कौन है एकनाथ शिंदे 

साल 2019 में उद्धव सरकार ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता और महाराष्ट्र का नगर विकास मंत्री पद संभालने को दिया था, शिंदे महाराष्ट्र के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं जिनकी राज्य की जनता और विधायकों में अच्छी पकड़ है. बीते कुछ दिनों से एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे से नाराज हैं. 

एकनाथ शिंदे शिवसेना से क्यों नाराज हैं 

  • मुंबई-नागपुर में बना सुपर हाइवे की जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे को दी थी, उद्धव सरकार में भी यह प्रोजेक्ट शिंदे ने ही संभाला लेकिन शिवसेना ने उन्हें क्रेडिट नहीं दिया 
  • एकनाथ शिंदे हमेशा से कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के खिलाफ थे, उनका मानना है कि महाराष्ट्र उद्धव ने अपनी सरकार बनाने के लिए कांग्रेस का साथ लेकर शिवसेना को नुकसान पहुंचाया है 
  • महाराष्ट्र की महाअघाड़ी सरकार बनने के बाद शिंदे खुद को अकेला महसूस कर रहे थे, उन्हें उद्धव ठाकरे से उतनी तवज्जो नहीं दी जितना वो अन्य मंत्रियों को देते रहे. 

एकनाथ शिंदे के साथ कितने विधायक हैं 

मिडिया सूत्रों के अनुसार एकनाथ शिंदे के पास 30 विधायकों का समर्थन है, जिनमे से 23 का उनके साथ होना पक्का है। अब्दुल सत्तार राज्य मंत्री सिलोड औरंगाबाद, शंबुराजे देसाई राज्य मंत्री सतारा पाटन, संजय राठौड़ डिग्रास यवतमाल, संजय रायमुलकर मेहकर, संजय गायकवाड़ बुलढाणा। महेंद्र दलवी अलीबाग,विश्वनाथ भोईर, कल्याण, ठाणे, भरत गोगवाले महाड रायगढ़, संदीपन भुमरे राज्य मंत्री, प्रताप सरनाइक मजीवाड़ा ठाणे, शाहजी पाटिल, तानाजी सावंत, शांताराम मोरे, श्रीनिवास वनगा, संजय शीर्षसत, अनिल बाबर, बालाजी किन्निकर, यामिनी जाधव, किशोर पाटिल, गुलाबराव पाटिल, रमेश बोरानारे, उदय राजपूत। 

शिवसेना के खिलाफ पारित हो सकता है अविश्वास प्रस्ताव 

महाराष्ट्र में 2019 में हुए चुनाव में बीजेपी को सबसे ज़्यादा 106 सीटों में जीत मिली थी, 56 शिवसेना को और 44 कांग्रेस के साथ 53 सीटें NCP को मिली थी. शिवसेना ने अपने उसूलों के खिलाफ जाकर कांग्रेस और NCP से गठबंधन किया और बीजेपी इस महाअघाड़ी सरकार के आगे सत्ता से बाहर हो गई. बीजेपी के पास फ़िलहाल 106 बीजेपी MLA के साथ 11 अन्य दलों के विधायक हैं. अगर एकनाथ शिंदे सहित उनके साथ वाले 30 के 30 विधायकों ने शिवसेना का साथ छोड़ दिया तो महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता। महाराष्ट्र में वही होगा जो 2020 में मध्य प्रदेश में हुआ था। 

इस बगावत की चर्चा शुरू होने के बाद महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस का नारा चर्चा में है. उन्होंने चुनाव हारने के बाद 1 दिसम्बर 2019 के दिन विधानसभा में शायरी कही थी. 

'मेरा पानी उतरता देख, मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना। मैं समंदर हूं लौटकर वापस आऊंगा।'   

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