27 दिसंबर को धरती के करीब से 190 मीटर लंबा एस्टेरॉइड गुजरेगा, 2013 में एक एस्टेरॉइड ने रूस में तबाही मचा दी थी

साल के अंत में धरती के बेहद करीब से एक विशालकाय उल्कापिंड गुजरेगा, जो धरती ने टकराएगा नहीं लेकिन अगर टकराता तो कुछ बचता भी नहीं

Update: 2021-12-05 08:38 GMT

27 दिसंबर 2021 को हमारी पृथ्वी के करीब से एक विशालकाय एस्टेरॉइड गुजरेगा, खुशकिस्मती की बात तो यह है कि यह धरती से फ़िलहाल तो नहीं टकराएगा लेकिन इसकी टक्कर अगर पृथ्वी से हो जाए तो यह दुनिया तबाह करने के लिए काफी है। यही एस्टेरोइड साल 2018 में भी धरती के बेहद नज़दीक से होकर गुजरा था, इस एस्टेरोइड का नाम एस्टेरॉयड 2018 एएच (Asteroid 2018 AH) है। जो दिल्ली के कुतुबमीनार से भी ढाई गुना बड़ा है। 

धरती की तरफ बढ़ रहे Asteroid 2018 AH की लंबाई 190 मीटर यानी के 623 फुट है। अमेरिकी स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइज़ेशन NASA के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एस्टेरोइड 27 दिसंबर को धरती के बगल से होकर गुजरेगा। वैसे तो पृथ्वी से इसकी टक्कर नहीं होगी लेकिन अगर यह टकराने वाला होता तो उस देश में हिरोशिमा-नागासाकी से भी भयंकर परमाणु विस्फोट से भी ज्यादा तबाही मचती। 

धरती से काफी दूर से गुजरेगा 


एस्टेरोइड 2018 AH धरती से करीब 45 लाख किलोमीटर दूर से गुजरेगा। लेकिन यही एस्टेरोइड साल 2018 में सिर्फ 2.96 किलोमीटर की दूरी से निकला था। तब इसका पृथ्वी से टकराना भी सम्भव था। लेकिन अंतरिक्ष के लिए 45 लाख किलोमीटर जितनी दूरी कुछ नहीं होती। लेकिन अच्छी बात ये है कि यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्ष्ण बल के चपेट में नहीं आएगा। वरना कोई देश इसकी चपेट में आजाता। 

2013 में रूस में सिर्फ 17 मीटर बड़े एस्टेरोइड ने तबाही मचा दी थी 

धरती में आखिरी बार सिर्फ 17 मीटर लंबा उल्कापिंड रूस देश में गिरा था। जो पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही फट पड़ा था।.जिससे एक शहर में आसमान से  छोटे-छोटे उल्कापिंड के टुकड़ों की बारिश होने  लगी थी. कई लोग बुरी तरह ज़ख़्मी हो गए थे वो घरों की खिड़कियां टूट गई थीं।  इससे पहले भी साल 1908 में रूस में ही एक और एस्टेरोइड ने तबाही मचाई थी. वह पोद्कामेनया तुंगसुका नदी में गिरा था. जहां एक बड़ा गड्ढा बन गया. इसे तुंगसुका इवेंट (Tungsuka Event) कहते हैं. माना जाता है कि तुंगसुका इवेंट वाला एस्टेरोइड उतना ही बड़ा था जितना Asteroid 2018 AH है 

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