रीवा

त्योंथर: खुले में सड़ रही अन्नदाताओं की खून-पसीने के मेहनत की 3.5 करोड़ रूपए कीमती धान, प्रशासन को परवाह नहीं

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 11:52 AM IST
त्योंथर: खुले में सड़ रही अन्नदाताओं की खून-पसीने के मेहनत की 3.5 करोड़ रूपए कीमती धान, प्रशासन को परवाह नहीं
x
रीवा। जिले के त्योंथर में प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहाँ अन्नदाताओं के खून-पसीने की 3.5 करोड़ कीमत की धान की फसल खुले में सड़ र

रीवा। जिले के त्योंथर में प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहाँ अन्नदाताओं के खून-पसीने की 3.5 करोड़ कीमत की धान की फसल खुले में सड़ रही है और जिम्मेदारों को इसकी परवाह तक नहीं।

जानकारी के मुताबिक़ त्योंथर मुख्यालय के केंद्रों में चार माह से धान खुले में पड़ी हुई है। पहले तो उपार्जन के सीजन में जनवरी माह के अंत से फरवरी के पहले हफ्ते तक तौल नहीं कराया गया। जब केंद्र से लेकर जिला मुख्यालयों तक विरोध प्रदर्शन हुए तो आनन फानन तौल तो करा लिए गए। लेकिन डेढ़ लाख क्विंटल धान में से 1.25 लाख क्विंटल धान का नागरिक आपूर्ति विभाग एवं सहकारी समितियों ने स्वीकृति पत्रक जारी कर भुगतान भी कर दिया गया।

रीवा में Coronavirus से हुई मौत के बाद कैसे होगा अंतिम संस्कार, Guideline जारी

वहीँ त्योंथर क्षेत्र के सैकड़ो किसान की 18 हज़ार क्विंटल से अधिक की धान अभी तक जिम्मेदारों की राह ताके खुले में पड़ी हुई है। न समितियों ने स्वीकृति पत्रक जारी किया और न ही अभी तक कोई भुगतान।

त्योंथर: खुले में सड़ रही अन्नदाताओं की खून-पसीने की 3.5 करोड़ रूपए कीमती धान, प्रशासन को परवाह नहीं

चार माह बीत जाने के बावजूद किसान दर दर भटकने, ज्ञापन देने को मजबूर हैं। किसान स्थानीय विधायक से लेकर जिला मुख्यालय के अधिकारियों तक दुखड़ा सुना चुके हैं पर उनकी कोई सुनने वाला नहीं। बल्कि उनकी खून पसीने की मेहनत पर राजनितिक रोटियां सेंकनी शुरू हो गई है।

REWA: घर में नहीं था खाने को एक दाना, तंगी में युवक ने कर डाला ये..

भाजपा तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर आरोप लगा रही है, तो कांग्रेस नेताओं का कहना है की कांग्रेस सरकार ने तो तौल तक करा दिए, भाजपा वाले मानने को तैयार ही नहीं है। वहीं अब मजबूर किसानों का कहना है की हमारी खून पसीने की मेहनत खुले आसमान के नीचे सड़ रही है, यदि शिवराज सरकार और जिला प्रशासन हमारे धान के खरीदी की स्वीकृति पत्रक जारी कर भुगतान नहीं करती तो हमें आंदोलन के लिए मजबूर होना पडेगा।

ख़बरों की अपडेट्स पाने के लिए हमसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी जुड़ें: Facebook, Twitter, WhatsApp, Telegram, Google News, Instagram
Next Story