AI तस्वीरों का ट्रेंड खतरनाक: कोई ब्लैकमेल हो रहा, तो किसी का डीफ फेक वीडियो बना; बचने के उपाय

एआइ फोटो एडिटिंग और डीप फेक तकनीक से निजता पर बढ़ता खतरा, मप्र और बेंगलुरु में ठगी व ब्लैकमेल के मामले।;

Update: 2025-09-18 06:37 GMT

एआइ तस्वीरों का नया खतरा: एआइ (Artificial Intelligence) से सुंदर तस्वीरें बनवाना आजकल ट्रेंड में है। गूगल का जैमिनी नैनो टूल और अन्य एआइ फोटो एडिटिंग ऐप्स लोगों की निजता के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। मप्र, इंदौर और बेंगलुरु में एआइ के दुरुपयोग से साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। 40 से ज्यादा युवतियों की तस्वीरों से पोर्न वीडियो बनाए जाने और ब्लैकमेल के मामले सामने आए हैं। यह दिखाता है कि टेक कंपनियों के पास हमारे निजी डेटा का कितना बड़ा भंडार है और उसका गलत इस्तेमाल भी हो सकता है।

झलक भवनानी का मामला

इंस्टाग्राम यूजर झलक भवनानी ने एआइ साड़ी ट्रेंड के लिए अपनी फोटो अपलोड की। फोटो में उन्होंने पूरी आस्तीन का सूट पहना था, लेकिन एआइ ने तस्वीर में उनके कंधे पर तिल दिखा दिया। झलक ने सवाल उठाया कि एआइ को यह जानकारी कैसे मिली। उन्होंने यूजर्स को चेतावनी दी कि किसी भी एआइ ट्रेंड में भाग लेने से पहले सावधानी बरतें।

जग्गी वासुदेव के वीडियो से ठगी

बेंगलुरु में एक महिला को सोशल मीडिया पर जग्गी वासुदेव का वीडियो मिला, जिसमें वे निवेश के लिए कह रहे थे। महिला ने निर्देशों के अनुसार 3.75 करोड़ रुपए अन्य खातों में भेज दिए। बाद में पता चला कि यह वीडियो डीप फेक और एआइ तकनीक से बनाया गया था। यह घटना दर्शाती है कि एआइ तकनीक से धोखाधड़ी और ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

रील की लत और ब्लैकमेल

इंदौर की एक युवती सोशल मीडिया पर अपनी पल-पल की तस्वीरें शेयर करती थी। साइबर अपराधियों ने उसकी फोटो को एआइ से पोर्न में बदलकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। इस कारण युवती की शादी टूट गई और वह अवसाद में चली गई। यह केस साबित करता है कि सोशल मीडिया पर सावधानी न रखने से व्यक्तिगत जीवन भी खतरे में पड़ सकता है।

सतर्कता के उपाय

एआइ के दुरुपयोग से बचने के लिए कुछ जरूरी कदम हैं:

  • मेटाडेटा हटाएं: फोटो अपलोड से पहले लोकेशन और डिवाइस डिटेल्स हटाएं।
  • नीति चेक करें: ऐप या प्लेटफॉर्म की डेटा यूज पॉलिसी पढ़ें। अगर आपका डेटा एआइ ट्रेनिंग में उपयोग हो रहा है तो अपलोड करने से बचें।
  • चेहरा-आवाज अपलोड न करें।
  • सोशल मीडिया पर निजी तस्वीरों और वीडियो को पब्लिक करने से बचें।
इन कदमों से साइबर अपराध और एआइ के गलत इस्तेमाल से खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है।

FAQ

1. एआइ फोटो एडिटिंग से कैसे बचें?
सोशल मीडिया पर निजी तस्वीरें शेयर करने से पहले एआइ और ऐप की डेटा पॉलिसी पढ़ें। लोकेशन और मेटाडेटा हटाएं।

2. डीप फेक वीडियो क्या हैं?
डीप फेक वीडियो एआइ तकनीक से बनाए जाते हैं, जिनमें किसी की असली आवाज या चेहरा बदलकर झूठी वीडियो बनाई जाती हैं।

3. एआइ के दुरुपयोग से कानूनी कदम क्या हैं?
एआइ पोर्न या ब्लैकमेल के मामलों में पुलिस और साइबर क्राइम शाखा में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। रासुका और आईपीसी की धारा के तहत कार्रवाई होती है।

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