मध्यप्रदेश

फोटो सेशन में पीछे की कतार में बैठे थें मोहन यादव, उन्हें खुद भी अंदाजा नहीं था कि अगले आधे घंटे में MP के CM होंगे

फोटो सेशन में पीछे की कतार में बैठे थें मोहन यादव, उन्हें खुद भी अंदाजा नहीं था कि अगले आधे घंटे में MP के CM होंगे
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मध्यप्रदेश में उज्जैन दक्षिण के विधायक मोहन यादव (MP CM MOHAN YADAV) को नया मुख्यमंत्री बनाया गया है।

भाजपा ने मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर एक बार फिर सबको चौका दिया। जितने भी नाम एमपी के सीएम पद की रेस में थे उनसे परे भाजपा के आलाकमान ने प्रदेश की कमान उज्जैन दक्षिण के विधायक मोहन यादव को सौंप दिया।

सोमवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में शामिल होने और राज्य का मुख्यमंत्री चुनने उज्जैन से भोपाल के भाजपा कार्यालय पहुंचे मोहन यादव को अपने नाम का ऐलान होने पर खुद भी यकीन नहीं हुआ। क्योंकि विधायक दल की बैठक के लगभग आधे घंटे पूर्व बीजेपी कार्यालय में नवनिर्वाचित विधायकों और केन्द्रीय पर्यवेक्षकों का फोटो सेशन हुआ था। इस फोटो सेशन में डॉ. मोहन यादव पीछे की तीसरी कतार में बैठे नजर आए।

शिवराज ने सुझाया था मोहन यादव का नाम

रिपोर्ट की मानें तो मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने सीएम पद के लिए हाइकमान के समक्ष खुद मोहन यादव का नाम प्रस्तावित किया था। इसके बाद विधायक दल की बैठक में यादव के नाम पर मुहर लगा दी गई। साथ ही राजेन्द्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा को डिप्टी सीएम बनाया गया। वहीं सीएम पद की रेस में शामिल पूर्व केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को स्पीकर का पद दिया गया है।

मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं। संघ के करीबी मानें जाते हैं। साथ ही शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री का पद संभाल चुके हैं। डॉ. यादव पहली बार 2013 में विधायक बनें, 2018 में दूसरी बार चुनाव जीता। लेकिन 2020 में शिवराज सरकार दोबारा बनने के बाद उन्हे जुलाई में कैबिनेट में मंत्री पद दिया गया। कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ लेने के साथ ही सूबे की राजनीति में उनका कद बढ़ता गया।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का राजनीतिक करियर

मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव छात्र नेता के तौर पर अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। 25 मार्च 1965 को महाकाल की नगरी उज्जैन में जन्में मोहन यादव 1982 में माधव साइंस कॉलेज के जाइंट सेक्रेटरी रहें। (यह भी पढ़ें: राजेंद्र शुक्ल के उप मुख्यमंत्री बनने पर विंध्य में जश्न: 5वीं बार विधायक और 4 बार मंत्री बनने का रिकॉर्ड, जानिए डिप्टी सीएम का राजनीतिक सफरनामा)

  • 1984 में इसी कॉलेज के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। इसी साल वे ABVP उज्जैन के नगर मंत्री पद तक पहुंचे।
  • 1988 में मोहन यादव का राजनीतिक कद बढ़ा।
  • वे ABVP के प्रदेश सहमन्त्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बनाए गए।
  • 1991-1992 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री के पद तक पहुँच गए।
  • वह 1993-1995 में आरएसएस (उज्जैन) शाखा के सहखंड कार्यवाह बने।
  • 1997 में भाजयुमो की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य बने।
  • बाद में 1998 में पश्चिमी रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य बन गए।
  • 1999 में उन्हें भाजयुमो के उज्जैन संभाग का प्रभारी बनाया गया।
  • साल 2000-2003 में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की कार्यपरिषद के सदस्य बने।
  • 2000-2003 में उन्हें भाजपा का नगर जिला महामंत्री बनाया गया।
  • 2004 में भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य बने।
  • बाद में 2004 से 2010 में उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद तक पहुंचे।
  • साल 2008 से भारत स्काउट एंड गाइड के जिलाध्यक्ष बने।
  • 2011-2013 में मध्य प्रधेश राज्य पर्यटन विकास निगम बने।
  • 2013 में पहली बार भाजपा के सेंबल से उज्जैन दक्षिण के विधायक बनें।
  • 2018 में दूसरी बार उज्जैन दक्षिण के विधायक निर्वाचित हुए।
  • 2 जुलाई 2020 को शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट में मंत्री के रूप में शपथ ली और उच्च शिक्षा मंत्री का जिम्मा संभाला।
  • 3 दिसंबर 2023 को विधानसभा आम निर्वाचन के परिणाम में उज्जैन दक्षिण से कांग्रेस के चेतन प्रेम नारायण को 12941 वोटों से हराया था और तीसरी बार विधायक बनें।
  • 11 दिसंबर 2023 को मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री चुने गए।
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