अनिल अंबानी के घर तक पहुंची ED की कार्रवाई – ₹3084 करोड़ की 40 संपत्तियां जब्त, पाली हिल बंगला भी शामिल
ED ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की 40 से अधिक संपत्तियां जब्त कीं जिनकी कुल कीमत ₹3084 करोड़ है। इनमें पाली हिल वाला लग्जरी घर भी शामिल है। कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ी है।;
हाइलाइट्स
- ED ने अनिल अंबानी से जुड़ी 40 संपत्तियों को अटैच किया
- कुल वैल्यू ₹3084 करोड़, पाली हिल वाला घर भी शामिल
- मामला यस बैंक लोन फंड डायवर्जन से जुड़ा
- ED की कार्रवाई PMLA की धारा 5(1) के तहत की गई
ED ने अनिल अंबानी की 40 संपत्तियां अटैच कीं
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़ी 40 से अधिक संपत्तियों को अटैच कर दिया है। इन संपत्तियों की कुल कीमत लगभग ₹3084 करोड़ बताई जा रही है। इनमें अनिल अंबानी का मशहूर पाली हिल रेसिडेंस भी शामिल है। ED का कहना है कि यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और फंड डायवर्जन के मामलों से जुड़ी है, जो यस बैंक के लोन से संबंधित हैं।
फंड डायवर्जन और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला
ED की जांच के अनुसार, रिलायंस होम फाइनेंस (RHFL) और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस (RCFL) में बड़े स्तर पर फंड्स का गलत इस्तेमाल किया गया। यस बैंक ने 2017 से 2019 के बीच इन कंपनियों में लगभग ₹5000 करोड़ का निवेश किया था, लेकिन ये रकम बाद में NPA (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) बन गई। अब तक यस बैंक को करीब ₹2700 करोड़ का नुकसान हुआ है।
अटैच की गई संपत्तियां कई शहरों में फैलीं
ED की रिपोर्ट के अनुसार, अटैच की गई संपत्तियां दिल्ली, नोएडा, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई और ईस्ट गोदावरी जैसे शहरों में हैं। इनमें रेसिडेंशियल यूनिट्स, ऑफिस बिल्डिंग्स और लैंड पार्सल्स शामिल हैं। इनमें सबसे चर्चित पाली हिल स्थित 'अबोड' बंगला है, जो अनिल अंबानी का निवास है।
'अबोड' बंगले की लग्जरी सुविधाएं
अनिल अंबानी अपने पाली हिल वाले घर में टीना अंबानी और दोनों बेटों के साथ रहते हैं। इस घर में हेलीपैड, जिम, स्विमिंग पूल और लाउंज एरिया जैसी हाई-एंड सुविधाएं हैं। यह घर मुंबई की सबसे प्रीमियम प्रॉपर्टीज में से एक है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इसमें अनिल अंबानी की लग्जरी कारों का कलेक्शन भी प्रदर्शित है, जिनमें रोल्स रॉयस और पोर्शे जैसी कारें शामिल हैं।
ED की रिपोर्ट में क्या-क्या सामने आया?
जांच में यह सामने आया कि कई फर्जी कंपनियों को एक ही दिन में लोन अप्रूव और डिस्बर्स किए गए। कई जगहों पर डॉक्यूमेंट्स अधूरे या डेटलेस मिले। ED ने इसे “इंटेंशनल कंट्रोल फेल्योर” बताया है। अब एजेंसी क्राइम प्रोसीड्स को ट्रैक करने में जुटी है ताकि और संपत्तियों को भी अटैच किया जा सके।
FAQs – मामले से जुड़े अहम सवाल-जवाब
सवाल 1: ED ने यह कार्रवाई क्यों की?
यह कार्रवाई 2017-19 के बीच लिए गए यस बैंक लोन के फंड डायवर्जन से जुड़ी है। ED के अनुसार, ये रकम रिलायंस ग्रुप की अन्य कंपनियों में ट्रांसफर की गई और इसका इस्तेमाल घोषित उद्देश्य से अलग हुआ।
सवाल 2: ED की जांच में क्या खुलासे हुए?
ED ने पाया कि लोन अप्रूवल प्रक्रिया में भारी गड़बड़ियां हुईं। कुछ लोन बिना फील्ड चेक के मंजूर किए गए, जबकि कई कंपनियों के डायरेक्टर और एड्रेस एक जैसे पाए गए। कई बार फर्जी डॉक्यूमेंट्स के आधार पर भी रकम ट्रांसफर हुई।
सवाल 3: इस मामले में CBI की क्या भूमिका है?
CBI ने भी इस मामले में दो अलग-अलग FIRs दर्ज की हैं जो RHFL और RCFL को दिए गए लोन से जुड़ी हैं। यस बैंक के पूर्व CEO राणा कपूर का नाम भी इन मामलों में सामने आया है। ED, CBI और अन्य एजेंसियां अब मिलकर जांच कर रही हैं।