भगवान राम के जीवन को पढ़ेंगे कॉलेज के छात्र, रामचरितमानस का तैयार किया गया व्यावहारिक दर्शन

मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने रामचरितमानस को शिक्षा में किया शामिल।

Update: 2021-09-14 02:18 GMT

उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश (Higher Education Department Madhya Pradesh) ने कॉलेजो में रामचारितमानस को पढ़ाने के लिए तैयारी कर ली है। नए शिक्षा सत्र से बीए प्रथम वर्ष में छात्रों को भगवान राम के जीवन की पढ़ाई करवाई जायेगी। उच्च शिक्षा विभाग ने 'रामचरितमानस का व्यावहारिक दर्शन'  ('Practical Philosophy of Ramcharitmanas') नाम से एक पाठ्यक्रम तैयार किया है। इसका 100 नंबर का पेपर रहेगा। इसे दर्शन शास्त्र विषय में रखा गया है। यह सभी के लिए अनिवार्य न होकर वैकल्पिक रहेगा।

छात्रों में अच्छे गुणो को है उतारना

उच्च शिक्षा विभाग का उद्देश्य है कि पढ़ाई के बाद छात्र व्यक्तित्व विकास के विभिन्न आयामों पर केंद्रित होकर संतुलित नेतृत्व क्षमता व मानवतावादी दृष्टिकोण को विकसित करने योग्य बनें। छात्र उन जीवन मूल्यों को भी जान सकें, जिसकी समाज में आज जरूरत है। छात्र तनाव प्रबंधन और व्यक्तित्व विकास के क्षेत्र में प्रेरक कुशल वक्ता बन सके।

नई शिक्षा नीति में यह भी

नई शिक्षा नीति 2020 में प्रदेश के कॉलेजों में बीए प्रथम वर्ष के नए पाठ्यक्रम शामिल किए गए हैं। इसमें महाभारत, रामचरितमानस, योग और ध्यान हैं। आर्ट्स में उर्दू गजल, उर्दू जबान और मुख्तलिर्फ असनाफ भी पढ़ाई जाएगी। अंग्रेजी के फाउंडेशन कोर्स में फर्स्ट ईयर के छात्रों को सी राजगोपालचारी की महाभारत की प्रस्तावना पढ़ाई जाएगी। अंग्रेजी और हिंदी के अलावा, योग और ध्यान को भी तीसरे फाउंडेशन कोर्स के रूप में पेश किया गया है। इसमें ओम ध्यान और मंत्रों का पाठ शामिल है।

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