मध्यप्रदेश

कोल्ड्रिफ कफ सिरप से 25 बच्चों की मौत: श्रीसन फार्मा का लाइसेंस रद्द, चेन्नई में कंपनी के ठिकानों पर ED रेड

Rewa Riyasat News
13 Oct 2025 5:45 PM IST
कोल्ड्रिफ कफ सिरप से 25 बच्चों की मौत: श्रीसन फार्मा का लाइसेंस रद्द, चेन्नई में कंपनी के ठिकानों पर ED रेड
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तमिलनाडु सरकार ने श्रीसन फार्मा की फैक्ट्री में 350 से ज्यादा गड़बड़ियां मिलने पर कोल्ड्रिफ सिरप निर्माता कंपनी का लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द किया।

चेन्नई / भोपाल: तमिलनाडु सरकार ने सोमवार को कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स कंपनी का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस पूरी तरह से रद्द कर दिया और इसे हमेशा के लिए बंद करने का आदेश जारी किया। सरकार को कंपनी की फैक्ट्री में 350 से अधिक गंभीर श्रेणी की गड़बड़ियां मिलीं।

यह कार्रवाई उस वक्त हुई जब मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ सिरप पीने से अब तक 25 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस घटना के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया है।

ED की बड़ी छापेमारी: श्रीसन फार्मा के ठिकानों पर जांच

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को चेन्नई में श्रीसन फार्मा से जुड़े सात ठिकानों पर छापेमारी की। इन ठिकानों में कंपनी के प्रमुख कर्मचारियों के घर और दफ्तर शामिल थे।

इसके अलावा, ED ने तमिलनाडु फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (TNFDA) के डायरेक्टर इन-चार्ज पी यू कार्तिकेयन के ठिकानों पर भी छापा मारा। कार्तिकेयन को जुलाई 2025 में रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

ED की यह कार्रवाई मिलावटी कफ सिरप की बिक्री और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मामलों की जांच के तहत की जा रही है। यह मामला प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत दर्ज किया गया है।

मध्य प्रदेश पुलिस ने श्रीसन फार्मा के मालिक रंगनाथन गोविंदन को गिरफ्तार किया

मध्य प्रदेश पुलिस ने रविवार शाम श्रीसन फार्मा के मालिक रंगनाथन गोविंदन (75) को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीम उसे लेकर तमिलनाडु रवाना हो गई है।

गोविंदन को 9 अक्टूबर 2025 को चेन्नई के कोडम्बक्कम स्थित उसके अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ जहर मिश्रित दवा निर्माण और बिक्री का केस दर्ज है।

छोटी सी फैक्ट्री में बन रहा था जहरीला कफ सिरप

सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) के अनुसार, श्रीसन फार्मा को 2011 में TNFDA से मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस मिला था। यह कंपनी कांचीपुरम जिले में एक महज 2000 वर्ग फीट की लोहे के शेड वाली फैक्ट्री में सिरप बना रही थी।

जांच में सामने आया कि कंपनी ने पिछले 10 वर्षों से सुरक्षा और गुणवत्ता के कई नियमों का उल्लंघन किया था। इसके बावजूद, उसे लगातार उत्पादन की अनुमति मिलती रही।

सरकारी जांच में पता चला कि कंपनी की दवाओं में गुणवत्ता नियंत्रण, सुरक्षा मानक, स्टोरेज और उत्पादन रिकॉर्ड जैसी बुनियादी खामियां मौजूद थीं।

कोल्ड्रिफ सिरप में मिला 48% जहरीला केमिकल

तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट की जांच में कोल्ड्रिफ सिरप (बैच नंबर SR-13) से खतरनाक मात्रा में डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मिलावट पाई गई।

सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, सिरप में 48.6% w/v DEG पाया गया — यह एक जहरीला रसायन है जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। इस कारण बच्चों की मौतें हुईं।

ड्रग टेस्टिंग लैब ने बताया कि यह सिरप “Not of Standard Quality” था, यानी औषधि मानकों के अनुरूप नहीं था।

सरकार ने मांगा जवाब, 5 दिन में देना था स्पष्टीकरण

TNFDA ने 7 अक्टूबर को श्रीसन फार्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। कंपनी से 5 दिन के भीतर जवाब मांगा गया, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने पर सरकार ने लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द कर दिया।

जांच रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनी ने नॉन-फार्माकॉपिया ग्रेड प्रोपीलीन ग्लाइकॉल का इस्तेमाल किया, जो DEG और एथिलीन ग्लाइकॉल से दूषित था।

मध्य प्रदेश में 25 बच्चों की मौत से हड़कंप

मध्य प्रदेश में 25 बच्चों की मौतें दर्ज हुईं। जांच में पाया गया कि सभी बच्चों ने कोल्ड्रिफ सिरप का सेवन किया था।

स्वास्थ्य विभाग ने जब इन दवाओं के बैच की जांच करवाई, तो सामने आया कि सिरप में जहरीले केमिकल की भारी मात्रा मौजूद थी।

मौतों के बाद सरकारी अस्पतालों में कफ सिरप की सप्लाई तुरंत बंद कर दी गई। सभी जिलों को आदेश जारी हुआ कि वे संदिग्ध दवाओं को तुरंत बाजार से वापस बुलाएं।

सबसे पहले इन दवाओं पर लगी थी रोक

बच्चों की मौतों के बाद सबसे पहले कोल्ड्रिफ बैच नंबर SR-13 और नेक्स्ट्रो-डीएस बैच नंबर AQD-2559 को बैन किया गया। इसके बाद, इंदौर की आर्क फार्मा कंपनी के ‘डिफ्रॉस्ट’ सिरप के बैच नंबर 11198 को भी बाजार से रिकॉल करने के आदेश जारी हुए।

मध्य प्रदेश सरकार ने सभी फार्मा कंपनियों को चेतावनी दी है कि वे क्लोरफेनिरामाइन मलेट (Chlorpheniramine Maleate) और फिनाइलफ्रिन एचसीएल (Phenylephrine HCl) जैसे रसायनों का उपयोग सावधानीपूर्वक करें।

350 से ज्यादा गंभीर गड़बड़ियां — फैक्ट्री सील

सरकारी निरीक्षण में श्रीसन फार्मा की यूनिट में 350 से अधिक गंभीर श्रेणी की खामियां पाई गईं। इनमें रिकॉर्ड मेनटेनेंस, रॉ मटेरियल ट्रैकिंग, कर्मचारी ट्रेनिंग, और मशीन सेफ्टी से जुड़ी बड़ी लापरवाहियां थीं।

सरकार ने फैक्ट्री को सील कर दिया है और सभी दवाओं की बिक्री, ट्रांसपोर्टेशन और वितरण पर तत्काल रोक लगा दी गई है।

देश में कफ सिरप से मौत के मामलों पर नजर

यह पहला मामला नहीं है जब भारतीय कफ सिरप से मौतें हुई हों। इससे पहले भी गाम्बिया, उज्बेकिस्तान, और कैमरून जैसे देशों में भारतीय दवाओं से बच्चों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं।

WHO ने 2023 में भारत को चेतावनी दी थी कि फार्मा सेक्टर में गुणवत्ता नियंत्रण की कमी से देश की साख खतरे में पड़ रही है।

सरकार ने बनाए नए सख्त नियम

स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस घटना के बाद कफ सिरप एक्सपोर्ट के लिए टेस्टिंग लैब सर्टिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है। अब बिना “Certificate of Analysis” किसी भी बैच को निर्यात नहीं किया जा सकेगा।

इसके साथ ही, भारत सरकार ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे फार्मा फैक्ट्रियों का ऑडिट करें और जो यूनिटें मानकों पर खरी नहीं उतरतीं, उनके लाइसेंस तुरंत रद्द किए जाएं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि पर असर

भारत को “फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड” कहा जाता है, लेकिन लगातार ऐसे मामलों से भारत की फार्मा इंडस्ट्री की साख को गहरा नुकसान पहुंचा है।

WHO और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भारत सरकार से गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रिया को सख्त करने की अपील की है।

FAQs: कोल्ड्रिफ कफ सिरप केस से जुड़े आम सवाल

1. कोल्ड्रिफ कफ सिरप किस कंपनी ने बनाया था?

यह सिरप श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स नामक कंपनी द्वारा बनाया गया था, जो तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में स्थित है।

2. कोल्ड्रिफ सिरप से कितनी मौतें हुई हैं?

अब तक मध्य प्रदेश में 25 बच्चों की मौत इस जहरीले सिरप के सेवन से हो चुकी है।

3. सिरप में कौन-सा जहरीला रसायन मिला?

सिरप में डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल जैसी जहरीली चीजें पाई गईं, जो किडनी फेलियर का कारण बन सकती हैं।

4. कंपनी के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?

तमिलनाडु सरकार ने श्रीसन फार्मा का लाइसेंस रद्द कर दिया है और फैक्ट्री को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है।

5. ED की जांच किस मामले में हो रही है?

ED ने कंपनी के ठिकानों पर मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध कमाई से जुड़े वित्तीय मामलों में छापेमारी की है।

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