रीवा

MP Rewa Bus Accident: सोहागी बस हादसे में 15 लोगों की मौत का असली जिम्मेदार कौन?

MP Rewa Bus Accident: सोहागी बस हादसे में 15 लोगों की मौत का असली जिम्मेदार कौन?
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MP Rewa Bus Accident: सोहागी पहाड़ की सड़क की गुणवत्ता को लेकर पहले भी सवाल खड़े हुए थे, जांच में इसे गुणवत्ताहीन और बेतरकीब पाया गया था

MP Rewa Sohagi Bus Accident: मध्य प्रदेश के रीवा जिले के सोहागी पहाड़ से गुजर रही बस का एक्सीडेंट हो गया. इस हादसे में 15 लोगों की जान चली गई जबकि 40 लोग घायल हो गए. घटना 21 अक्टूबर रात 11:30 बजे की है जब हैदराबाद से गोरखपुर के लिए जा रही बस गंभीर हादसे का शिकार हो गई. बस में 55 लोग सवार थे, जो दिवाली की छुट्टी में अपने घर लौट रहे थे. यूपी और एमपी सीएम ने इस घटना पर दुःख जताया और 2-2 लाख मुआवजे का एलान किया। मगर इस घटना का जिम्मेदार कौन है इसकी जांच के आदेश नहीं दिए गए.


दरअसल जिस सोहागी पहाड़ में बस हादसा हुआ है इस रोड की गुणवत्ता को लेकर पहले भी प्रश्नचिन्ह खड़े हो चुके हैं. आरोप हैं कि मनगवां से चाकघाट वाया सोहागी पहाड़ की सड़क का डिज़ाइन नेशनल हाइवे ऑथरिटी ऑफ़ इंडिया (NHAI) के मापदंडों के अनुरूप नहीं हैं. सड़क जगह-जगह से उखड़ी हुई है, बेतरकीब डिज़ाइन है और बार-बार जंपिंग पॉइंट मिलते हैं. इस समस्या को लेकर 28 अक्टूबर 2021 को रीवा पुलिस अधीक्षक पर NHAI के इंजीनियर हेमंत तिवारी द्वारा जांच भी की गई थी.

सोहागी रोड NHAI के मापदंडों के अनुरूप नहीं है

सोहागी पुलिस उस ट्रक चालाक की तलाश कर रही है जो एक्सीडेंट के बाद अपनी जान बचाकर फरार हो गया, अगर इस हादसे में बस को कोई नुकसान न होता और ट्रक चालक की मौत होती तो पुलिस बस ड्राइवर की तलाश करती लेकिन घटना के असली जिम्मेदार के बारे में कोई सुध ही नहीं ले रहा है. NH-30 मनगवां से चाकघाट वाया सोहागी पहाड़ की पूरी सड़क ही NHAI के मापदंडो के हिसाब से नहीं बनी है. यह पहली घटना नहीं है जब इस मार्ग में हादसा हुआ है.

क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि जब इस सड़क का निर्माण पूरा हुआ था उसके कुछ ही महीनों में यह उखाड़ना शुरू हो गई थी. जाहिर है इसके निर्माण में कंक्रीट से ज़्यादा भ्रष्टाचार की मिलावट की गई थी. सड़क की गुणवत्ता को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने 'मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान' पुलिस महानिदेशक भोपल सहित कई प्रशासनिक और NHAI के अधिकारीयों से शिकायत की गई थी. तत्कालीन रीवा एसपी के निर्देश पर NHAI के इंजीनियर हेमंत सिंह तिवारी ने सड़क की जांच भी की थी.



इन दस्वावेजो के PDF भी हैं




सड़क गुणवत्ताहीन और डिज़ाइन बेतरकीब है

जांच में मालूम हुआ था कि मनगवां से चाकघाट वाया सोहागी पहाड़ की पूरी सड़क गुणवत्ताहीन है. जो जगह-जगह से उखड़ी हुई है, कहीं ऊंची है तो कहीं से दबी हुई है. बीच-बीच के जम्पर बने हुए हैं. इसके बाद NHAI ने सड़क की जांच करने के लिए निर्देश दिए थे. मौके पर NHAI के एंजीनियर और मूल्यांकनकर्ता अधिकारी गए थे और सड़क का पंचनामा भी किया था. लेकिन प्रशासन की लापरवाही और सरकार की उदासीनता के कारण इस मामले में आगे कोई एक्शन नहीं लिया गया. इस अनदेखी का परिणाम जो हुआ वो आपके सामने है.

स्ट्रीट लाइट तक नहीं लगी है

अड़गड़नाथ मंदिर सोहागी पहाड़ में यह बस हादसा हुआ है. आसपास के रहने वाले लोगों को और हमारे संवाददाता ने बताया कि सोहागी से लेकर पूरे पहाड़ और उसके कुछ दूर नई खटिया गांव तक कहीं भी सड़क के किनारे स्ट्रीट लाइट नहीं लगी हैं. रात के वक़्त यहां गुप्प अँधेरा हो जाता है. खराब सड़क और उसके ऊपर अंधेरा 'मनगवां से चाकघाट वाया सोहागी पहाड़' को खतरनाक बना देता है.


MPRDC ने भी ठेका कंपनी को दिए नोटिस में कहा था कि- कई जगह पर गड्ढे हो गए हैं तो अधिकांश स्थानों पर सड़क धंसने लगी है। किमी संख्या 84,,77 , 75 एवं 64 पर लहर जैसा उतार-चढ़ाव है। सड़क के दबने की वजह से यह स्थिति बनी है। कई स्थानों पर सड़क के किनारे भी कटने लगे हैं। जिससे वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका बनी रहती है। सड़क के जर्क को भी ठीक करने के लिए कहा गया था.

गलती मानी पर सुधारा नहीं

NHAI और ठेका कंपनी ने भी यह बात स्वीकार की थी कि यह सड़क गुणवत्ताहीन है और बेतरकीब है. मगर जिम्मेदारों ने सिर्फ अपनी गलती मानी उस गलती को सुधारा नहीं।

क्या ऐसी सड़क बनाने वाले पर एक्शन होगा?

मनगवां से चाकघाट वाया सोहागी पहाड़ का निर्माण बसंल कंपनी ने किया है. जांच में इस मार्ग के गुणवत्ताहीन पाए जाने के बाद तो ठेका कंपनी पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि क्या इस घटना के बाद बस हादसे का जिम्मेदार सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार और इसे पास करने वाले इंजीनियर माना जाएगा?

हाल ही में केंद्रीय परिवहन मंत्री और NHAI की तरफ से एक सर्कुलर जारी किया गया है. जिसमे लिखा है ''यह ध्यान में आया है कि रोड मार्किंग, रोड साइनेज, क्रैश बैरियर जैसे सुरक्षा कार्यों को पंच सूची में रखकर सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं। इससे न सिर्फ यात्रियों की सुरक्षा से समझौता होता है, बल्कि दुर्घटना/मौत होने पर एनएचएआई का नाम भी खराब होता है।'

'यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सर्टिफिकेट जारी करने से पहले सड़क सुरक्षा से संबंधित सभी काम पूरे हैं। घटिया सड़क इंजीनियरिंग कार्यों के चलते हुई किसी भी घातक सड़क दुर्घटना के लिए क्षेत्रीय अधिकारी/परियोजना निदेशक/स्वतंत्र इंजीनियर जिम्मेदार होंगे।'

नितिन गडकरी ने कहा कि- कंसल्टेंट की ओर से तैयार विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) में गलतियां सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण हैं.

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