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इंदौरियों को Lockdown से दिक्कत नहीं, पर कर दी ऐसी अजीबोगरीब Demand कि प्रशासन भी हैरान है
इंदौरियों को Lockdown से दिक्कत नहीं, पर कर दी ऐसी अजीबोगरीब Demand कि प्रशासन भी हैरान है
इंदौर। इंदौरियों को Lockdown से दिक्कत नहीं है, वे इसे बढ़ाने पर भी तैयार हैं। पर इन्होने ऐसी अजीबोगरीब Demand कर दी है कि प्रशासन भी हैरान है। दरअसल रोजाना 300 क्विंटल पोहा और 10 तक नमकीन सेव खपत करने वाले इंदौरी लोगों को सेव-पोहा उपलब्ध न हो पाने से उनका सब्र टूटता जा रहा है।
लिहाजा इंदौरियों ने घर-घर सब्जी पहुंचाने वाले नगर निगम को सलाह तक दे डाली की भले ही Lockdown बढ़ा दो, पर हमें सेव-पोहा खिलाते रहो। इंदौरियों की ऐसी अनोखी Demand पर हैरान प्रशासन अब इस पर विचार भी कर रहा है।
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आग्रह का असर यह रहा कि प्रशासन ने भी इस बात को स्वीकारा कि लोग दाल-रोटी-आलू-प्याज खाकर उकता गए हैं। प्रशासन अब नमकीन की होम डिलीवरी करवाने पर विचार कर रहा है। माना जा रहा है कि 17 मई से पहले प्रशासन राशन पैकेट में नई वस्तुएं जोड़ने का फैसला ले लेगा। शहर में कोरोना संक्रमण के असर को देखते हुए इंदौर नगर निगम ने घर-घर राशन सामग्री बांटने का फैसला लिया था।
लॉकाडाउन को कारगर बनाने और लोगों को घरों से बाहर जाने से रोकने में यह प्रयोग सफल माना जा रहा है। इसके तहत नागरिकों को घर पर राशन के सशुल्क पैकेट उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। इसमें अभी 15 वस्तुएं हैं। अब जनता की मांग पर नगर निगम ने जिला प्रशासन को ऐसी 15 वस्तुएं और सुझाई हैं जिनकी होम डिलीवरी के लिए लगातार मांग आ रही है। इनमें सबसे खास पोहा और नमकीन है।
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प्रशासनिक स्तर पर आला अधिकारियों के बीच प्रस्ताव पर विचार-मंथन का दौर शुरू हो गया है। इस विषय पर जल्द फैसला होने की उम्मीद है। हालांकि अभी इन वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती रहेगी। आला अधिकारियों को नई वस्तुओं की सप्लाई चेन बनानी होगी। अधिकारी भी मान रहे हैं कि डेढ़ महीने से घर बैठे लोग अब एक ही तरह वस्तुएं खाकर उकता गए हैं। उन्हें नई वस्तुएं देना जरूरी है। इंदौर में वैसे भी 17 मई के बाद भी लॉकडाउन को लेकर स्थिति साफ नहीं है।
ये वस्तुएं जोड़ने का प्रस्ताव
रवा, सूजी, मैदा, गेहूं, दलिया, पोहा, शैंपू, हेयर ऑइल, दूध, दही, छाछ, सैनिटाइजर, फिनाइल, नमकीन, बेसन और शेविंग किट।
अब तक यह शामिल
आटा, दाल, चावल, खाद्य तेल, शकर, चाय पत्ती, आलू, प्याज, दूध पावडर, साबुन, नमक, लाल मिर्च, हल्दी, धनिया पावडर और गरम मसाला।
स्वाद का सेहत से कोई संबंध नहीं है। यदि एक सा खाना रोज खा रहे हैं और वह सेहतमंद रखता है तो उसे महीनों खाया जा सकता है। आहार में विविधता केवल स्वाद के लिए ही है। आहार में रवा, मैदा या शकर को शामिल करना सही नहीं है। बेसन जरूर शामिल करना चाहिए, यह सेहत के लिए ठीक है। दाल बदल-बदल कर खानी चाहिए। इससे हर तरह के पोषक तत्व मिल जाते हैं। - डॉ. प्रीति शुक्ला राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य, इंडियन डायटेटिक एसोसिएशन
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अभी सबसे पहले शहर में प्राथमिकता के आधार पर फलों की सप्लाई शुरू करना है। निगम प्रशासन ने आंतरिक स्तर पर वस्तुओं की संख्या बढ़ाने पर चर्चा और तैयारी की है। यदि व्यवस्थाएं बनेंगी तो निश्चित रूप से इस पर विचार किया जाएगा। - प्रतिभा पाल, निगमायुक्त
कितने प्रकार के पोहे
इंदौरी पोहा : राई, हरी मिर्च, हल्दी, सौफ, शकर का बघार। कच्चा प्याज, नींबू, जिरावन और सेव-नुक्ति ऊपर से बुरक कर खाया जाता है।
महाराष्ट्रीयन पोहा : मूंगफली दाना, कड़ी पत्ता बघार में डाला जाता है। सूखा नारियल भी किस कर डालते हैं। चिवड़े और सेव का इस्तेमाल भी किया जाता है।
ऊसल पोहा : मालवा और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में पोहे को मूंग या मटर के उसल के साथ खाया जाता है।
उत्तरप्रदेशी पोहा : आलू और मटर के दानों का इस्तेमाल कर इसे बनाया जाता है, लेकिन यहां शकर नहीं डाली जाती। आगरा के दालमोठ के साथ कच्चा प्याज डालकर लोग खाते हैं।
छत्तीसगढ़ी पोहा : पोहे के बघार में टमाटर का भी इस्तेमाल होता है।
कोलकाता का पोहा : पोहे के साथ दही का इस्तेमाल कर खाया जाता है।
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