मध्यप्रदेश

MP: उपचुनाव से पहले बढ़ने लगी भाजपा की मुश्किलें, पूर्व विधायक ने पेश कर दी दावेदारी

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:24 AM GMT
MP: उपचुनाव से पहले बढ़ने लगी भाजपा की मुश्किलें, पूर्व विधायक ने पेश कर दी दावेदारी
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MP: उपचुनाव से पहले बढ़ने लगी भाजपा की मुश्किलें, पूर्व विधायक ने पेश कर दी दावेदारी भोपाल। MP में होने जा रहे 24 सीटों पर उपचुनाव

MP: उपचुनाव से पहले बढ़ने लगी भाजपा की मुश्किलें, पूर्व विधायक ने पेश कर दी दावेदारी

भोपाल। MP में होने जा रहे 24 सीटों पर उपचुनाव भाजपा के लिए आसान नहीं होंगे। एक ही सीटों पर कई दावेदार खड़े होने पर भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती है। एक पूर्व विधायक ने टिकट की दावेदारी अभी से करना शुरू कर दी है। इसे लेकर टेंशन बढ़ गया है।

मध्य प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। उनमें से 22 सीटें ऐसी है जिसके विधायकों का इस्तीफा हो चुका है और वे अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में अब सिंधिया के साथ आए नेताओं को संतुष्ट करना पार्टी के लिए पहली प्राथमिकता तो है ही अब अपने ही घर के लोगों को भी संतुष्ट करना चुनौती होगा।

दतिया जिले में बढ़ी चुनौती भाजपा के सामने दतिया जिले में चुनौती बढ़ गई है। क्योंकि भाजपा के ही पूर्व विधायक अपनी पारंपरिक सीट से से दावेदारी कर रहे हैं। दतिया जिले की भांडेर विधानसभा सीट (Bhander Vidhan Sabha constituency) से विधायक रहे घनश्याम पिरोनिया ने उपचुनाव के लिए अपनी दावेदारी की है। गौरतलब है कि भाजपा नेता घनश्याम पिरोनिया भांडेर क्षेत्र में बड़े जनाधार वाले नेता माने जाते हैं। पिरोनिया ने 2013 से 2018 तक 5 साल भारतीय जनता पार्टी के दतिया जिले की भांडेर विधानसभा का नेतृत्व किया।

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घनश्याम पिरोनिया ( ghanshyam pironiya ) ने भोपाल पहुंचकर पार्टी आलाकमान के सामने अपनी बात रखी। उनका कहना है कि वे 2013 से 2018 तक विधायक रह चुके हैं, किन्हीं कारणों से उनका टिकट पिछली बार कट गया था, लेकिन उसके बाद भी वे 15 माह तक लगातार उस इलाके के लोगों के संपर्क में हैं। पिरोनिया ने कहा है कि 2018 में यदि उनका टिकट नहीं काटा जाता तो कांग्रेस जीत नहीं सकती थी। पूर्व विधायक ने कहा कि क्षेत्र की जनता भी चाहती है कि उन्हें ही टिकट दिया जाए।

भाजपा में आ गई रक्षा सरैनिया -घनश्याम पिरोनिया भांडेर सीट से 2013 में चुनाव जीते थे। -2018 के चुनाव में भाजपा ने उनकी जगह रजनी प्रजापति को प्रत्याशी बनाया था। -कांग्रेस की रक्षा सरैनिया ने रजनी को हरा दिया था। -रक्षा सरैनिया सिंधिया समर्थक विधायक थी। -वे अब भाजपा में शामिल हो चुकी हैं।

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