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रीवा सोहागी बस हादसा: दुर्घटना से पहले RTO के लोगों ने बस संचालक से 13 हज़ार की रिश्वत ली?

रीवा सोहागी बस हादसा: दुर्घटना से पहले RTO के लोगों ने बस संचालक से 13 हज़ार की रिश्वत ली?
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Rewa Sohagi Bus Accident: आरोप है कि दुर्घटना से कुछ देर पहले RTO अफसरों ने बस को बीच रास्ते में रुकवाया था और बस में 25 अतिरिक्त सवारियों की गिनती भी की थी

Rewa Sohagi Bus Accident: मध्य प्रदेश के रीवा जिले के सोहागी पहाड़ में शुक्रवार की रात 11:30 बजे गंभीर बस हादसा घटित हुआ. हैदराबाद से गोरखपुर के लिए जा रही 55 यात्रियों से भरी बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई. मनगवां टू चाकघाट वाया सोहागी पहाड़ NH 30 में बस एक ट्रक से टकरा गई जिसमे मौके पर ही 15 यात्रियों की मौत हो गई और 40 घायल हुए. इस घटना में अब RTO अधिकारीयों की भूमिका पर सवाल खड़े होने लगे हैं. आरोप है कि दुर्घटना से पहले बस को RTO के दलालों और अधिकारीयों ने रोका था और ओवरलोड सवारी की गिनती करने के बाद 13 हज़ार की रिश्वत लेकर बस को जाने दिया था.


दुर्घटना से पहले RTO अधिकारीयों ने रिश्वत ली थी?

सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने सोहागी बस हादसे के मामले में RTO अधिकारीयों की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं और जांच की मांग उठाई है. आरोप है कि- घायलों ने बताया कि रीवा आने से पहले, मध्य प्रदेश के किसी जिले के RTO विभाग के अधिकारीयों या RTO दलालों ने बस को बीच सड़क में रुकवाया था और बस में ओवरलोड सवारियों का होना पाया था. क्षमता से अधिक पैसेंजर बैठे होने पर RTO के लोगों ने 13 हज़ार का चालान काटा था. ऐसे में RTO पर सवालिया निशान खड़े होते हैं


शिवानंद द्विवेदी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि- यह जानकारी प्राप्त हुई है कि MP के किसी RTO से जुड़े हुए अधिकारीयों या दलाल के द्वारा बस कंडक्टर/ड्राइवर से 13 हज़ार जुर्माने की राशि ली गई है. जो क्षमता से अधिक यात्रियों को भरने पर ली गई है. यह जांच का विषय है, इसकी तस्दीक होनी चाहिए

  • सवाल न.1- अगर RTO ने बस को यात्रियों से खचाखच देखा था तो अतिरिक्त सवारियों को नीचे क्यों नहीं उतरा?
  • सवाल न.2- ओवरलोड सवारी होने पर जो 13 हज़ार की राशि ली गई उसकी उसका चालान क्यों नहीं बनाया गया?
  • सवाल न.3- ओवरलोड बस को पकड़ने के बाद भी अपने RTO क्षेत्र से क्यों जाने दिया गया?

जांच होनी चाहिए

शिवानंद द्विवेदी का कहना है कि- हादसे में घायल सवारियों ने यह बताया है कि रीवा आने से पहले किसी दूसरे जिले की सीमा पर RTO ने बस को रोका था और ओवरलोड पाने के बाद 13 हज़ार रुपए लिए थे. और पैसे लेने के बाद बस को जाने दिया था.

मांग है कि घायल यात्रियों से पुछा जाए कि बस को किस जिले में रोककर RTO द्वारा 13 हज़ार की रकम ली गई थी और उस जिले के RTO अधिकारीयों को जांच के दायरे में लिया जाए. कहा जा रहा है कि अगर RTO के लोगों ने अपने कर्तव्य के प्रति थोड़ी सी भी ईमानदारी निभाई होती तो आज त्यौहार के मौके पर 15 लोगों को अपनी जान नहीं गवानी पड़ती

अनफिट बस 4 राज्यों की सीमा पार करती रही?

बस हादसे के बाद रीवा RTO ने उसे अनफिट करार दिया और रिपोर्ट उत्तर प्रदेश RTO को भेज दी. अगर बस पहले से अनफिट थी तो हैदराबाद से गोरखपुर यानी 1,441 किलोमीटर के सफर जहां बस को तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बाद यूपी बॉर्डर पार करना पड़ता है, वह कैसे चलती रही?

15 लोगों की मौत की वजह वो ट्रक या सिस्टम?

पुलिस-प्रशासन और सरकार का मानना है कि सोहागी में हुआ यह दर्दनाक हादसा ट्रक की ठोकर की वजह से हुआ. लेकिन इन 15 लोगों की जान लेने वाला सिर्फ वो ट्रक नहीं बल्कि भ्रष्ट सिस्टम भी है. RTO ने अपनी जिम्मेदारी निभाई होती तो यह हादसा रुक सकता था, NH-30 को NHAI के मानकों के हिसाब से बनाया जाता तो यह हादसा रुक सकता था, मऊगंज टू चाकघाट सड़क के गुणवत्ताहीन साबित होने के बाद अगर सड़क को सही तरीके से बनाया जाता तो यह हादसा रुक सकता था. लेकिन इसी सिस्टम की नज़र में आरोपी सिर्फ वो ट्रक चालक है.

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