दुष्कर्म की सनसनी वारदात, किशोरी 6 वर्ष से थी पीडित, सपा-बसपा जिलाध्यक्ष, पिता-चाचा समेत 28 नाम आया सामने

Lalitpur Rape Case: दुष्कर्म की सनसनी वारदात, किशोरी 6 वर्ष से थी पीडित कई हाई प्रोफइल लोगो के खिलाफ मामला दर्ज।

Update: 2021-10-14 00:01 GMT

सांकेतिक तस्वीर 

Lalitpur Rape Case उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के ललितपुर (Lalitpur) में दुष्कर्म का एक सनसनी खेज मामला सामने आया है। किशोरी 6 वर्षों से आरोपियों के चंगुल में फंसी हुई थी। इस प्रकरण में पीड़िता के पिता, चाचा, ताउ तथा बसपा-सपा के जिला पदाधिकारियों का नाम सामने आया है। वहीं कई प्रतिष्ठित लोगों का नाम भी एफआईआर में शमिल किया गया है। जिसमें 28 लोगों को पुलिस ने आरोपी बनाया है। वहीं 25 आरोपियों को नामजद किया है।

क्या है मामला

जानकारी के अनुसार दुष्कर्म के इस मामले में खुल रही परते मानवता को झगझोर देने वाली है। पीड़ित नबालिग ने बताया कि जब वह कक्षा 6 में पढ़ रही थी तब उसके पिता ने उसके साथ खेत में दुष्कर्म किया। उसके बाद यह सिलसिला चलता रहा। बाद में उसे होटल में ले जाया जाने लगा। थक हारकर उसने मां भाई तथा अपने आपको घर के एक कमरे में बंद कर लिया और पुलिस को जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक ने खुद इस मामले में संज्ञान लिया और पीड़िता के घर गये। कार्रवाई का भरोसा दिया। तब जाकर वह कमरे के बाहर निकली।

28 लोगों पर मामला दर्ज

पीड़िता के दिये बयान पर पुलिस ने 28 लोगों पर मामला दर्ज किया हैं वही 25 आरोपियों को नामजद कर लिया गया है। पिडिता ने दिये अपने बयान में बताया कि इस मामले में उसके पिता, चाचा तथा ताउ भी शामिल है। वहीं सपा तथा बसपा के जिलाध्यक्ष पर मामला दर्ज करवाया गया है। इसके अलावा एक पार्षद सपा नगर अध्यक्ष का नाम भी आरोप में लिखवाया गया है।

पूरा मामला झूठा

इस मामले में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष तिलक यादव का नाम सामने आया है। तिलक यादव का कहना है कि पूरा मामला झूठा है। यह विरोधियों के शाजिस है। उन पर झूठा मामला दर्ज करवाया गया है। महिला का पति से विवाद है। वह किसी के बहकावे में आकर यह लोगो  को फसा रही है।

विरोधियों का षड्यंत्र

बसपा जिलाध्यक्ष दीपक अहिरवार का कहना है कि उनका नाम इस मामले में विरोधियों के इसारे पर षड्यंत्र पूर्वक शामिल किया गया है। उन्होने कहा कि वह उक्त पीडिता और उसके परिवार को जानते हैं और न ही वह उसके परिवार से कोई समम्बंध रहा है। मामले की जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी से करवानी चाहिए।

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