नाबालिग उम्र में ही दूसरो के लिये सोच रखने का जज्बा,17 वर्षीय लड़की का दृड़ सकंल्प,उम्र बनी बाधा..

उम्र भले ही कंम हो लेकिन दूसरों के लिये सोच रखने वाले जज्बे को हर कोई सलाम करने से अपने आप को नही रोक सकता है। ऐसी कुछ सोच

Update: 2021-02-16 06:42 GMT

नाबालिग उम्र में ही दूसरो के लिये सोच रखने का जज्बा,17 वर्षीय लड़की का दृड़ सकंल्प,उम्र बनी बाधा..

जबलपुर। उम्र भले ही कंम हो लेकिन दूसरों के लिये सोच रखने वाले जज्बे को हर कोई सलाम करने से अपने आप को नही रोक सकता है। ऐसी कुछ सोच जबलपुर के 17 वर्षीय श्रेया खंडेलवाल का है।

नव वर्ष में लिया था यह निर्णय

दरअसल श्रेया खंडेलवाल नव वर्ष पर जबलपुर के मेडिकल कालेज पहुची और मृत के बाद अपना देह दान का इच्छा फार्म भरा था। लेकिन मेडिकल कालेज प्रशासन ने उनके फार्म को यह कह कर वापस कर दिया कि उनकी उम्र कंम है। नाबालिंग उम्र में शरीर का इच्छा दान फार्म स्वीकार नही किया जा सकता।

जन्मदिन पर भरेगी फार्म

श्रेया खंडेलवाल ने मीडिया से चर्चा करते हुये कहां कि दूसरो के लिये यह शरीर हो तभी तो जीवन की सार्थकता है। यह सोच कर वह देहदान करने आई थी। उम्र इसमें आड़े आ रहा है। जिसके चलते उन्होने निर्णय लिया है कि वे 18 वर्ष की होने पर अपने जन्मदिन में देह दान के साथ ही रक्तदान भी करेगी।

स्वच्छता की है ब्रांड एम्बेस्डर

समाज कार्य के क्षेत्र में श्रेया की गहरी रूचि हैं। वह जबलपुर शहर की स्वच्छता एम्बेस्डर भी नियुक्त की गई है। उसे आवार्ड भी मिल चुका है।

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