लखनऊ

लॉकडाउन के बीच देश में इन स्टेशनों के बीच चली पहली स्पेशल ट्रेन

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:21 AM GMT
लॉकडाउन के बीच देश में इन स्टेशनों के बीच चली पहली स्पेशल ट्रेन
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देश में पहली यात्री ट्रेन चली। यह ट्रेन हैदराबाद से झारखंड के लिए चलाई गई है जिसमें यात्री सवार थे। दरअसल, लॉकडाउन में यह एक स्पेशल ट्रेन थी

एक तरफ देश में लॉकडाउन है और इस वजह से पिछले एक महीने से हर तरह की यात्री ट्रेनें बंद हैं, वहीं दूसरी तरफ एक महीने के बाद शुक्रवार को देश में पहली यात्री ट्रेन चली। यह ट्रेन हैदराबाद से झारखंड के लिए चलाई गई है जिसमें यात्री सवार थे। दरअसल, यह एक स्पेशल ट्रेन थी जो हैदराबाद से मजदूरों को लेकर झारखंड गई है। यह एक नॉनस्टॉप ट्रेन है जिसमें केवल तेलंगाना में लॉकडाउन की वजह से फंसे माइग्रेंट वर्कर्स को ही ले जाया गया है।

ट्रेन शुक्रवार को हैदराबाद के लिंगमपल्ली स्टेशन से सुबह निकली जो सभी मजदूरों को लेकर झारखंड के हतिया स्टेशन पहुंचेगी। इस तरह यह मजदूर आखिरकार अपने-अपने घरों तक पहुंच पाएंगे। सुबह 5.30 लिंगमपल्ली से निकली इस ट्रेन का नाम स्पेशल ट्रेन दिया गया है। इस ट्रेन में 500 मजदूरों को भेजा गया है। इन मजदूरों को पहले बसों के माध्यम से लिंगपल्ली में स्थित IIT कैंपस में लाया गया था।

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इस ट्रेन की खास बात यह रही कि इसके जाने की भनक किसी को नहीं लग सकी। इसमें केवल मजदूरों को झारखंड भेजा गया है। इस पूरे ऑपरेशन को पूरी तरह से सिक्रेट रखते हुए पूरा किया गया। यह ट्रेन तेलंगाना सरकार द्वारा रेलवे के साउथ सेंट्रल रेलवे से अपील करने के बाद चलाई गई है।

बता दें कि देशव्यापी लॉकडाउन के एलान के बाद से लाखों लोग दूसरे राज्यों में फंसे हैं। इन्हें अपने-अपने गांव-घर लाने की लगातार मांग हो रही थी। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान ऐसे लोगों को अपने गांव-घर जाने की अनुमति दे दी है। गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यों को इस संबंध में आदेश जारी किया। इसी के तहत 1 मई से इन लोगों को अपने-अपने घरों तक पहुंचाया जा रहा है।

केंद्र के आदेश में कहा गया है कि फंसे मजदूरों, छात्रों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों आदि को बसों से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा। बसों को अच्छी तरह सैनिटाइज किया जाएगा और लोगों को बैठाने में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखना होगा।

बता दें कि तीन मई के बाद अचानक ऐसे लोगों की भीड़ खड़ी होने की भी आशंका है। ऐसे में सरकार ने चार दिन पहले ही इस दिशा में कदम बढ़ा दिया है, ताकि आखिरी क्षणों में अफरातफरी का सामना नहीं करना पड़े। राज्य भी इस संबंध में नीति बनाने की मांग कर रहे थे।

Aaryan Dwivedi

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