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इन्होने की मांग कहा : MP में जल्द राष्ट्रपति शासन लागू हो ?

इन्होने की मांग कहा : MP में जल्द राष्ट्रपति शासन लागू हो ?
MP . कोरोना संक्रमण के कारण इन दिनों पूरा देश बंद हैं। MP में CM SHIVRAJ कोरोना संकट पर अकेले मोर्चा संभाले हुए हैं। MP में अभी तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो सका है। MP में मंत्रिमंडल का गठन नहीं होने पर कांग्रेस के सीनियर लीडर और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने राष्ट्रपति को लेटर लिखा है। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति से मांग की है कि MP में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए।
मध्य प्रदेश के ७.५ CR जनता के साथ न्याय की अपील राष्ट्रपति जी।प्रदेश संकट से गुजर रहा।इंदौर की स्थिति बहुत चिंताजनक।भोपाल में स्वास्थ्य विभाग के ४५ + अफ़सर करोना पॉज़िटिव पाये गये।टेस्टिंग की संख्या बहुत कम है। मार्च २३ से CM अकेले मंत्री है। यह कैसा प्रजातंत्र है with no कैबिनेट pic.twitter.com/XEpElpfDEB
— Vivek Tankha (@VTankha) April 11, 2020
क्या कहा तन्खा ने? विवेक तन्खा ने राष्ट्रपति को लिखे अपने लेटर में कहा है- MP में कोरोना की वजह से स्थिति बहुत खराब है। कोरोना की वजह से इंदौर में अन्य शहरों की तुलना में मौत का प्रतिशत बहुत ज्यादा है। इंदौर को कोरोना हॉटस्पॉट घोषित किया गया है। भोपाल में स्वास्थ्य विभाग के 45 अफसर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। यह प्रशासनिक पतन का पीड़ा है। दूसरे शहरों में भी स्थिति सही नहीं है, वहां भी जांच नहीं हो रही है। सीएम ने ब्यूरोक्रेट्स की सलाह पर एस्मा लगा दिया है। प्रधानमंत्री आह्वान पर डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी और पूरा विपक्ष इस महामारी से लड़ने के लिए एकजुट है।
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उन्होंने कहा है कि MP में जब कोरोना की वजह से परेशानी हो रही हैं ऐसी स्थिति में प्रदेश में वन मैन शो चल रहा है। इस वजह से यहां की साढ़े सात करोड़ जनता प्रभावित हो रही है। 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने बिना कैबिनेट के शपथ ली थी। संविधान के आर्टिकल 163 में स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री के साथ मंत्रिपरिषद होना चाहिए ताकि वह सलाह दे सके। पूरी सरकार केवल मुख्यमंत्री ही हैं। यह ऐसी स्थिति है जब सारा विपक्ष कोरोना के खिलाफ लड़ाई में खड़ा है। आज मप्र में स्वास्थ्य मंत्री ही नहीं है। तन्खा ने राज्यपाल की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि पूर्व में नियमित रूप से फ्लोर टेस्ट के लिए पूर्व सीएम को डीओ भेजते थे। अगर मप्र में मुख्यमंत्री मंत्रिपरिषद बनाने में सक्षम नहीं हैं तो यहां राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए।
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अभी तक नहीं हुआ है कैबिनेट का विस्तार कमलनाथ के इस्तीफे के बाद MP के मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को शपथ ग्रहण की। 25 तारीख से देश में 21 दिनों लॉक डाउन लागू है। उसके बाद से ही मंत्रिमंडल का विस्तार टल रहा है सियासी गलियारे में यह भी चर्चा है कि अभी कैबिनेट में कौन-कौन लोग शामिल होंगे, इसे लेकर माथापच्ची जारी है। उम्मीद है कि 14 अप्रैल के बाद कैबिनेट विस्तार पर कुछ फैसला हो सकता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद भाजपा MP में सामंजस्य बैठाने की कोशिश कर रही है।