- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- MP: बुखार आने के बाद...
MP: बुखार आने के बाद बिगड़ी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की तबियत, मौत
MP: बुखार आने के बाद बिगड़ी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की तबियत, मौत
MP: शिवपुरी। शहर के वार्ड 39 ठकुरपुरा क्षेत्र में पदस्थ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को कुछ दिन पहले बुखार आया और उसके बाद शनिवार की रात अचानक से तबियत इतनी बिगड़ी कि रातोंरात उसे शिवपुरी से ग्वालियर रैफर कर दिया, जहां उसकी रविवार की सुबह मौत हो गई। मृतका की बहन का कहना है कि उसे पहले से कोई बीमारी नहीं थी, आंगनबाड़ी से लौटने के बाद उसे बुखार आया था। वहीं कार्यकर्ता की मौत की वजह किडनी फेल होना बताया जा रहा है।
सुरक्षाबलो पर टूट पड़ा Corona का कहर, 600 से ज्यादा हुए संक्रमित, हड़कंप
शिवपुरी शहर की वन बिहार कॉलोनी में रहने वाली आयुषी वर्मा (सेन) नाम की युवती ठकुरपुरा स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर कार्यकर्ता के रूप में पदस्थ थी। शनिवार की शाम अचानक उसकी तबियत खराब हुई तो उसे जिला अस्पताल भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी किडनी फेल बताते हुए उसे ग्वालियर रैफर कर दिया। ग्वालियर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
डॉक्टरों ने मौत का कारण किडनी फेल होना बताया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की किडनी फेल होने के संंबंध में जब पीडि़ता के घर जाकर उसकी बहन सपना से बात की तो उसने बताया कि उसे किडनी से रिलेटेड कोई बीमारी नहीं थी। कुछ दिन पहले वह जब आंगनबाड़ी गई थी तो उसे बुखार आ गया, इसके बाद दीदी ने हमारे फेमिली डॉक्टर, अंबरीश शर्मा को दिखाया था। इसी क्रम में कल तबियत खराब हुई तो उसे शाम को जिला अस्पताल ले गए जहां उसकी किडनी फेल बताकर उसे ग्वालियर रैफर कर दिया गया। ग्वालियर में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
डॉक्टर सुसाइड केस: पुलिस ने आरोपी आप विधायक प्रकाश जारवाल और सहयोगी कपिल नागर को गिरफ्तार कियाकॉलोनी में फैली दहशत, पहुंची पुलिस
आयुषी वर्मा की अचानक हुई मौत के बाद कॉलोनी वालों में दहशत की स्थिती निर्मित हो गई है। कॉलोनी वालों के अनुसार उसे कोई गंभीर बीमारी नहीं थी, वह सामान्य जीवनयापन कर रही थी और कुछ दिन पहले तक उसने आंगनबाड़ी जाकर काम किया है। पांच-छह दिन पहले से वह नहीं दिख रही थी। खास बात यह है कि कॉलोनी वालों ने कंट्रोल रूम पर फोन किए परंतु चिकित्सा विभाग के किसी भी व्यक्ति ने उन्हें संतुष्ट करने का कोई प्रयास नहीं किया। अंतत: कॉलोनी वालों ने फिजीकल थाना प्रभारी को फोन किया, जहां से आई पुलिस ने मृतका के घर वालों से बातचीत की और संबंधित दस्तावेजों के फोटो आदि क्लिक किए। पुलिस का कहना है कि उक्त दस्तावेजों की जांच कर आगे की कार्रवाई करेंगे।
अस्पताल में नहीं लिया गया कोई सेम्पल
आंगनबाड़ी वर्कर ने कोरोना के दौरान पूरे क्षेत्र में घर-घर जाकर सर्वे तथा पोषण आहार वितरण का काम किया है। उसे पांच-छह दिन पहले बुखार आया था, ऐसे में एहतियात के तौर पर उसका कोविड-19 का सेम्पल लिया या नहीं। यह जानने के लिए जब जिला अस्पताल के सीएस डॉ. पीके खरे का कहना था कि उसकी किडनी फेल होने के चलते उसे रैफर किया गया था। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को देखने वाले डॉ. दिनेश राजपूत का कहना था कि पीडि़ता को पिछले दो दिन से टॉयलेट नहीं आई थी, ऐसे में यह केस किडनी फेल का प्रतीत हो रहा था। मेरी महिला के परिजनों से बात हुई थी उन्होंने बुखार आदि के बारे में कुछ नहीं बताया
यह बोले जिम्मेदार
मेरे पास आयुषी करीब छह दिन पहले आई थी, उसे बुखार आ रहा था और उसने शरीर में हल्का दर्द होने की बात कही थी। मैंने उसे सामान्य दवा दीं, जिसके बाद कल मैंने उन्हें बोला था कि वह जिला अस्पताल में दिखा लें। अबंरीश शर्मा, आरएमपी चिकित्सक
इस वजह से तीन करोड़ से अधिक राशन कार्ड सरकार ने किए रद्द, कहीं आपका कार्ड भी तो शामिल नहीं..
हमें परिवार वालों ने जो लक्षण बताए थे वह लक्षण किडनी फेल होने के थे, वह पहले से बीमार थी। उन्होनें ऐसे कोई लक्षण नहीं बताए जो कोरोना के हों। यही कारण है कि सेम्पल नहीं लिया गया। डॉ. दिनेश राजपूत, रेफरल डॉक्टर
दीदी किडनी पेसेंट नहीं थी, उसे कुछ दिन पहले केंद्र से लौटते समय बुखार आ गया था। कल तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी, उसे अस्पताल ले गए वहां से ग्वालियर। ग्वालियर में इलाज के दौरान उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सपना सेन, मृतिका की बहन