मध्यप्रदेश

MP में 7 हजार करोड़ के बंद हुए शराब के ठेके, अब सरकार करेगी ये..

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:23 AM GMT
MP में 7 हजार करोड़ के बंद हुए शराब के ठेके, अब सरकार करेगी ये..
x
MP में 7 हजार करोड़ के बंद हुए शराब के ठेके, अब सरकार करेगी ये..MP: जबलपुर/ कोरोना संकट के बीच मध्य प्रदेश के शराब कारोबारियों को तगड़ा झटका

MP में 7 हजार करोड़ के बंद हुए शराब के ठेके, अब सरकार करेगी ये..

MP: जबलपुर/ कोरोना संकट के बीच मध्य प्रदेश के शराब कारोबारियों को तगड़ा झटका लगने के आसार बन रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदेश के 70 फीसदी शराब ठेकेदार सरकार की नई शराब नीति से संतुष्ट नहीं हैं। इसी वजह से ये ठेकेदार अपने ठेकों को सरेंडर भी कर चुके हैं। हालांकि, प्रदेश के सिरेफ 30 फीसदी ठेकेदार ही सरकार द्वारा जारी नई नीति को मान रहे हैं। 70 प्रतिशत शराब ठेकेदारों के सरेंडर करने से करीब 7000 करोड़ के आबकारी ठेके सरेंडर हो जाएंगे। बहरहाल, हाईकोर्ट ने इन 70 फीसदी ठेकेदारों को सोमवार तक अपना अंतिम निर्णय लेने का मौका दिया है। अब देखना ये होगा कि, ये ठेकेदार सरकार द्वारा दिये नए विकल्प को चुनते हैं, या नहीं।

अब ट्रेन टिकट बुक करने के पहले देनी होगी ये जानकारी, नहीं दी तो होगा…

प्रदेश के सभी बड़े शहरों के ठेके सरेंडर

हाईकोर्ट से अंतरिम आदेश आने के बाद शराब ठेकेदारों ने दुकानें सरेंडर करना शुरू कर दिया है। इसमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर यानी प्रदेश के सभी बड़े शहरों के ठेकेदारों ने अपनी दुकानें सरकार को सौंप दी है। इस संबंध में उन्होंने शपथ पत्र देकर आबकारी विभाग को जानकारी दी है। हाईकोर्ट ने ठेकेदारों को स्थिति स्पष्ट करने के लिए तीन दिन का मौका दिया था, लेकिन जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर, भोपाल, मंदसौर, नीमच, रतलाम, उज्जैन, देवास, छिंदवाड़ा, कटनी, रीवा आदि शहरों के ठेकेदारों ने शपथ पत्र सौंप दिए। बता दें कि, प्रदेश का 70 फीसदी राजस्व इन्हीं शहरों से आता है।

आंकड़ों से समझे पूरे हालात

शराब ठेकेदारों ने 10460 करोड़ में से 7200 करोड़ की दुकानें छोड़ दी है प्रदेश में कुल टेंडर हुए 10460 करोड़ रुपए दुकानें छोड़ीं 7200 करोड़ रुपए दुकान चलाएंगे 30 से 33 प्रतिशत चार बड़े शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर,जबलपुर- 3 हजार करोड़ की कुल दुकानें प्रदेश में कुल देशी 2544 और विदेशी 1061 शराब दुकानें

सरकार को नुकसान

मार्च- 653 करोड़ अप्रैल- 1029 करोड़ मई- 900 करोड़ 33 फीसदी दुकानों से खजाने में आए मई- 150 करोड़

मध्यप्रदेश में शॉपिंग मॉल खुलने के लिए दिशा-निर्देश जारी, पढ़िए पूरी खबर

सरकार के पास बचेंगे दो विकल्प

अगर सोमवार को भी शराब ठेकेदार अपने फैसले पर अड़िग रहते हुए लाइसेंस को सरेंडर करे रखते हैं, तो ऐसी स्थिति में सरकार के पास दो ही विकल्प बचेंगे। या तो वो सीधे आबकारी विभाग से ही अपनी दुकानें चलवाए या फिर नए सिरे से टेंडर जारी कर दुकानें नीलाम करे।

पढ़ें ये खास खबर- निर्माता एकता कपूर की बढ़ी मुश्किलें, अश्लीलता फैलाने के आरोप में केस दर्ज

तो भी सरकार को होगा नुकसान

लंबे समय से शराब ठेकेदार और सरकार के बीच चला आ रहा विवाद हाईकोर्ट में पहुंचने से पहले ही सुलझ सकता था, लेकिन अब मामला पूरी तरह उलझ गया है। शराब ठेकेदारों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता नमन नागरथ के मुताबिक, सरकार को पहले 25 प्रतिशत ठेके की रकम कम करने का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे सरकार की ओर से मानने इंकार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि, अगर सरकार इस प्रस्ताव क मान लेती तो आज राजस्व का इतना नुकसान नहीं होता। वहीं, जिन दुकानों के लाइसेंस सरेंडर हो चुके हैं अगर उन्हें रीटेंडर भी किया गया, तो भी सरकार को 50 फीसदी राजस्व का घाटा होना तय है।

Aaryan Dwivedi

Aaryan Dwivedi

    Next Story