इंदौर

यह कैसी प्रथा, अधिक पैदावार के लिए यहां खेतो को पहनाई जाती है साड़ी

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:43 AM GMT
यह कैसी प्रथा, अधिक पैदावार के लिए यहां खेतो को पहनाई जाती है साड़ी
x
परंपराओं की अगर बात की जाय तो भारते जैसे विशाल देश में आनेक प्रथाएं और परंपराएं हैं। सभी अपने प्रथा के अनुसार देवी देवता की पूजा करते है।

यह कैसी प्रथा, अधिक पैदावार के लिए यहां खेतो को पहनाई जाती है साड़ी

परंपराओं की अगर बात की जाय तो भारते जैसे विशाल देश में आनेक प्रथाएं और परंपराएं हैं। सभी अपने प्रथा के अनुसार देवी देवता की पूजा करते है। जिससे घर परिवार सुखी और सम्पन्न रहे। लेकिन एक ऐसी परंपरा विकसित हो रही है जिसमे खेतों को साड़ी पहनाई जाती है। किसान ऐसा अधिक पैदावार के साथ सुरक्षित खेती के लिए करते है।

यह भी पढ़े ; विंध्य में हैवानियत! महिला से गैंगरेप के बाद प्राइवेट पार्ट में सरिया डाला, तीन गिरफ्तार

इंदौर। जानकारी के अनुसार खेतो ंको साडी पहनाने का काम ज्यादातर इंदौर मे देखा गया। यहां के किसान खेत की मेड़ में बांस या फिर लकडी गाड़ देते हैं। और खेत के चारांे ओर साड़ियों को घुमाकर बांध दिया जाता है।
जब इस सम्बंध में जब किसान से बात की गई तो पता चला कि यह कोई परंपरा या रीति नहीं है। यह तो नीलगाय से फसलों की रक्षा करने के लिए लगाया गया है। किसान का कहना है कि खेते में चारांे ओर बांस या लकडी के खम्भे गाडकर उसमें साडी बांध दी जाती है। ऐसा कर देने से नीलगाय या फिर सुअरों का फसल नही दिखती है। और फसल को नुक्सान नही पहुचाते है।

NDIRk=tih> mtr-zgtü fUe ct-z ˜dtfUh Fu;tü fUtu le˜dtg ytih skd˜e mwyh mu catlu fUe fUturNN fUe st hne ni> VUtuxtu- lRo=wrlgt (mkckr"; Fch&le˜dtg mu VUm˜ catlu Fu;tü fUtu IvnltO hnu mt-ze)

इंदौर जिले के पिपल्दा गांव के किसान घनश्याम दत्तू का कहना है कि वह पहले एक खेत में इसका प्रयोग अचान से किया था। लेकिन देखा गया कि यह कारगर है तो सभी खेतों में लगा दिया है। इसके फसल का नुक्सान नही होने से पैदावार खूब हो रही है।

यहाँ क्लिक कर RewaRiyasat.Com Official Facebook Page Like

ख़बरों की अपडेट्स पाने के लिए हमसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी जुड़ें:
Facebook | WhatsApp | Instagram | Twitter | Telegram | Google News

Aaryan Dwivedi

Aaryan Dwivedi

    Next Story