लाइफस्टाइल

विष्णु पुराण में थी ऐसी भविष्यवाणी, जिसे पढ़कर छूट जाएंगे आपका पसीना

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:23 AM GMT
विष्णु पुराण में थी ऐसी भविष्यवाणी, जिसे पढ़कर छूट जाएंगे आपका पसीना
x
विष्णु पुराण में थी ऐसी भविष्यवाणी, जिसे पढ़कर छूट जाएंगे आपका पसीना इस वक्‍त जो गर्मी पड़ रही है उसे देखकर तो ऐसा लग रहा है कि क्‍या

विष्णु पुराण में थी ऐसी भविष्यवाणी, जिसे पढ़कर छूट जाएंगे आपका पसीना

इस वक्‍त जो गर्मी पड़ रही है उसे देखकर तो ऐसा लग रहा है कि क्‍या बस अब चारों ओर आग लगने वाली है ? हम और आप तो इसे महज एक परिकल्‍पना ही समझेंगे। लेकिन विष्‍णु पुराण में इसी परिकल्‍पना के सच होने की बात कही गई है। दरअसल विष्‍णु पुराण के एक अध्‍याय में धरती के बढ़ते ताप के बारे में बताया गया है। इसमें बताया गया है कि कलियुग का अंत जब करीब आ जाएगा तो क्‍या होगा।

अगर आपका नाम भी शुरू होता है M अक्षर से तो पढ़िए पूरी खबर

विष्णु पुराण में कलियुग के गुणों का वर्णन किया गया है। इसमें बताया गया है कि कलियुग में लोगों के आचरण कैसे हो जाएंगे। लोग थोड़े से धन के लिए छल-कपट करेंगे। पति-पत्नी के संबंध का आधार धन होगा। धनहीन होने पर पत्नी पति का त्याग कर देगी। इसके बाद विष्णु पुराण में नैमित्तिक प्रलय का वर्णन किया गया है। इस वक्‍त जो भीषण गर्मी पड़ रही है, उसे विष्‍णु पुराण में दी गई जानकारी से जोड़कर देखा जा सकता है
इसमें बताया गया है कि जब कलियुग में पाप का प्रभाव बहुत बढ़ जाता है तब भगवान विष्णु स्वयं सात सूर्य के समान पृथ्वी को तपाते हैं। उस समय ऐसा लगता है जैसे सूर्य सिर के ऊपर ही स्थित हों। धरती तांबे के समान तपती नजर आती है।
उस समय कई वर्षों तक वर्षा नहीं होती है। नदी, तालाब, पानी के स्रोत सब सूख जाते हैं। पृथ्वी से पाताल तक सभी जीव जल के बिना तड़पने लगते हैं। धरती पर दरारें नजर आने लगती हैं। जल के अभाव में जीव तड़पकर प्राण त्यागने लगते हैं।

अगर आपके नाम का पहला अक्षर B है तो जरूर पढ़िए ये खबर !

जब धरती पर पाप का बोझ बढ़ जाता है तो श्रीहरि अपनी एक लीला का प्रयोग करते हैं। वह सूर्य की सातों किरणों में उपस्थित होकर धरती के संपूर्ण जल को सोख लेते हैं। इस प्रकार वह प्राणियों के आसपास स्थित संपूर्ण जल को सोखकर पूरे भूमंडल को शुष्‍क कर देते हैं। इस प्रकार से सातों सूर्य रश्मियां सूर्य के समान ही ताप प्रदान करने वाली हो जाती हैं और ये सातों सूर्य मिलकर पाताल के बाद पूरी धरती को भस्‍म कर देते हैं।
उस वक्‍त समुद्र और सभी नदियों के सूख जाने और सभी वृक्षों व प्राणियों के नष्‍ट हो जाने से यह धरती कछुए की पीठ के समान कठोर हो जाती है। संपूर्ण पृथ्‍वी एक आग के गोले में तब्‍दील हो जाएगी। जहां न कोई जल होगा और न कोई जीव। बस चारों ओर अग्नि ही धधकती रहेगी।

इतिहास का सबसे कामुक सम्राट था शाहजहाँ, पत्नी की मृत्यु के बाद बेटी से बनाता था सम्बन्ध, 8000 औरतें भी थी जिनके साथ वो…

विष्‍णु पुराण में आगे बताया गया है कि जब पूरी धरती जलने लगेगी तब भगवान विष्‍णु अपने मुख से श्‍वांस के द्वारा मेघ उत्‍पन्‍न करेंगे। जिससे पूरी धरती पर प्रलयकारी वर्षा होगी और सब कुछ जलमग्‍न हो जाएगा। सिवाय जल के पूरी धरती पर कुछ भी नजर नहीं आएगा। चारों तरफ केवल पानी ही पानी होगा फिर ब्रह्माजी ने नए सिरे से सृष्टि की एक बार फिर से रचना करेंगे। [signoff]
Aaryan Dwivedi

Aaryan Dwivedi

    Next Story