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Health News: Pizza, Burger जैसे जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड से बढ़ रहा कैंसर और हृदय रोग का खतरा, डॉक्टरों ने दी चेतावनी

- एम्स और गांधी मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट — युवाओं में आंत का कैंसर और हार्ट डिजीज बढ़ी
- अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन धूम्रपान जितना खतरनाक
- 35 से 50 वर्ष आयु वर्ग के लोगों में तेजी से बढ़े मामले
- रीवा के डॉक्टरों ने लोगों से प्राकृतिक भोजन अपनाने की अपील की
रीवा: फास्ट फूड बना बीमारी की जड़, एम्स रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
रीवा: यदि आप रोजाना पिज्जा, पास्ता, बर्गर, इंस्टेंट नूडल्स या रेडी टू ईट स्नैक्स खा रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। हाल ही में एम्स की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पिछले कुछ वर्षों में 35 से 50 वर्ष की उम्र के लोगों में डाइजेस्टिव कैंसर और हृदय रोग के मामले तेजी से बढ़े हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड यानी पैकेज्ड, डीप फ्राई और इंस्टेंट फूड्स शरीर पर धीरे-धीरे ऐसा असर डालते हैं जैसे कोई व्यक्ति लंबे समय तक धूम्रपान करता हो।
डीप फ्राईड और पैकेज्ड फूड्स से बढ़ रहा है डायजेस्टिव कैंसर
अध्ययन में यह भी बताया गया है कि कोलोरेक्टल कैंसर (आंत का कैंसर) के मामले युवाओं में बढ़े हैं। इसका मुख्य कारण अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का बढ़ता चलन है। लोग अपने व्यस्त जीवन में जल्दी तैयार होने वाले फूड्स की ओर झुक रहे हैं, जिससे शरीर को जरूरी फाइबर, विटामिन और मिनरल्स नहीं मिल पा रहे। इन फूड्स में मौजूद कृत्रिम रंग, फ्लेवर और प्रिजर्वेटिव्स लंबे समय में शरीर के सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं।
डॉ. एस.के. त्रिपाठी बोले – ट्रांस फैट से हार्ट डिजीज का खतरा कई गुना
रीवा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. एस.के. त्रिपाठी ने कहा – “पिज्जा, पास्ता, बर्गर, इंस्टेंट नूडल्स और प्रोसेस्ड फूड्स में मौजूद ट्रांस फैट बहुत ही सघन वसा होती है। यह धीरे-धीरे हृदय की धमनियों में जमा होकर उन्हें मोटा कर देती है। नतीजतन कम उम्र में ही हृदय रोग का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।” उन्होंने लोगों से अपील की कि वे प्राकृतिक और घर पर बने भोजन को प्राथमिकता दें।
“ट्रांस फैट और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन धूम्रपान जितना खतरनाक है।” — डॉ. एस.के. त्रिपाठी, कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष, सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल रीवा
डॉ. अभिषेक सिंह बोले – जंक फूड कैंसर की परोक्ष वजह
कैंसर विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक सिंह का कहना है कि प्रोसेस्ड और जंक फूड में कैलोरी और फैट अधिक, लेकिन फाइबर बेहद कम होता है। यह मोटापे को बढ़ाता है, और मोटापा खुद कैंसर का बड़ा रिस्क फैक्टर है। उन्होंने कहा – “इन खाद्य पदार्थों में कई प्रकार के केमिकल एडिटिव्स मिलाए जाते हैं, जिनके दीर्घकालिक दुष्प्रभावों के बारे में अभी वैज्ञानिक रूप से पूरी जानकारी नहीं है।”
“जंक फूड से मोटापा बढ़ता है और यही कैंसर की परोक्ष वजह बनता है।” — डॉ. अभिषेक सिंह, कैंसर विशेषज्ञ, रीवा
क्या कहती है रिपोर्ट
एम्स की रिपोर्ट के अनुसार, फूड इंडस्ट्री में पारदर्शिता की कमी एक बड़ी समस्या है। लेबलिंग में सही जानकारी नहीं दी जाती, जिससे लोग अनजाने में ज्यादा मात्रा में ट्रांस फैट, शुगर और सोडियम का सेवन कर लेते हैं। रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई है कि स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और बच्चों को स्वस्थ आहार के प्रति शिक्षित किया जाए।
स्वस्थ रहने के लिए डॉक्टरों की सलाह
डॉक्टरों ने लोगों को चेताया है कि जंक फूड की आदत से बाहर निकलना बेहद जरूरी है। भोजन में हरी सब्जियां, फल, दालें, अनाज और पानी को प्राथमिकता दी जाए। डॉ. त्रिपाठी का कहना है कि रोजाना 30 मिनट की वॉक या एक्सरसाइज हार्ट और पाचन तंत्र दोनों के लिए लाभदायक है। वहीं डॉ. सिंह ने कहा कि लोगों को सप्ताह में दो दिन नो-जंक डे रखना चाहिए ताकि शरीर को डिटॉक्स होने का मौका मिल सके।
FAQ – जंक फूड और हेल्थ से जुड़े सवाल
1. क्या जंक फूड सच में कैंसर का कारण बन सकता है?
डॉक्टरों के अनुसार, जंक फूड सीधे कैंसर नहीं करता लेकिन यह मोटापा और सेल डैमेज बढ़ाता है जो कैंसर की परोक्ष वजह बनता है।
2. ट्रांस फैट क्या है?
ट्रांस फैट एक कृत्रिम वसा है जो तले हुए और पैक्ड फूड्स में पाई जाती है। यह धमनियों में ब्लॉकेज और हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ाती है।
3. कौन सा आहार स्वास्थ्य के लिए सबसे सुरक्षित है?
प्राकृतिक आहार जैसे फल, सब्जियां, अनाज, सूखे मेवे और घर पर बना खाना सबसे सुरक्षित और पौष्टिक होता है।
4. क्या कभी-कभी जंक फूड खाना ठीक है?
डॉक्टरों के अनुसार, महीने में एक-दो बार खाना ठीक है, लेकिन नियमित सेवन बेहद हानिकारक है।
📍 रिपोर्ट: रीवा रियासत हेल्थ डेस्क 📅 अपडेट: नवंबर 2025 श्रेणी: Rewa Health News, Cancer & Heart Disease Awareness




