मृत्यु के बाद शव को अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता, जाने कारण

हिन्दू धर्म में शव को अकेला नहीं छोड़ा जाता है।

Update: 2021-12-06 07:00 GMT

हिन्दू धर्म शास्त्रों की माने तो मृत्यु के बाद मृतक के शव को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। इसके कई कारण बताए गये है। सबसे पहले यह जानना आवाश्यक है कि मृत्यु के बाद शव को अकेला न छोडने के लिए हमारे धर्मों में क्या कारण बताए गये हैं। साथ ही वैज्ञानिक कारणों को भी जानना चाहिए। धार्मिक मान्यता में कहा गया है कि मृत्यु के बाद जब जीव शरीर से निकल जाती है तो वह वाही आसपास सूक्ष्म रूप में मौजूद रहती है। ऐसे में शव के पास परिजनो को रहना चाहिए।

रात में नहीं किया जाता अंतिम संस्कार

हिन्दू धर्म के अनुसार रात के समय अंतिम संस्कार करना निषेध बताया गया है। दिन डूबने या करें संध्या के समय अंतिम संस्कार नही करना चाहिए। ऐसे में लोगों द्वारा शव को बाहर सुरक्षित रखा जाता है। शव के पास लेगों को रहना चाहिए।

हमरे धर्म में केवल शिव नगरी काशी में जिसे इस समय वाराणसी के नाम से जाना जाता है वहां रात के समय अंतिम संस्कार करने की इजाजत है। कहा जाता है कि काशी में अंतिम संस्कार करने से जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

शव की करें देख-रेख

मृत्यु के बाद परिजनो के इंतजार में अंतिम संस्कार में विलम्ब करना पड़ता हैं। ऐसे में शव के पास किसी न किसी व्यक्ति को अवश्य रहना चाहिए। शव के पास सुगंधित धूप या अगरबत्ती जलानी चाहिए। वहीं साफ सुथरे जगह में शव को रखना चाहिए।

शव के पास रहने के हैं कई कारण

  • बताया गया है कि शव के पास परिजनों के न रहने पर मौजूद बुरी आत्माएं उस जीव के पास आ जाती है। जो बाद में परिजनो को भी काफी      नुक्सान पहुंचा सकती है।
  • बताया गया है कि जब जीव को उसके छोडे हुए शरीर के पास परिजन नही मिलते तो उसे कष्ट होता है।
  • मृत्यु के बाद शव के अकेले रहने पर कई बार तांत्रिक तंत्र की क्रियाएं कर देते हैं। जिससे मृतक जीव के परिजनो को तरह-तरह की परेशानी      भी होती है। ऐसे में रात के समस शव को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए।
  • वहीं इस सम्बंध में वैज्ञानिकों का मत है कि कीड़े-मकोड़े या चीटियां शव के पास आकर उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनसे देखभाल के          लिए शव के पास रहना चाहिए।
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