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MP: बाहर फंसे मजदूर ने CM SHIVRAJ को लेकर दे दिया बड़ा बयान, पढ़िए
MP: देशव्यापी लॉकडाउन में अन्य राज्यों में फँसे प्रदेश के मजदूरों को यकीन नहीं हो पा रहा था कि वे कभी अपनों के बीच जा पायेंगे। मजदूरों की चिंता को दूर किया प्रदेश की CM SHIVRAJ सरकार ने। ऐसे मजदूरों को न केवल बस द्वारा प्रदेश वापस लाया गया बल्कि संबंधित जिले की सीमा पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया तथा उनके खाने-पीने का इंतजाम भी किया गया।
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राजस्थान में फँसे चवली बार्डर से उज्जैन, देवास, शाजापुर और आगर-मालवा जिले के अनेक ग्रामों के तकरीबन 350 मजदूरों को बारी-बारी से बसों द्वारा उनके गंतव्य स्थान पर रवाना किया गया। शाजापुर के ग्राम दुपाड़ा निवासी मजदूर प्रेम सोलंकी भाव-विभोर होकर कहने लगा कि 'मामाजी ने भेजी है बस, तो अब चिंता किस बात की। आराम से अब पहुँचेंगे अपने गाँव''।
राजस्थान के विभिन्न जिलों में फंसे मध्यप्रेश के 4 हजार से मजदूरों को प्रदेश की सीमा पर नयागाँव चेकपोस्ट पर लाया गया। जिला प्रशासन द्वारा इन मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग कर स्वास्थ्य जाँच कराई गई तथा उनके खान-पीने के पुख्ता इंतजाम किये गये। अधिकारियों-कर्मचारियों की 150 सदस्यीय टीम द्वारा रतलाम, धार, झाबुआ, देवास, उज्जैन, अलीराजपुर, मंदसौर और नीमच जिले के मजदूरों को उनके गाँव तक बस से पहुँचाया गया। पिछले तीन दिनों में नीमच जिले में आये 10 हजार से ज्यादा मजदूर अपने घरों तक पहुँच गये हैं।
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खरगोन जिले के अलग-अलग गाँव के ग्रामीण मजदूरी करने के लिये गुजरात के खेड़ा जिले में गये थे। लॉकडाउन की वजह से ये मजदूर यहाँ फँसे हुए थे। इस तरह के 40 परिवारों के लगभग 200 मजदूर अलीराजपुर जिले के चांदपुर चेकपोस्ट पहुँचे। जिला प्रशासन द्वारा इन मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाकर उनके गाँव तक बसों द्वारा पहुँचाया गया। बरीराम बानखेड़े, रामकिशन भार्गव, सलिता भार्गव, दीपमाला सहित अनेक मजदूरों ने कहा कि हम अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ एक-एक दिन बड़ी चिंता के साथ काट रहे थे, इस बीच प्रदेश सरकार ने हम लोगों की फिक्र की इसके लिए वे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की सह्रदयता के कायल हुए हैं।
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नागदा जिला उज्जैन के 29 मजदूर राजस्थान के जैसलमेर जिले में फँसे हुए थे। लॉकडाउन में इनके पास काम नही था और रोजी-रोजी के लिये जूझ रहे थे। ऐसे में उन्हें पिछले दिनों राजस्थान की सीमावर्ती वार्डर नयागाँव से नीमच जिले की सीमा पर लाया गया। उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इन्हीं मजदूरों में अंजलि पिता भेरूलाल बंजारा बस से अपने घर रवाना होने के प्रसन्न थी। एक अन्य मजदूर मदन पिता हीरा बागरी भी अपने घर जाने की खुशी शब्दों में बयाँ नहीं कर पा रहे थे, उनके खुशी के आँसू अविरल बहते अलग एहसास करा रहे थे।
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