भोपाल

मध्यप्रदेश में होने वाले 27 सीटों पर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने शुरू की तैयारियां, पुरानी परंपरा को तोड़ा

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:28 AM GMT
मध्यप्रदेश में होने वाले 27 सीटों पर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने शुरू की तैयारियां, पुरानी परंपरा को तोड़ा
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मध्यप्रदेश में होने वाले 27 सीटों पर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने शुरू की तैयारियां, पुरानी परंपरा को तोड़ा मध्यप्रदेश /भोपाल 27 सीटों पर

मध्यप्रदेश में होने वाले 27 सीटों पर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने शुरू की तैयारियां, पुरानी परंपरा को तोड़ा

मध्यप्रदेश /भोपाल ( विपिन तिवारी) । 27 सीटों पर उपचुनाव हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश की सत्ता में वापसी का ख्वाब देख रही कांग्रेस ने हिन्दू कार्ड (Hindutva Card) खेलने का पूरा ताना बाना बुनना अभी से शुरू कर दिया है। आगामी दिनों में प्रदेश में 27 सीटों पर उपचुनाव (By-election) होने है। धर्मनिरपेक्षता का दम भरने वाली कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में आगामी उपचुनाव को देखते हुए भाजपा (BJP) की हिंदुत्व वाली पिच (Pitch) पर बल्लेबाजी (Batting) करना शुरू करदी है। इसकी शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) ने राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के स्वागत करने के साथ करदी थी।
जिसके बाद मंदिर भूमि पूजन से एक दिन पहले अपने बंगले पर हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ और भूमि पूजन के दिन पूरी कांग्रेस का राम मय (Ram May) हो जाना यह बताता है कि कांग्रेस यह उपचुनाव जितने के लिए अपनी पुरानी परंपराओं को तोड़ हिंदुत्व को सहारा बनाने जा रही है। मकसद साफ है 2018 में जिस तरह हिंदुत्व के कार्ड (Hindutv Card) पर कांग्रेस की प्रदेश में 15 साल बाद वापसी हुई थी वही कार्ड कांग्रेस अब वापस से उपचुनाव में चलाने की तैयारी में है।

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कांग्रेस ने पकड़ी बीजेपी की राह दरअसल कांग्रेस का हिंदुत्व का रास्ता अपनाने का सबसे मुख्य कारण लगातार हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी को मिल रहा जनसमर्थन है। बीजेपी हिंदुत्व के सहारे अब तक चुनाव जीतती हुई आई है। यही कारण है कि अब कांग्रेस ने भी बीजेपी की ही राह पकड़ ली है। जिसके बाद, राम मंदिर भूमि पूजन (Ram Mandir Bhoomi Poojan) से एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमल नाथ (Former Chief Minister Kamal Nath And PCC Chief Kamal Nath) ने अपने बंगले पर हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया था।
वहीं घोषणा की थी कि मंदिर निर्माण में मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी 11 चांदी की ईंट दान देगी। वहीं मंदिर भूमि पूजन के दिन पूरी मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी राम मय हो गई थी। पीसीसी कार्यालय पर भगवान राम के पोस्टर लगाए गए। कार्यालय में दीप जला कर भगवान राम की पूजा अर्चना की गई। वहीं बैंड की धुन पर भजन की प्रस्तुतियां दी गई।

कमल नाथ की सोनिया से शिकायत

हालांकि हाल ही में केरल (Kerala) के त्रिशूर से कांग्रेस सांसद टीएन प्रतापन (TN Pratapan) ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को लेटर लिखा था। प्रतापन ने अपने इस लेटर में कमलनाथ और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) निर्माण को लेकर सोनिया गांधी से शिकायत की थी। टीएन प्रतापन ने कांग्रेस नेताओं द्वारा राम मंदिर निर्माण का सपोर्ट करने पर सवाल उठाते हुए कहा था कि यह एक अस्थायी सफलता के लिए झुकने जैसा है।
जिसके बाद कमल नाथ ने जवाब देते हुए कहा है, राम मंदिर के मुद्दे पर मैं (कमल नाथ) अपनी पार्टी के रुख से विचलित नहीं हूं। कमल नाथ ने कहा कि वो आज भी अपनी पार्टी की लाइन पर ही चल रहे हैं। बाबरी मस्जिद पर ढहाने पर कमल नाथ ने कहा कि की हम इसके खिलाफ थे। कांग्रेस पार्टी का स्टैंड क्लियर की कोर्ट जो भी फैसला सुनाएगा हम उसका पालन करेंगे।

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क्या बीजेपी ने हिन्दू धर्म का पेटेंट करा रखा है

वहीं कमल नाथ ने अपने आप को धर्मनिष्ठ हिंदू बताते हुए कहा कि वें हिन्दू धर्म मे आस्था रखते है। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में उन्होंने सबसे बड़ा हनुमान जी का मंदिर बनवाया था। वहीं बीजेपी को निशाने पर लेटे हुए कमला नाथ ने कहा कि, क्या “क्या बीजेपी ने हिंदू धर्म का पेटेंट करा रखा है? क्या उन्होंने धर्म और भगवान राम के लिए एजेंसी ले रखी है?” साथ ही उन्होंने कहा कि वो अन्य धर्मों का सम्मान करते है।

कांग्रेस में अल्पसंख्यकों की नाराजगी

प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Pradesh Congress Committee) के मुख्यालय में भगवान राम (Lord Ram) के आदमकद पोस्टर (Poster) पार्टी के ही कुछ नेताओं को रास नहीं आ आया। कांग्रेस के बड़े नेताओं का भगवा पहनना और भगवान राम के जयकारे लगाने को लेकर भी पार्टी के एक धड़े में नाराजगी है। कांग्रेस के अल्पसंख्यक (Minority) नेताओं को भगवान राम के पीसीसी (PCC) में पोस्टर लगाना इतना नागंवार गुजरा की इस्तीफा देने की नौबत आ गई।
अयोध्या (Ayodhya) में श्री राम मंदिर (Shri Ram Mandir) के भूमिपजून के मौके पर जो जलसा पीसीसी में हुआ उससे पार्टी के अल्पसंख्यक नेता खफा हैं। कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के तमाम पदाधिकारी नाराज़ भी हैं और उन्होंने पार्टी फोरम पर अपनी बात भी रख चुके हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी पदाधिकारी हैं जिनकी नाराज़गी इतनी बढ़ी की उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा तक दे दिया है।

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कांग्रेस की सेक्यूलर इमेज को धक्का : अल्पसंख्यक नेता दरअसल कांग्रेस के माइनॉरिटी नेताओं (Minority Leaders) की नाराजगी की असल वजह भगवान राम का नाम खुलेआम लेना है। कांग्रेस के अल्पसंख्यक नेता मानते हैं कि पीसीसी में भगवान राम के पोस्टर लगाने, दीए जलाने से कांग्रेस की सेक्यूलर इमेज को धक्का लगा है। कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के पदाधिकारी बेधड़क ये भी कहते हैं बड़े नेताओं को कम से कम भूमिपूजन (Bhoomi Poojan) की खुशी का इजहार पीसीसी दफ्तर में नहीं करना था। कांग्रेस के बड़े नेता अगर भगवान राम को दिल से मानते भी हैं तो वो बंद कमरे में अपनी आस्था दिखाते न कि उस दफ्तर में भगवा लहराते जिस दफ्तर में अल्पसंख्यकों का इमान जुड़ा है।

इसका साइड इफेक्ट न पड़ जाए

राम मंदिर के भूमिपूजन की खुशी कांग्रेस की सेहत पर ऐसा भी असर डालेगी पार्टी को शायद ये उम्मीद नहीं थी। अल्पसंख्यक नेताओं के बगावती अंदाज देखने के बाद पार्टी को डर है की अगले कुछ महीनों में होने वाले 27 सीटों के उपचुनाव पर इसका साइड इफेक्ट न पड़ जाए। क्योंकि बीजेपी टोपी औऱ टीके को लेकर कांग्रेस के भीतर ही चल रही खींचतान को चुनावों में बड़ा मुद्दा ज़रुर बनाएगी।
हालांकि कांग्रेस हमेशा से धर्मनिरपेक्षता की बात करती आई है, लेकिन हाल के दिनों में वह हिंदुत्व पर ज़्यादा जोर दे रही है। शायद कमल नाथ और कांग्रेस को अहसास है कि भाजपा को मात देने के लिए हिंदुत्व ही उसकी नैया पार लगा सकता है। लेकिन आने वाला समय ही बता पायेगा कि कांग्रेस का सॉफ्ट हिंदुत्व मध्यप्रदेश में दोबारा उसकी ताजपोशी करवाता है या फिर 2024 का इंतज़ार। [signoff]
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