ब्राह्मण बेटियों पर टिप्पणी करने वाले IAS को हटाया गया: CM मोहन यादव ने संतोष वर्मा की बर्खास्तगी का प्रस्ताव केंद्र भेजा, विवादित बयानों से बढ़ा था तनाव

मध्यप्रदेश के IAS संतोष कुमार वर्मा पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी सेवा समाप्त करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। फर्जी दस्तावेज़, पदोन्नति विवाद और हाल के बयानों के बाद मामला गंभीर हुआ। जानिए पूरा मामला और नियम।

Update: 2025-12-12 14:33 GMT
  • CM डॉ. मोहन यादव ने IAS संतोष वर्मा की सेवा समाप्त करने का प्रस्ताव भेजने का आदेश दिया
  • फर्जी दस्तावेज़, पदोन्नति प्रक्रिया में गड़बड़ी और विवादित बयानों के बाद मामला गंभीर हुआ
  • IAS वर्मा को कृषि विभाग से हटाकर GAD पूल में अटैच किया गया
  • 14 दिसंबर को बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रहा था सर्व समाज

CM मोहन यादव की बड़ी कार्रवाई: विवादों में घिरे IAS संतोष कुमार वर्मा की सेवा समाप्त करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजने का आदेश

मध्यप्रदेश सरकार ने विवादों में घिरे IAS संतोष कुमार वर्मा के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए उनकी IAS सेवा समाप्त करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की देर रात हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। साथ ही वर्मा को कृषि विभाग से हटाकर GAD पूल में अटैच कर दिया गया है, जहां उन्हें न विभाग मिलेगा और न कोई कार्यभार।

सरकार क्यों भेज रही है बर्खास्तगी का प्रस्ताव?

सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) की विस्तृत रिपोर्ट में कई गंभीर अनियमितताओं का उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्मा ने फर्जी और जाली दस्तावेज का उपयोग कर IAS पद पर पदोन्नति प्राप्त की। विभाग ने इसे “अनुचित, गलत और अवैध” माना है। इसके अलावा, उनके खिलाफ कई आपराधिक प्रकरण भी न्यायालयों में लंबित हैं।

सरकार का कहना है कि इन आरोपों पर वर्मा द्वारा दिया गया जवाब असंतोषजनक है और नियमों का गंभीर उल्लंघन करता है। सीएम यादव ने स्पष्ट कहा कि ऐसे अधिकारी को सेवा में रखना अनुशासन और शासन की विश्वसनीयता के खिलाफ है।

विभागीय जांच अंतिम चरण में

वर्मा पर जाली दस्तावेजों के आधार पर संनिष्ठा प्रमाण पत्र प्राप्त करने के आरोप की विभागीय जांच लगभग समाप्ति के समीप है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए गलत जानकारी दी गई। सरकार ने स्पष्ट किया कि यह प्रशासनिक नियमों और सेवा आचरण का गंभीर उल्लंघन है।

IAS संतोष वर्मा के हाल के विवादित बयान

IAS संतोष वर्मा बीते दिनों दो बयानों के कारण लगातार विवादों में थे। उनकी टिप्पणियों पर विभिन्न समुदायों और सामाजिक समूहों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। कई जिलों में प्रदर्शन हुए और सर्व समाज ने कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी थी।

1. सामाजिक सम्मेलन में विवादित टिप्पणी

अजाक्स सम्मेलन में बोले: “जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं देता, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए।” ऐसी टिप्पणी को कई संगठनों ने “असंवेदनशील और विभाजनकारी” बताया। सोशल मीडिया पर इसका व्यापक विरोध हुआ और प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बढ़ने लगा।

2. न्यायपालिका पर अनुचित आरोप

हाईकोर्ट पर गंभीर आरोप: एक अन्य वीडियो में कहा: “एसटी वर्ग के बच्चों को सिविल जज कोई और नहीं, हाईकोर्ट नहीं बनने दे रहा है… कटऑफ मार्क्स जानबूझकर कम दिए जाते हैं।" इस बयान को भी कई कानूनी विशेषज्ञों और संगठनों ने अत्यंत अनुचित माना। इस बयान के बाद वर्मा के खिलाफ आक्रोश और बढ़ गया।

14 दिसंबर को बड़ा विरोध प्रदर्शन होने वाला था

IAS वर्मा के खिलाफ कार्रवाई न होने से ब्राह्मण समाज और सर्व समाज ने 14 दिसंबर को सीएम हाउस घेराव का कार्यक्रम तय किया था। कई संगठनों ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में धरना, प्रदर्शन और पुतला दहन के बावजूद सरकार की ओर से कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई।

सरकार के इस ताजा निर्णय से विरोध प्रदर्शन की तीव्रता कम होने की संभावना है, क्योंकि मांग के अनुसार सरकार ने कड़ी कार्रवाई का संकेत दिया है।

क्या कहता है सिविल सेवा आचरण नियम?

All India Services Conduct Rules के अनुसार किसी भी अधिकारी को अपने आचरण, बयान और सार्वजनिक व्यवहार में कई महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना होता है। यह नियम यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रशासनिक अधिकारी—

  • पद की गरिमा के अनुरूप व्यवहार करें
  • समाज में विभाजन या तनाव को बढ़ावा देने वाली टिप्पणी न करें
  • किसी समुदाय, वर्ग या समूह का अपमानजनक उल्लेख न करें
  • सार्वजनिक मंचों पर संयम, तटस्थता और जिम्मेदारी रखें
  • राजनीतिक या उद्देश्यपूर्ण टिप्पणी से बचें
  • ऐसा कोई वक्तव्य न दें जो सरकार की छवि को नुकसान पहुँचा सके

इन नियमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अधिकारी अपनी सेवा के दौरान निष्पक्ष, संवेदनशील और संवैधानिक मर्यादा का पालन करते हुए समाज में सकारात्मक संदेश दें।

शिकायत आने पर प्रक्रिया क्या होती है?

यदि किसी अधिकारी के बयान या आचरण को लेकर शिकायत मिलती है, तो—

  • सरकार या DoPT प्राथमिक जांच करती है
  • अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा जाता है
  • जरूरत पड़ने पर शो-कॉज नोटिस जारी होता है
  • विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई— चेतावनी से लेकर बर्खास्तगी तक

IAS संतोष वर्मा के मामले में भी यही प्रक्रिया अपनाई गई और अब मामला अंतिम निर्णय की ओर बढ़ रहा है।

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FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. क्या IAS संतोष वर्मा की सेवा समाप्त हो गई है?

अभी नहीं। सरकार ने सेवा समाप्ति का प्रस्ताव केंद्र को भेजने का आदेश दिया है। अंतिम निर्णय केंद्र सरकार लेगी।

2. उन्हें विभाग से क्यों हटाया गया?

फर्जी दस्तावेज़ और आचरण से जुड़े गंभीर आरोपों के कारण उन्हें कृषि विभाग से हटाकर GAD पूल में अटैच किया गया है।

3. विवादित बयान कौन से थे?

उन्होंने दो सार्वजनिक कार्यक्रमों में ऐसे बयान दिए, जिन्हें सामाजिक रूप से अनुचित और आचरण नियमों के खिलाफ माना गया।

4. अब आगे क्या कदम होंगे?

केंद्र सरकार प्रस्ताव की समीक्षा करेगी। यदि आरोप सिद्ध हुए तो उनकी सेवा समाप्त हो सकती है।

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