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तब्लीगी जमात से जुड़े 2550 विदेशियों के 10 साल तक भारत आने पर रोक

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:23 AM GMT
तब्लीगी जमात से जुड़े 2550 विदेशियों के 10 साल तक भारत आने पर रोक
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तब्लीगी जमात से जुड़े 2550 विदेशियों के 10 साल तक भारत आने पर रोकNational News| दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए कार्यक्रम में हिस्सा लेने

तब्लीगी जमात से जुड़े 2550 विदेशियों के 10 साल तक भारत आने पर रोक

National News| दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए कार्यक्रम में हिस्सा लेने वालों में 1300 विदेशी नागरिकों की पहचान की गई थी। इनमें अमेरिका, फ्रांस और इटली के नागरिक शामिल थे। इनकी पहचान कर इन्हें क्वारंटीन में भेजा गया था। निजामुद्दीन पश्चिम में तब्लीगी जमात मरकज कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बन गया था। इस वजह से पूरे क्षेत्र को सील करना पड़ा था। कई सरकारी एजेंसियों ने अपनी जांच में पाया कि 9000 से ज्यादा तब्लीगी जमात के भारतीय सदस्यों ने देश के 20 राज्यों में कोरोना संक्रमण फैला दिया था।

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देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के लोग बड़ी संख्या में जुटे थे। उनकी वजह से अन्य लोगों में भी कोरोना वायरस बहुत ज्यादा संख्या में फैल गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अप्रैल महीने में तब्लीगी जमात के 960 विदेशी नागरिकों को ब्लैक लिस्ट कर दिया था। साथ ही इनके वीजा को रद्द कर दिया गया था। गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस व अन्य राज्यों की पुलिस से अपने-अपने क्षेत्र में रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम व विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत कार्रवाई करने को कहा था। गृह मंत्रालय ने ट्वीट कर इस कार्रवाई की जानकारी दी थी।

ऐसा कहा जा रहा है कि इन नागरिकों ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया। इसलिए प्रतिबंध लगाया गया। इन विदेशी जमातियों की संख्या बढ़ सकती है। ये नागरिक माली, नाइजीरिया, श्रीलंका, केन्या, तंजानिया, दक्षिण, अफ्रीका, म्यांमार, थाईलैंड, बांग्लादेश, यूके, ऑस्ट्रेलिया और नेपाल से हैं।

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निजामुद्दीन का यह मरकज इस्लामी शिक्षा का दुनिया में सबसे बड़ा केंद्र है। यहां कई देशों के लोग आते रहते हैं। यहां तब्लीगी जमात के मरकज में 1 से 15 मार्च तक 5 हजार से ज्यादा लोग आए थे। इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड के लोग भी शामिल थे। 22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी यहां 2 हजार लोग ठहरे हुए थे। इनमें से 300 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मिले। इसके अलावा, जो लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में गए। वहां भी संक्रमण बढ़ा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि अप्रैल में 30% से ज्यादा संक्रमण इनकी वजह से फैला था।

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