रीवा

नगरीय निकाय चुनाव टलें, एक साल और रीवा नगर निगम को मिलेगी 'पुरानी ममता'

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:20 AM GMT
नगरीय निकाय चुनाव टलें, एक साल और रीवा नगर निगम को मिलेगी पुरानी ममता
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रीवा. साल के लिए और बढ़ा दिया गया है. नगरीय निकाय चुनाव टल गए हैं. इस एक साल तक अब रीवा नगर निगम को एक साल के लिए और 'पुरानी ममता' मिलेंगी.

रीवा. लॉकडाउन ने भाजपा पार्षदों के चेहरे पर चमक बिखेर दी है. कैबिनेट में फैसले के बाद रीवा महापौर का कार्यकाल एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है. नगरीय निकाय चुनाव टल गए हैं. इस एक साल तक अब रीवा नगर निगम को एक साल के लिए और 'पुरानी ममता' मिलेंगी.

इस सम्बन्ध में प्रदेश की नई नवेली शिवराज कैबिनेट ने मंगलवार को बड़ा फैसला लिया है. कोरोना वायरस के मद्देनज़र प्रदेश के सभी नगरीय निकाय में महापौर के कार्यकाल को एक साल बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. इसके पहले कमलनाथ सरकार ने निकायों का कार्यकाल खत्म होने के बाद प्रशासक की नियुक्ति कर दी थी. अब सरकार बदलने के बाद भाजपा की शिवराज सरकार ने भी फैसले को उलट दिया है.

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कैबिनेट के इस फैसले का असर रीवा की राजनीति पर भी दिखेगा. एक साल तक फिलहाल नगरीय निकाय चुनाव नहीं होने हैं. ऐसे में अधूरे काम करने का अवसर भाजपा को रीवा में मिलेगा. कैबिनेट के फैसले के अनुसार हर निकाय में प्रशासकीय समिति बनेगी. नगर निगम में महापौर और नगर पालिकाओं में अध्यक्ष प्रमुख होंगे. प्रशासकीय समिति में महापौर के अलावा पांच सदस्यों को और रखा जाना है. इसमें भाजपा के पार्षद ही शामिल होंगे. इस समिति में जगह बनाने के लिए अब जरूर भाजपा पार्षदों में खींचतान मचेगी. इस तरह से दोबारा नगर निगम महापौर के रूप में काम करने की कल्पना भी शायद श्रीमती ममता गुप्ता ने नहीं की होंगी.

कार्यकाल ख़त्म होने के बाद महापौर ममता गुप्ता ने कहा था की विद्युत शवदाह गृह, रानी व चिरहुला तालाब में साउंड एडं लाइट सिस्टम व शहर भर में सौर उर्जा लाइटे नहीं लगवा पाने का अफसोस है. इसके अलावा भी कई कार्यो के अधूरे रहने पर अफसोस जाहिर किया था. अब एक वर्ष का कार्यकाल बढ़ जाने के बाद उन्हें एक मौका मिला है. जिसमें वह अपनी इन प्रोजेक्टों को शहर में पूरा करा सकेंगी. कई प्रोजेक्ट भी ममता गुप्ता के कार्यकाल में शुरु हुए थे जिन पर यदि सख्ती हो तो इस एक वर्ष में पूरा किया जा सकता है.

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